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Chandigarh : किसान बातचीत के लिए तैयार नहीं, सुप्रीम कोर्ट की कमेटी रिपोर्ट जमा करने की तैयारी में Chandigarh News Updates

Chandigarh : किसान बातचीत के लिए तैयार नहीं, सुप्रीम कोर्ट की कमेटी रिपोर्ट जमा करने की तैयारी में Chandigarh News Updates

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सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


पंजाब की सभी किसान यूनियनो की तरफ से बातचीत के लिए तैयार न होने के बाद सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए अपनी रिपोर्ट जमा करने की तैयारी कर ली है। इस महीने के आखिर में कमेटी अपनी रिपोर्ट सबमिट कर सकती है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रस्ताव भी शामिल होगा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश नवाब सिंह की अध्यक्षता में यह कमेटी गठित की थी, जो अलग-अलग हितधारकों के साथ बैठक कर चुकी है।

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कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पर फाइनल सुझावों के लिए संयुक्त किसान मोर्चा को आमंत्रित किया था, लेकिन मोर्चे ने बैठक में शामिल होने से इन्कार कर दिया था, जिस कारण 3 जनवरी की बैठक रद्द हो गई थी। इसी तरह भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां भी बैठक में शामिल होने के लिए तैयार नहीं हुई थी, जिस कारण 4 जनवरी को भी बैठक नहीं हो पाई थी। इसके बाद ही कमेटी ने खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की थी।

अब कमेटी की तरफ से विशेषज्ञों के सुझाव लेकर अपनी पहली रिपोर्ट तैयार की जा रही है। कमेटी कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिए सभी पहलुओं पर विचार कर रही है, ताकि इसे रिपोर्ट में शामिल किया जा सके। कमेटी पिछले कुछ समय में सभी हितधारकों के साथ बैठकें कर चुकी हैं, जिसमें पंजाब और हरियाणा के कृषि व बागवानी विभागों के निदेशक भी शामिल हैं। रिपोर्ट फाइनल करने से पहले कमेटी ने नीति आयोग के सदस्यों को भी बुलाया है।

किसान संगठनों की प्रमुख मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी लागू करने की है। इसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक व किसान मजदूर मोर्चा की तरफ से पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर आंदोलन भी किया जा रहा है। कमेटी में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि वह फेज वाइज अपनी रिपोर्ट सबमिट करेंगे।

संसदीय स्थायी समिति ने की थी एमएसपी देने की सिफारिश :

कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण की संसदीय स्थायी समिति के चेयरमैन चरणजीत सिंह चन्नी ने पिछले महीने संसद में समिति की रिपोर्ट पेश की थी। समिति ने किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की लीगल गारंटी देने की सिफारिश की थी। इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान स्कीम में किसानों को दी जाने वाले राशि को 6,000 से बढ़ाकर 12,000 करने व कृषि मजदूरों को भी इसका लाभ देने की सिफारिश की गई थी।

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