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Chandigarh News: दिवाली और गुरु पर्व पर सिर्फ दो घंटे ही जला सकेंगे पटाखे, वो भी सिर्फ ”ग्रीन” Chandigarh News Updates

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चंडीगढ़। यूटी प्रशासन ने दशहरा, दिवाली और गुरु पर्व के दौरान पर्यावरण अनुकूल ग्रीन पटाखों के जलाने की अनुमति दी है। दिवाली पर रात 8 से 10 बजे और गुरु पर्व पर सुबह 4 से 5 व रात 9 से 10 बजे के बीच ””ग्रीन पटाखे”” जला सकेंगे। प्रशासन ने हिदायत दी है कि लोग सामान्य पटाखे नहीं जलाएंगे, सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की ही अनुमति होगी। शहर में बिक्री भी सिर्फ ग्रीन पटाखों की ही होगी।

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पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया है। जारी आदेश में सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों का हवाला दिया गया है। दशहरा के दिन रावण दहन के समय, दिवाली पर रात 8 बजे से लेकर 10 बजे तक और गुरु पर्व के मौके पर सुबह 4 बजे से लेकर 5 बजे और फिर रात में 9 बजे से लेकर 10 बजे के बीच ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति देने का फैसला लिया गया है। प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि ग्रीन पटाखों की बिक्री के लिए अनुमतियां ऑनलाइन मोड में डीसी कार्यालय के माध्यम से जारी की जाएंगी। दरअसल, ग्रीन पटाखे हवा में कम जहरीले कण छोड़ते हैं, जिससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। ग्रीन पटाखों पर ””ग्रीन”” और ””ई”” मार्किंग होती है, जिससे इन्हें पहचाना जा सकता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण दीवाली और अन्य त्योहारों के समय ग्रीन पटाखों को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यावरण और जनस्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।

दिखने में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं ग्रीन पटाखे

ग्रीन पटाखे राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) की खोज हैं और ये आवाज से लेकर दिखने तक में पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं। इनको जलाने पर प्रदूषण काफी कम होता है। ये सामान्य पटाखों की तुलना में 40 से 50 फीसदी तक कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं, क्योंकि इनमें एल्युमिनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रेट और कार्बन का प्रयोग नहीं किया जाता है। ग्रीन पटाखों में खतरनाक रसायनों की मात्रा भी काफी कम होती है।

सामान्य पटाखों की तुलना में महंगे होते हैं ग्रीन पटाखे

ग्रीन पटाखों के कीमत की बात करें तो यह परंपरागत पटाखों की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं। डीसी ऑफिस की तरफ से इन पटाखों को बेचने के लिए विक्रेताओं को लाइसेंस दिए जाएंगे। इसके लिए ड्रा का आयोजन होगा। शहर के अलग-अलग इलाकों में पटाखों की बिक्री के लिए साइट तय किए जाएंगे, जहां से लोग ग्रीन पटाखे खरीद सकेंगे।

पटाखा प्रतिबंध पर प्रशासन का फैसला हर साल अलग-अलग

बीते कुछ सालों में दिवाली पर प्रशासन का फैसला अलग-अलग रहा है। वर्ष 2017 में प्रशासन ने तीन दिन के लिए पटाखों की बिक्री और जलाने पर प्रतिबंध हटाया था। इसमें दशहरा, दीपावली और गुरु पर्व पर शाम से 6.30 से 9.30 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति दी गई थी। वर्ष 2018 और 2019 में प्रशासन ने रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति दी थी, जबकि वर्ष 2020 और 2021 में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद फिर दो घंटे पटाखे जलाने की मंजूरी दी जाने लगी।

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