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Bhiwani News: सरकारी अस्पताल में नहीं टूटती मरीजों की लंबी कतारे Latest Haryana News

Bhiwani News: सरकारी अस्पताल में नहीं टूटती मरीजों की लंबी कतारे Latest Haryana News

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अमर उजाला अ​भियान के दौरान संवाद कार्यक्रम में मौजूद शहर के लोग। 

भिवानी। अव्यवस्था के कारण ला नागरिक अस्पताल में मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। इसलिए व्यवस्था सुधारनी चाहिए। जिले के सामान्य अस्पताल में दवा लेने के लिए आने वाले मरीजों के साथ स्टाफ की ओर से पर्ची बनाते समय भी भेदभाव किया जाता है। अस्पताल के कर्मचारी अपने चहेतों की पर्ची अंदर वाले गेट से बना देते है। जबकि लाइन में लगकर आने वालों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। यही हाल ओपीडी में डॉक्टर से चेकअप करवाते समय है।

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यह बात अमर उजाला के संवाद कार्यक्रम में नागरिक अस्पताल में सुविधाएं बढ़वाने के लिए शहर के गणमान्य नागरिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहीं। नागरिकों का कहना है कि चिकित्सक बाहर की दवा लिख देते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी रात के समय एमरजेंसी में आने वाले मरीजों को करना पड़ती है। अस्पताल स्टाफ की ओर से मरीजों को सुबह आने के लिए बोल दिया जाता है। जिसके कारण गंभीर स्थिति वाले मरीज को प्राइवेट अस्पताल का रुख करना पड़ता है।

जिला नागरिक अस्पताल को अब जल्द ही नए मेडिकल कॉलेज का हिस्सा बना दिया जाएगा। इसके बाद यहां मरीजों को मेडिकल कॉलेज स्तर की चिकित्सा सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएगी। अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है, जिसको लेकर मुख्यालय से लगातार अपडेट किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि नागरिक अस्पताल में आने वाले प्रत्येक मरीज को बेहतर उपचार मिले। इसके लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

– डॉ. बलवान, प्रधान चिकित्सा अधिकारी, जिला नागरिक अस्पताल भिवानी।

सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाते समय लोगों को परेशानी का सामना पड़ता है। पोस्टमार्टम प्रक्रिया के दौरान परिजनों के ज्यादा चक्कर न कटवाकर जल्द से जल्द उनके कार्य को पूर्ण करना चाहिए। वहीं एमआरआई के लिए मरीजों को रात के समय भी कॉल करके एमआरआई करवाने के लिए बुलाया जाता है। रात को मरीजों को आने में परेशानी होती है। वहीं एमआरआई कक्ष में मरीजों के बैठने के लिए व्यवस्था होनी चाहिए।

– विनोद प्रजापति, पार्षद।

सामान्य अस्पताल में काम करने वाले सभी स्टाफ को नेम प्लेट लगानी अनिवार्य होनी चाहिए। इससे मरीजों को स्टाफ से संबंधित कोई भी परेशानी न हो। वहीं सीएमओ को रात के समय अस्पताल का निरीक्षण करना चाहिए। तभी अस्पताल की वास्तविक समस्या के बारे में पता चलेगा। साथ ही उस समस्या का स्थायी रूप से समाधान करने में भी मदद मिलेगी।

– सुरेश सैनी, सामाजिक कार्यकर्ता।

जिले के सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को दवाओं के लिए स्टाफ द्वारा बाहर से मंगवाने के लिए बोला जाता है। काफी बार तो अस्पताल में दवा होते हुए भी बाहर से लिख दी जाती है। इसके कारण मरीजों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। दवा वितरण के लिए अस्पताल परिसर में व्यवस्थागत सिस्टम होना चाजिए।

– सूबे सिंह, नागरिक।

अस्पताल में आने वाले प्रत्येक मरीज को एक समान महत्व मिलना चाहिए। यह नहीं होना चाहिए कि अपनी जान पहचान वालों को स्पेशल इलाज दिलवाया जाए। बिन जान पहचान वालों को देरी व समय पर इलाज न मिले। ऐसा नहीं होना चाहिए। तभी लोगों का अस्पताल प्रशासन में बिना किसी मनमुटाव के विश्वास होगा।

– राजकुमार, नागरिक।

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