Chandigarh News : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा- सजा पूरी, फिर भी 11 महीने से जेल में क्यों है कनाडाई नागरिक


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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि भारतीय मूल की कनाडाई नागरिक याचिकाकर्ता सजा पूरी होने के 11 महीने बाद भी जेल में रहने को क्यों मजबूर है? उसे कनाडा भेजने की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।

सरबजीत कौर (59) ने एडवोकेट बृजेश शर्मा के जरिये याचिका दाखिल करते हुए बताया कि 1987 में अपने विवाह के बाद वह कनाडा चली गई थी। अब वह कनाडा की नागरिक है। इस दौरान उसके पिता कि मृत्यु हो गई और उसकी मां और उसके चाचा ने शादी कर ली। याचिकाकर्ता को पता चला कि उसकी मां बीमार है तो वह भारत अपने उनसे मिलने आई थी। 

उसके वीजा की अवधि 12 जून 2020 को खत्म हो गई और संपत्ति विवाद के कारण उसके सौतेले पिता ने इसकी शिकायत पुलिस को कर दी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और वीजा खत्म होने बाद भी भारत में रहने के चलते उसे 11 महीने की जेल की सजा सुना दी गई।

सजा के खिलाफ उसकी अपील हाईकोर्ट में लंबित है और इसी दौरान उसकी सजा गत वर्ष 10 जून को पूरी हो गई। इसके बावजूद उसे रिहा नहीं किया गया और कनाडा वापस नहीं भेजा गया। 

राम रहीम की सुरक्षा में रहे पुलिसकर्मियों को पदोन्नति नहीं

राम रहीम की सुरक्षा में तैनात रहे कर्मियों ने पदोन्नति के लिए कोर्स की अनुमति न देने के लिए हरियाणा सरकार ने दलील दी कि ये कर्मचारी निलंबित हैं। राम रहीम को पंचकूला लाने के दौरान इन्होंने अधिकारियों से बदसलूकी की थी। सरकार के इस जवाब पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई 27 अक्तूबर तक स्थगित कर दी।

याचिका दाखिल करते हुए राजेश कुमार व अन्य ने बताया कि वे हरियाणा पुलिस में तैनात हैं और उन्हें राम रहीम की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था। राम रहीम को दोषी करार देने के बाद हुई हिंसा के मामले में उन पर भी एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके चलते 2017 में उन्हें निलंबित कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि पुलिस विभाग ने पदोन्नति के लिए उनको चुना था लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें इसके लिए कोर्स करने की अनुमति नहीं दी। 

याचियों ने दलील दी कि भले ही वे निलंबित हैं और उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है, लेकिन कोर्स करने का हक उनसे नहीं छीना जा सकता। याची ने अपील की कि हरियाणा सरकार को आदेश दिया जाए कि वह उन्हें कोर्स करने की अनुमति प्रदान करे ताकि उनकी पदोन्नति का रास्ता साफ हो सके।

इस पर हरियाणा सरकार ने बताया कि जब राम रहीम को साध्वी दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया गया था तो राम रहीम को पंचकूला लाते समय याचिकाकर्ताओं ने अधिकारियों से बदसलूकी की थी। इस बदसलूकी के चलते उन्हें निलंबित किया गया है। इस जवाब के बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई 27 अक्तूबर तक स्थगित कर दी।

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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि भारतीय मूल की कनाडाई नागरिक याचिकाकर्ता सजा पूरी होने के 11 महीने बाद भी जेल में रहने को क्यों मजबूर है? उसे कनाडा भेजने की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।

सरबजीत कौर (59) ने एडवोकेट बृजेश शर्मा के जरिये याचिका दाखिल करते हुए बताया कि 1987 में अपने विवाह के बाद वह कनाडा चली गई थी। अब वह कनाडा की नागरिक है। इस दौरान उसके पिता कि मृत्यु हो गई और उसकी मां और उसके चाचा ने शादी कर ली। याचिकाकर्ता को पता चला कि उसकी मां बीमार है तो वह भारत अपने उनसे मिलने आई थी। 

उसके वीजा की अवधि 12 जून 2020 को खत्म हो गई और संपत्ति विवाद के कारण उसके सौतेले पिता ने इसकी शिकायत पुलिस को कर दी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और वीजा खत्म होने बाद भी भारत में रहने के चलते उसे 11 महीने की जेल की सजा सुना दी गई।

सजा के खिलाफ उसकी अपील हाईकोर्ट में लंबित है और इसी दौरान उसकी सजा गत वर्ष 10 जून को पूरी हो गई। इसके बावजूद उसे रिहा नहीं किया गया और कनाडा वापस नहीं भेजा गया। 

राम रहीम की सुरक्षा में रहे पुलिसकर्मियों को पदोन्नति नहीं

राम रहीम की सुरक्षा में तैनात रहे कर्मियों ने पदोन्नति के लिए कोर्स की अनुमति न देने के लिए हरियाणा सरकार ने दलील दी कि ये कर्मचारी निलंबित हैं। राम रहीम को पंचकूला लाने के दौरान इन्होंने अधिकारियों से बदसलूकी की थी। सरकार के इस जवाब पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई 27 अक्तूबर तक स्थगित कर दी।

याचिका दाखिल करते हुए राजेश कुमार व अन्य ने बताया कि वे हरियाणा पुलिस में तैनात हैं और उन्हें राम रहीम की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था। राम रहीम को दोषी करार देने के बाद हुई हिंसा के मामले में उन पर भी एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके चलते 2017 में उन्हें निलंबित कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि पुलिस विभाग ने पदोन्नति के लिए उनको चुना था लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें इसके लिए कोर्स करने की अनुमति नहीं दी। 

याचियों ने दलील दी कि भले ही वे निलंबित हैं और उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है, लेकिन कोर्स करने का हक उनसे नहीं छीना जा सकता। याची ने अपील की कि हरियाणा सरकार को आदेश दिया जाए कि वह उन्हें कोर्स करने की अनुमति प्रदान करे ताकि उनकी पदोन्नति का रास्ता साफ हो सके।

इस पर हरियाणा सरकार ने बताया कि जब राम रहीम को साध्वी दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया गया था तो राम रहीम को पंचकूला लाते समय याचिकाकर्ताओं ने अधिकारियों से बदसलूकी की थी। इस बदसलूकी के चलते उन्हें निलंबित किया गया है। इस जवाब के बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई 27 अक्तूबर तक स्थगित कर दी।

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