Chandigarh: शौचालयों पर विज्ञापन का ठेका लेने वाली कंपनी ने तोड़ा अनुबंध, हाथ से निकला चार करोड़ का राजस्व


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चंडीगढ़ नगर निगम के 55 शौचालयों की इमारत पर टेंडर को लेकर फिर पेच फंस गया है। पांच साल के लिए विज्ञापन का अनुबंध करने वाली कंपनी ने एक साल ही में करार खत्म कर दिया है। कंपनी ने नगर निगम को तीन माह का नोटिस दिया है। वहीं नगर निगम ने भी 4.36 करोड़ का नोटिस जारी कर 30 सितंबर तक बकाया राशि जमा करवाने को कहा है। 

नगर निगम ने पिछले साल शौचालयों पर विज्ञापन लगाने के लिए अनुबंध किया था। डीकोड कंपनी ने 3650 रुपये प्रति स्क्वायर फुट के हिसाब से यह टेंडर लिया था। इसके अलावा विज्ञापन फीस और 18 प्रतिशत जीएसटी भुगतान करना था। इस हिसाब से एक साल का लगभग चार करोड़ का शुल्क बन रहा था। ठेकेदार का आरोप है कि निगम अनुबंध के अनुसार काम नहीं कर रहा था। इस वजह से करार खत्म करने के लिए नोटिस देना पड़ा।

टेंडर के बाद बदला साइटों का मॉडल, साइकिल स्टैंड बना दिया सामने

ठेकेदार राजेश जैन ने कहा कि टेंडर आवंटित करते समय निगम ने बताया था कि 55 साइट पर 11300 स्क्वॉयर फुट जगह है। उसके बाद बड़ी-बड़ी 12 साइट को तोड़कर निगम ने छोटा कर दिया। वहीं कई साइट के आगे निगम ने साइकिल स्टैंड बना दिया। जब लोगों को विकल्प मिलेगा तो वह हमें विज्ञापन क्यों देंगे। कई शौचालय के सामने बसें खड़ी होती हैं तो कई के आगे चाय वाले बैठे हैं। 19 साइट के आगे विज्ञापन लगाने के लिए छज्जे ही नहीं हैं। नगर निगम भुगतान तो 55 साइट का ले रहा है लेकिन दिए सिर्फ 36 साइट हैं। आज तक नहीं पता कि भुगतान कितना करना है, ऐसे में टेंडर खत्म करना ही बेहतर है।

मुश्किल से चढ़े थे सिरे, लापरवाही से खोया राजस्व

नगर निगम ने 55 शौचालयों पर विज्ञापन लगाने के लिए बड़ी मुश्किल से टेंडर किया था। इससे पहले निगम ने लगभग 6 से 7 बार टेंडर किया था, लेकिन किसी ने रुचि नहीं दिखाई। क्यों कि कुछ लोकेशन तो काफी अच्छी थीं, लेकिन कुछ शौचालय अंदर की ओर बने थे जो विज्ञापन लगाने के लिए उपयुक्त नहीं थे। विज्ञापन लेने वाली कंपनी के साथ निगम के अधिकारियों का शुरू से ही झगड़ा रहा। शुरुआत में एसडीओ हेमंत यादव के साथ भी काफी विवाद हुआ था। अब साल का लगभग 4 करोड़ का राजस्व निगम के हाथ से निकल गया।

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चंडीगढ़ नगर निगम के 55 शौचालयों की इमारत पर टेंडर को लेकर फिर पेच फंस गया है। पांच साल के लिए विज्ञापन का अनुबंध करने वाली कंपनी ने एक साल ही में करार खत्म कर दिया है। कंपनी ने नगर निगम को तीन माह का नोटिस दिया है। वहीं नगर निगम ने भी 4.36 करोड़ का नोटिस जारी कर 30 सितंबर तक बकाया राशि जमा करवाने को कहा है। 

नगर निगम ने पिछले साल शौचालयों पर विज्ञापन लगाने के लिए अनुबंध किया था। डीकोड कंपनी ने 3650 रुपये प्रति स्क्वायर फुट के हिसाब से यह टेंडर लिया था। इसके अलावा विज्ञापन फीस और 18 प्रतिशत जीएसटी भुगतान करना था। इस हिसाब से एक साल का लगभग चार करोड़ का शुल्क बन रहा था। ठेकेदार का आरोप है कि निगम अनुबंध के अनुसार काम नहीं कर रहा था। इस वजह से करार खत्म करने के लिए नोटिस देना पड़ा।

टेंडर के बाद बदला साइटों का मॉडल, साइकिल स्टैंड बना दिया सामने

ठेकेदार राजेश जैन ने कहा कि टेंडर आवंटित करते समय निगम ने बताया था कि 55 साइट पर 11300 स्क्वॉयर फुट जगह है। उसके बाद बड़ी-बड़ी 12 साइट को तोड़कर निगम ने छोटा कर दिया। वहीं कई साइट के आगे निगम ने साइकिल स्टैंड बना दिया। जब लोगों को विकल्प मिलेगा तो वह हमें विज्ञापन क्यों देंगे। कई शौचालय के सामने बसें खड़ी होती हैं तो कई के आगे चाय वाले बैठे हैं। 19 साइट के आगे विज्ञापन लगाने के लिए छज्जे ही नहीं हैं। नगर निगम भुगतान तो 55 साइट का ले रहा है लेकिन दिए सिर्फ 36 साइट हैं। आज तक नहीं पता कि भुगतान कितना करना है, ऐसे में टेंडर खत्म करना ही बेहतर है।

मुश्किल से चढ़े थे सिरे, लापरवाही से खोया राजस्व

नगर निगम ने 55 शौचालयों पर विज्ञापन लगाने के लिए बड़ी मुश्किल से टेंडर किया था। इससे पहले निगम ने लगभग 6 से 7 बार टेंडर किया था, लेकिन किसी ने रुचि नहीं दिखाई। क्यों कि कुछ लोकेशन तो काफी अच्छी थीं, लेकिन कुछ शौचालय अंदर की ओर बने थे जो विज्ञापन लगाने के लिए उपयुक्त नहीं थे। विज्ञापन लेने वाली कंपनी के साथ निगम के अधिकारियों का शुरू से ही झगड़ा रहा। शुरुआत में एसडीओ हेमंत यादव के साथ भी काफी विवाद हुआ था। अब साल का लगभग 4 करोड़ का राजस्व निगम के हाथ से निकल गया।

मामला अदालत में विचाराधीन है। डीकोड कंपनी ने जो नोटिस दिया है, उसे स्वीकार कर लिया गया है। शौचालयों की इमारत पर विज्ञापन के लिए नए सिरे से टेंडर लगाया जाएगा।  -आनिंदिता मित्रा, आयुक्त, नगर निगम

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