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बीजेपी नेता रणजीत सिंह गिल को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नही ।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भाजपा नेता और रियल एस्टेट कारोबारी रणजीत सिंह गिल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि किसी भी आरोपी को पूर्ण संरक्षण नहीं दिया जा सकता, क्योंकि ऐसा करना गैर-जमानती अपराधों के मामलों में न्यायिक
.
गौरतलब है कि रणजीत सिंह गिल ने हाल ही में 1 अगस्त को भाजपा जॉइन की थी। इसके कुछ ही घंटों बाद उनके चंडीगढ़ और मोहाली स्थित ठिकानों पर विजिलेंस की रेड हुई थी।
पंजाब सरकार बोली- अवैध लेन-देन के सबूत मिले सरकार ने दावा किया था कि अकाली नेता बिक्रम मजीठिया और रणजीत गिल के बीच करोड़ों रुपए के अवैध लेन-देन के सबूत मिले हैं। जांच एजेंसियों ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए थे।
रेड के बाद रणजीत गिल ने आरोप लगाया था कि यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की गई है। उन्होंने कहा था कि विजिलेंस जिन लेन-देन की बात कर रही है, वे 2012 के कंपनी-टू-कंपनी ट्रांजैक्शन हैं, जिन्हें इनकम टैक्स में भी दर्शाया गया है। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी।
गिल ने अपनी याचिका में दिए दो प्वाइंट 1. याचिका में गिल ने कहा है कि एक अगस्त को बीजेपी में शामिल होते ही उनके खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई शुरू कर दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार के इशारे पर विजिलेंस विभाग ने बिना किसी समन, नोटिस या कानूनी प्रक्रिया के तलाशी वारंट हासिल किए।
2. 2 विजिलेंस ने उनके चार परिसरों, जिनमें उनका निवास भी शामिल है, पर छापेमारी की, लेकिन कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई।
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BJP नेता रणजीत गिल को हाईकोर्ट से झटका: अग्रिम जमानत याचिका खारिज, विजिलेंस रेड के बाद दी थी अर्जी, मजीठिया से लेन-देन के आरोप – Punjab News