Chandigarh News: गांव मौली में स्कूल की इमारत गिराने के दौरान बवाल, लोगों-पुलिस में धक्कामुक्की


ख़बर सुनें

मनीमाजरा। एस्टेट ऑफिस की टीम द्वारा वीरवार को गांव मौली में लाल डोरे के बाहर बने एक स्कूल की इमारत को गिराने के दौरान बवाल हो गया। गांव के लोगों और एरिया पार्षद हरजीत सिंह ने मौके पर कार्रवाई के खिलाफ रोष व्यक्त किया। पुलिस ने गांववासियों और पार्षद को रोकना चाहा और धक्कामुक्की हो गई। इस दौरान कई लोगों को चोटें भी आईं हैं। वहीं पार्षद हरजीत सिंह ने पुलिस कर्मचारियों पर बदसलूकी का आरोप लगाया। इसके विरोध में पार्षद सहित गांववासियों ने मौलीजागरां थाने के बाहर जाकर रोष प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। भाजपा के प्रदेश महासचिव रामवीर भट्टी भी लोगों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही डीएसपी एसपीएस सोंधी मौके पर पहुंचे और उन्होंने पार्षद और भाजपा नेताओं के साथ बात कर धरने को खत्म करवाया। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी।
हुआ यूं कि मौली गांव में प्रशासन की एस्टेट ऑफिस की टीम भारत मॉडल नामक स्कूल की इमारत को गिराने के लिए आई थी। जब स्कूल के हॉल के साथ आधी स्कूल की इमारत गिरा दी गई तो गांव के लोग और एरिया पार्षद हरजीत सिंह ने वहां पहुंचकर कार्रवाई के खिलाफ रोष व्यक्त किया। पार्षद हरजीत सिंह का कहना था कि बिना नोटिस दिए प्रशासन स्कूल की इमारत को तोड़ रहा है। जब यह कार्रवाई की गई तो उस दौरान स्कूल में करीब चार सौ बच्चे स्कूल में पढ़ाई करने आए हुए थे। इसी विरोध के दौरान पुलिस और गांववासियों-पार्षद के साथ धक्कामुक्की हो गई।
एसआई हरनेक सिंह पर लगाया बदसूलकी का आरोप
हरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि गांव के ही रहने वाले एसआई हरनेक सिंह ने उनके साथ बदसलूकी की है। पार्षद ने कहा कि पुलिस के कर्मचारियों ने महिला सुमित्रा, रिंकी और युवक रोहित व मुस्कान के साथ मारपीट भी है। उन्होंने कहा कि रोहित और मुस्कान को पुलिस पकड़कर थाने ले गई और मेडिकल करवाने के दौरान दोनों के साथ अस्पताल में मारपीट की। वहीं भाजपा के प्रदेश महामंत्री रामवीर भट्टी का कहना कि उनको जब मामले का पता चला तो वह भी गांव में पहुंचे तो इस दौरान उनके साथ भी पुलिस कर्मचारी ने बदसलूकी की है। उनका कहना की इसी के चलते सभी गांव वासियों की मांग थी कि इस एसआई को मौलीजागरां थाने से बदल कर कहीं ओर भेजा जाए।
बॉक्स
एसडीएम के निर्देश पर चलाई मुहिम
यूटी प्रशासन की एस्टेट ऑफिस ने अवैध कब्जों के खिलाफ मुहिम छेड़ी है। इसी मुहिम के तहत कृषि भूमि पर बने इस स्कूल को गिरा दिया गया। एसडीएम के निर्देशों पर इंस्पेक्टर प्रवीण मित्तल और अनिल नारद की अगुवाई में मुहिम चलाई गई। इंफोर्समेंट विंग के एक अधिकारी ने बताया कि मौलीजागरां में लाल डोरे के बाहर स्कूल बनाया गया था। यही कारण है कि पहले विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया गया और इसके बाद ही एसडीएम के निर्देशों पर इसे गिराने की कार्रवाई पूरी की गई। इस दौरान पुलिस बल भी तैनात किया गया था।
कोट
एसआई बोले- मेरे पर लगाए गए आरोप निराधार
मैं वहां पर अपनी ड्यूटी कर रहा था। मैंने किसी के साथ कोई बदसलूकी या मारपीट नहीं की है। वहां जब प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जा रही थी तो तहसीलदार भी मौके पर थे इसलिए सभी पुलिस कर्मचारी गांव के लोगों और अन्य को आगे जाने से रोक रहे थे। मेरे पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।
-हरनेक सिंह, एसआई मौलीजागरां थाना
कोट
लोगों ने थाने के बाहर आकर पुलिस कर्मचारी के खिलाफ रोष व्यक्त किया था। लोगों और पार्षद की शिकायत ले ली गई है। इसकी जांच की जा रही है। सारी रिपोर्ट बनाकर आला अधिकारियों को भेज दी जाएगी। उसके बाद फिर इसके खिलाफ आरोप साबित होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
-एसपीएस सोंधी, डीएसपी, नॉर्थ ईस्ट सब डिवीजन

