गांव सुंगरपुर में जोहड़ के किनारे फैली गंदगी।
कैरू। गांव सुंगरपुर में नागरिकों को तो स्वच्छ जल पीने को मिल रहा है, लेकिन पशुओं के पानी के लिए साफ पानी के लाले पड़े हुए है। पशुपालकों की परेशानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जोहड़ में गंदा पानी होने के कारण पशुपालक अपने पशुओं को घरों में पानी पिलाने पर मजबूर हैं। गांव में एकमात्र जोहड़ होते हुए भी उसमें गांव का गंदा पानी छोड़ा जाता है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से जोहड़ में साफ पानी भराव की मांग की थी, लेकिन पशु गंदा पानी पीने को मजबूर है। गांव के बीच में बने दो एकड़ के जोहड़ का 20 साल से अधिक समय से न तो गंदा पानी निकलवाया गया है और न ही साफ-सफाई करवाई गई है। इसके कारण पशुपालक पशुओं को नहलाने के लिए जोह़ड से किनारा करने लगे है।
गांव के जोहड़ में पानी कम व उसमें कीचड़ ज्यादा है। इसमें पशुओं के धसने का डर भी बना रहता है। जोहड़ में गांव का गंदा पानी छोड़ा जाता है। गांव में अन्य जोहड़ भी नहीं हैं। ग्राम पंचायत को जोहड़ की सफाई करवाकर इसमें नहरी पानी भरना चाहिए।
– सुनील तंवर।
जोहड़ की सफाई हुए 20 साल से ज्यादा हो गए। ऐसे में पशुओं को गर्मी के मौसम में भी पीने का साफ पानी नहीं मिलता है। जोहड़ में गंदा व दूषित पानी भरा होने के कारण पशुओं में बीमारी फैलने का अंदेशा बना हुआ है।
– लोकेश तंवर।
ठंड शुरू होने से पशुपालक घर में ही पशुओं को गर्म पानी पिलाने लगे हैं। लेकिन आगे गर्मी के समय में ग्रामीणों के सामने पशुओं को पानी पिलाने की समस्या बनेगी। गांव में पशुओं के लिए साफ पानी न होना पशुपालकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
– बलबीर स्वामी।
गांव के पशुओं के लिए पीने के पानी का कोई साधन ऐसा पर्याप्त साधन नहीं है। इससे पशुओं के लिए भी पीने के पानी की बड़ी समस्या बनी हुई है। गांव में बना जोहड़ कीचड़ युक्त हो चुका है। इसके अतिरिक्त गांंव का गंदा पानी भी जोहड़ में ही छोड़ा जाता है। इसीलिए गंदे पानी की निकासी का अलग से प्रबंध किया जाना चाहिए।
– अजय तंवर
Bhiwani News: 20 साल से जोहड़ की नहीं हुई सफाई, गंदा पानी पिलाने को मजबूर पशुपालक