चंडीगढ़। प्रशासन की तरफ से जारी नए कलेक्टर रेट का विरोध शुरू हो गया है। प्रॉपर्टी डीलर्स का कहना है कि पहले से ही महंगे चंडीगढ़ में अब आम आदमी के लिए घर खरीदना और मुश्किल हो जाएगा। गांववासियों से लेकर हाउसिंग सोसाइटियों में रहने वाले लोग भी बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं।
चार साल बाद प्रशासन ने कलेक्टर रेट में बड़ा बदलाव किया है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि की कीमत तीन से चार गुना तक बढ़ गई है जबकि सेक्टर-1 से 12 में रेट डेढ़ गुना तक बढ़ाए गए हैं। इससे पहले 2021 और 2017 में कलेक्टर रेट संशोधित किए गए थे। नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी। इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 और 2 का रेट 62,599 रुपये प्रति वर्ग गज से बढ़कर 83,100 रुपये प्रति वर्ग गज कर दिया गया है, जो करीब 32.7 फीसदी की वृद्धि है। ग्रामीण क्षेत्रों में कलेक्टर रेट में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। आबादी देह क्षेत्र में दरें 12,870 से बढ़ाकर 53,600 रुपये कर दी गई हैं, जो 316 फीसदी की वृद्धि है। ग्रामीण व्यावसायिक क्षेत्र में दर 26,770 रुपये से बढ़कर 1,44,100 रुपये प्रति वर्ग गज हो गया है, जो 438 फीसदी की भारी बढ़ोतरी है। प्रशासन ने इस पर 20 मार्च तक जनता से राय मांगी है। लोग ईमेल dc-chd@nic.in करके या डीसी ऑफिस में जाकर भी सुझाव व आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं।
सोसाइटी फ्लैट मालिकों के साथ धोखाधड़ी
सोसाइटी फ्लैट के ग्राउंड फ्लोर का पुराना रेट 4500 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट था, जिसे 9650 रुपये कर दिया। फर्स्ट फ्लोर 4050 की जगह 10220 और बाकी के फ्लोर के रेट भी काफी ज्यादा बढ़े हैं। इस बढ़ोतरी से कैटेगरी-ए ग्राउंड फ्लोर के फ्लैट के ऊपर अनअर्न्ड इंक्रीज पहले करीब 13 लाख रुपये लगता था, वह अब 36 लाख लगेगा। यह सोसाइटी फ्लैट मालिकों के साथ धोखाधड़ी है। इसका विरोध करेंगे। – चिराग अग्रवाल, सदस्य, लेबर ब्यूरो सोसाइटी, सेक्टर-49
फैसला गलत, करेंगे प्रदर्शन
आवासीय कलेक्टर रेट दोगुने कर दिए। मार्केट पहले ही धीमी चल रही थी। ऐसा लग रहा है कि काम रुक जाएगा। कमर्शियल रेट के पहले ही कलेक्टर रेट ज्यादा थे। सेक्टर-17, 34 आदि के रेट तो घटाने की मांग कर रहे थे। अब प्रॉपर्टी बिकनी मुश्किल हो जाएगी। प्रशासन लगातार जनता विरोधी फैसले ले रहा है। जल्द एसोसिएशन की तरफ से प्रदर्शन किया जाएगा। – कमल गुप्ता, अध्यक्ष, प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स एसोसिएशन (चंडीगढ़)
अर्थव्यवस्था को कमजोर करेगा फैसला
जब मौजूदा कलेक्टर रेट्स पर भी प्रशासन एक भी लीज होल्ड प्लॉट की सफल नीलामी नहीं कर पाया तो इतने ज्यादा रेट्स तय करने का क्या औचित्य है। इंडस्ट्रियल एरिया पहले से ही लीज होल्ड पॉलिसी की वजह से प्रभावित है। यह फैसला प्रॉपर्टी मालिकों को नुकसान पहुंचाने के साथ अर्थव्यवस्था को भी कमजोर करेगा। – नवीन मंगलानी, वाइस प्रेसिडेंट, चैंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज
गांव के लोगों की तरफ से जताया जाएगा विरोध
जब सारे गांव नगर निगम में आ चुके हैं तो फिर कलेक्टर रेट में भारी अंतर क्यों रखा है। प्रशासन की तरफ से पहले भी गांव के लोगों के साथ भेदभाव किया जाता रहा है। गांवों के कलेक्टर रेट भी शहरी रेट के तर्ज पर ही किया जाना चाहिए। खेती की जमीनों के रेट भी एरिया के अनुसार बांट दिए गए हैं जबकि पहले ऐसा नहीं था। सभी गांववासियों की तरफ से विरोध जताया जाएगा। – कुलजीत संधू, ग्रामीण नेता और पार्षद
बढ़ाने की नहीं, कम करने की थी जरूरत
शहर में कलेक्टर बढ़ाने नहीं बल्कि कम करने की जरूरत थी। कमर्शियल प्राॅपर्टी के कलेक्टर रेट प्रशासन ने काफी ज्यादा तय किए हैं। कई जगह प्रापर्टी की कीमत से ज्यादा कलेक्टर रेट तय कर दिए हैं। व्यापार मंडल अधिकारियों को मिलकर विरोध जताएगा। पहले से शहर का व्यापारी कई समस्या से जूझ रहा है। प्रशासन को उन्हें दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए। पंचकूला और मोहाली को इससे फायदा मिलेगा। -संजीव चड्ढा, अध्यक्ष, चंडीगढ़ व्यापार मंडल