मनीमाजरा। एस्टेट ऑफिस की टीम द्वारा वीरवार को गांव मौली में लाल डोरे के बाहर बने एक स्कूल की इमारत को गिराने के दौरान बवाल हो गया। गांव के लोगों और एरिया पार्षद हरजीत सिंह ने मौके पर कार्रवाई के खिलाफ रोष व्यक्त किया। पुलिस ने गांववासियों और पार्षद को रोकना चाहा और धक्कामुक्की हो गई। इस दौरान कई लोगों को चोटें भी आईं हैं। वहीं पार्षद हरजीत सिंह ने पुलिस कर्मचारियों पर बदसलूकी का आरोप लगाया। इसके विरोध में पार्षद सहित गांववासियों ने मौलीजागरां थाने के बाहर जाकर रोष प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। भाजपा के प्रदेश महासचिव रामवीर भट्टी भी लोगों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही डीएसपी एसपीएस सोंधी मौके पर पहुंचे और उन्होंने पार्षद और भाजपा नेताओं के साथ बात कर धरने को खत्म करवाया। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी।

हुआ यूं कि मौली गांव में प्रशासन की एस्टेट ऑफिस की टीम भारत मॉडल नामक स्कूल की इमारत को गिराने के लिए आई थी। जब स्कूल के हॉल के साथ आधी स्कूल की इमारत गिरा दी गई तो गांव के लोग और एरिया पार्षद हरजीत सिंह ने वहां पहुंचकर कार्रवाई के खिलाफ रोष व्यक्त किया। पार्षद हरजीत सिंह का कहना था कि बिना नोटिस दिए प्रशासन स्कूल की इमारत को तोड़ रहा है। जब यह कार्रवाई की गई तो उस दौरान स्कूल में करीब चार सौ बच्चे स्कूल में पढ़ाई करने आए हुए थे। इसी विरोध के दौरान पुलिस और गांववासियों-पार्षद के साथ धक्कामुक्की हो गई।

एसआई हरनेक सिंह पर लगाया बदसूलकी का आरोप

हरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि गांव के ही रहने वाले एसआई हरनेक सिंह ने उनके साथ बदसलूकी की है। पार्षद ने कहा कि पुलिस के कर्मचारियों ने महिला सुमित्रा, रिंकी और युवक रोहित व मुस्कान के साथ मारपीट भी है। उन्होंने कहा कि रोहित और मुस्कान को पुलिस पकड़कर थाने ले गई और मेडिकल करवाने के दौरान दोनों के साथ अस्पताल में मारपीट की। वहीं भाजपा के प्रदेश महामंत्री रामवीर भट्टी का कहना कि उनको जब मामले का पता चला तो वह भी गांव में पहुंचे तो इस दौरान उनके साथ भी पुलिस कर्मचारी ने बदसलूकी की है। उनका कहना की इसी के चलते सभी गांव वासियों की मांग थी कि इस एसआई को मौलीजागरां थाने से बदल कर कहीं ओर भेजा जाए।

बॉक्स

एसडीएम के निर्देश पर चलाई मुहिम

यूटी प्रशासन की एस्टेट ऑफिस ने अवैध कब्जों के खिलाफ मुहिम छेड़ी है। इसी मुहिम के तहत कृषि भूमि पर बने इस स्कूल को गिरा दिया गया। एसडीएम के निर्देशों पर इंस्पेक्टर प्रवीण मित्तल और अनिल नारद की अगुवाई में मुहिम चलाई गई। इंफोर्समेंट विंग के एक अधिकारी ने बताया कि मौलीजागरां में लाल डोरे के बाहर स्कूल बनाया गया था। यही कारण है कि पहले विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया गया और इसके बाद ही एसडीएम के निर्देशों पर इसे गिराने की कार्रवाई पूरी की गई। इस दौरान पुलिस बल भी तैनात किया गया था।

कोट

एसआई बोले- मेरे पर लगाए गए आरोप निराधार

मैं वहां पर अपनी ड्यूटी कर रहा था। मैंने किसी के साथ कोई बदसलूकी या मारपीट नहीं की है। वहां जब प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जा रही थी तो तहसीलदार भी मौके पर थे इसलिए सभी पुलिस कर्मचारी गांव के लोगों और अन्य को आगे जाने से रोक रहे थे। मेरे पर लगाए गए आरोप निराधार हैं।

-हरनेक सिंह, एसआई मौलीजागरां थाना

कोट

लोगों ने थाने के बाहर आकर पुलिस कर्मचारी के खिलाफ रोष व्यक्त किया था। लोगों और पार्षद की शिकायत ले ली गई है। इसकी जांच की जा रही है। सारी रिपोर्ट बनाकर आला अधिकारियों को भेज दी जाएगी। उसके बाद फिर इसके खिलाफ आरोप साबित होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।

-एसपीएस सोंधी, डीएसपी, नॉर्थ ईस्ट सब डिवीजन

.


What do you think?

Sonipat: किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कैद, 70 हजार रुपये जुर्माना लगाया

Kurukshetra News: केयू में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती का मामला