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Budget 2025 Expectations: क्या बजट सुनकर झूम उठेगा मिडिल क्लास? Business News & Hub

Budget 2025 Expectations:  क्या बजट सुनकर झूम उठेगा मिडिल क्लास? Business News & Hub

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Budget 2025: आखिरकार उस पल के आने में अब बस चंद घंटे ही बचे हैं, जिसका इंतजार पूरे देश को है. कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 8वां केंद्रीय बजट पेश करेंगी. देशवासियों के मन में कई सवाल हैं जैसे कि बजट में किस सेक्टर पर फोकस किया जाएगा, आम आदमी के लिए सरकार टैक्स में छूट का ऐलान करेगी या नहीं, क्या करदाताओं के लिए टैक्स सिस्टम को आसान बनाया जाएगा ? सारे सवालों का जवाब कल मिल जाएगा. 

आइए देखते हैं कि देश की जनता को सरकार से क्या उम्मीदें हैं और सरकार के पास क्या विकल्प है

नई व्यक्तिगत कर व्यवस्था

साल 2020 में टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए नई कर व्यवस्था की नींव रखी गई थी. इसमें रियायती कर दरें और कुछ कटौतियों को खत्म कर दिया गया. सरकार का प्रयास नई कर व्यवस्था को बढ़ावा देने का रहा है. पिछले कुछ बजटों में व्यक्तिगत कर में बदलाव केवल नई कर व्यवस्था चुनने वाले व्यक्तियों के लिए किए गए. फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय 72 परसेंट टैक्सपेयर्स ने नई कर व्यवस्था को चुना. नई कर व्यवस्था में कुछ बदलाव का प्रस्ताव भी दिया गया, जिस पर आगामी बजट 2025 में चर्चा की जा सकती है. 

इनकम टैक्स स्लैब

बजट 2025-26 को लेकर उम्मीद की जा रही है कि सरकार मूल छूट की सीमा को 300,000 रुपये से बढ़ाकर 350,000 रुपये कर सकती है. इससे करदाताओं के हाथों में डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगा, जिससे बढ़ती महंगाई से उन्हें कुछ हद तक राहम मिलेगी. सरकार मध्यम वर्ग के लिए नए इनकम टैक्स स्लैब को पेश कर सकती है. इसके तहत 3 लाख तक इनकम वालों को टैक्स लिमिट से बाहर रखा जाएगा, 3,00,001- 6,00,000 लाख के सालाना इनकम वालों पर 5 परसेंट टैक्स लगाया जाएगा, 6,00,001- 9,00,001 लाख की कैटेगरी में आने वालों पर 10 परसेंट टैक्स लगेगा, 9,00,001- 12,00,000 के सालाना इनकम पर 15 परसेंट, 12,00,001-15,00,000 के सालाना इनकम पर 20 परसेंट, 15,00,001- 18,00,000 लाख के इनकम पर 25 परसेंट और 18,00,001 लाख और उससे अधिक इनकम पर 30 परसेंट टैक्स लगाया जाएगा. 

नई कर व्यवस्था के तहत कटौती की सीमा

नई कर व्यवस्था में छूट का बहुत कम प्रावधान है. इसमें NPS में नियोक्ता (Employer) द्वारा कर्मचारी के लिए किए गए योगदान में कटौती सबसे अहम है. दरअसल, पिछले साल नियोक्ताओं द्वारा एनपीएस पर किए गए व्यय की कटौती को कर्मचारी के वेतन के 10 परसेंट से बढ़ाकर 14 परसेंट कर दिया गया, जबकि नेशनल पेंशन स्कीम में अपने योगदान के लिए 50,000 रुपये तक की कटौती का लाभ उठाया जा सकता है. सरकार नई कर व्यवस्था के तहत इस बेनिफिट को भी बढ़ाने पर विचार कर सकती है. इससे नॉन-सैलरीड टैक्सपेयर्स को फायदा मिलेगा और इसी के साथ एनपीएस को भी बढ़ावा मिलेगा. 

टैक्स पर मिल सकती है इतनी छूट

धारा-87ए के तहत नई कर व्यवस्था में सात लाख तक की आय वाले टैक्स पर 100 परसेंट तक छूट का दावा कर सकेंगे, ऐसी उम्मीद की जा रही है. जबकि निम्न आय वर्ग को और अधिक लाभ पहुंचाने के लिए इस लिमिट को 8 लाख रुपये तक किया जा सकता है. पुरानी कर व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स स्लैब 2014 में सरकार के सत्ता में आने के बाद से मूल छूट सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसे 50,000 तक बढ़ाया जा सकता है, यानी 250,000 रुपये से 300,000 रुपये तक. यानी कि हो सकता है कि अब तीन लाख तक के इनकम पर कोई टैक्स न लगे. 

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