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चंडीगढ़ नगर निगम अब शहर के होर्टिकल्चर कचरे का निपटारा करने के साथ ही इससे कमाई करने की योजना बना रहा है। डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड के मामले में सौंपी अपनी रिपोर्ट में नगर निगम ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को इसकी जानकारी दी।
नगर निगम आयुक्त आनंदिता मित्रा ने बताया कि डंपिंग ग्राउंड में हरा कचरा न जाए इसके लिए निगम ने 3 बीआरडी में होर्टिकल्चर वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की तैयारी की है। यहां पर इस कचरे को बायो फ्यूल में बदला जाएगा। इस प्लांट की क्षमता 30 से 40 टन प्रतिदिन की होगी। यहां बना बायोफ्यूल उद्योगों को बेच कर नगर निगम को वित्तीय लाभ भी होगा। साथ ही इसे श्मशान में भी ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसे आरंभ होने में अभी तीन माह का समय लगेगा।
हाईकोर्ट को बताया गया कि 20 एकड़ भूमि पर 5 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) कचरा था जिसमें से 4.2 एलएमटी हटाया जा चुका है और मार्च 2023 तक 20 एकड़ भूमि से कचरा खाली हो जाएगा। वहीं 8 एकड़ भूमि पर 7.67 एलएमटी कचरा है। इस कचरे को हटाने के लिए 68 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है और 43 माह में इसे पूरा किया जाएगा।
निगम ने बताया कि कचरे से निकलने वाले गंदे पानी के निपटारे के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। इस प्लांट की क्षमता 23 किलो लीटर प्रतिदिन की होगा। इस प्लांट के माध्यम से कचरे से निकलने वाले गंदे पानी को सीवरेज के पानी में मिलने से रोका जा सकेगा। हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त द्वारा सौंपी गई एक्शन टेकन रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेकर अगली सुनवाई पर उन्हें डंपिंग ग्राउंड को लेकर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
यह है मामला
डंपिंग ग्राउंड के कारण स्थानीय लोगों की बढ़ती परेशानी के चलते दीप्ति सिंह व अमित शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। जनहित याचिका में बताया गया था कि डंपिंग ग्राउंड रिहायशी इलाके के पास होने के चलते 50 हजार लोग प्रभावित हो रहे हैं। अक्सर यहां आग लग जाती है और कई दिन तक नहीं बुझती। इसके अलावा यहां से आने वाली दुर्गंध से लोग परेशान हैं।
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