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अस्पताल में मरीज को इंजेक्शन लगाते डॉ.अश्विनी।
भिवानी। जिला नागरिक अस्पताल में रेबीज रोधी टीके (एआरवी) लगवाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसकी वजह सर्दी के मौसम में जानवरों के स्वभाव में भी बदलाव आ रहा है, जो लोगों को घाव दे रहे हैं। जिला नागरिक अस्पताल में रोजाना करीब 20 लोग एआरवी लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। अवकाश वाले दिन एआरवी लगवाने वालों की संख्या 30 तक पहुंच रही है।
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चिकित्सकों ने बताया कि कुत्ते या बंदर के काटने पर सबसे पहले घाव को साबुन से 15 मिनट तक साफ करें। जहां पर कुत्ते ने काटा है वहां टांके न लगाएं, बल्कि घाव को खुला छोड़ देना चाहिए। काटने के बाद एआरवी लगवा लेना चाहिए, ताकि इसे बढ़ने से रोका जा सके।
कुत्ते, बंदर, बिल्ली आदि जानवरों के काटने के 24 घंटे में यह टीका लगवाना आवश्यक होता है। इसके बावजूद शीतकाल में शहर में कुत्तों एवं बंदरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। शहरवासी प्रशासन से इनकी संख्या नियंत्रित करने की मांग कर चुके हैं। शहर के नागरिक अस्पताल, नेहरू पार्क, बस स्टैंड, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय परिसर सहित कई आवासीय इलाकों में भी लावारिस कुत्तों और बंदरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सर्दी के मौसम में जानवरों के व्यवहार में बदलाव आने के कारण आजकल वह काटने के लिए लोगों का पीछा तक कर रहे हैं।
इस कारण जिला नागरिक अस्पताल में एआरवी लगवाने वाले मरीज भी लगातार आ रहे हैं। ऐसे में पिछले एक सप्ताह में नागरिक अस्पताल में कुत्ते और बंदर के काटने के करीब 115 मामले आ चुके हैं।
कुत्ते, बंदर या किसी अन्य जानवर के काटने से रेबीज होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए काटे गए घाव को अच्छी तरह से साबुन से धाे लेना चाहिए। 24 घंटों के अंदर एआरवी लगवा लेना चाहिए। – डॉ. यतिन गुप्ता, चिकित्सक, नागरिक अस्पताल भिवानी।
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Bhiwani News: सर्दी में जानवरों के स्वभाव में आया बदलाव दे रहा लोगों को घाव