भिवानी के शिक्षक मुरलीधर शास्त्री।
भिवानी। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर पांच सितंबर को देशभर में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह शिक्षकों की लगन और कड़ी मेहनत का भी सम्मान है। ऐसे योगदान के कारण राजकीय आईटीआई भिवानी के समूह प्रशिक्षक मुखिया सुभाष चंद्र को उद्यमी द्रोण अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
सुभाष चंद्र साल 2010 से आईटीआई में विद्यार्थियों को तकनीकी के गुर सिखा रहे हैं। वह विद्यार्थियों को किसी भी क्षेत्र में शिक्षा हासिल करके स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हैं। कैलाश ने बढ़ई की कार्यशाला खोली है। इसमें वह लाखों रुपये की कमाई कर अन्य लोगों को भी आजीविका दे रहे हैं। सुभाष चंद्र से तकनीकी ज्ञान लेकर कई विद्यार्थी बड़े सरकारी पदों पर नौकरी प्राप्त कर चुके हैं। इसीलिए साल 2023 में उन्हें उद्यमी द्रोण अवाॅर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
संस्कृति संरक्षण की अलख जगा रहे डाॅ. मुरलीधर शास्त्री
भिवानी। जिले के गांव कायला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के संस्कृत प्रवक्ता डाॅ. मुरलीधर शास्त्री संस्कृति संरक्षण की अलख जगा रहे है। वह शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को संस्कृति का पाठ पढ़ाते हैं। सामाजिक कार्यों के जरिये भी युवा पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ रहे हैं। उनका मानना है कि युवा पीढ़ी पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव गहरा होता जा रहा है। इस कारण वे सनातन संस्कृति की महत्ता एवं गौरव को भूलते जा रहे हैं। ऐसे में युवा पीढ़ी को सनातन संस्कृति से जोड़ने के लिए जरूरी है कि उन्हें बचपन से ही सनातन संस्कृति के बारे में बताया जाए।
डाॅ. मुरली हर कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति, धरोहर, नैतिक मूल्यों और संस्कारों को बचाने का संकल्प जरूर दिलाते है। डाॅ. शास्त्री ने वर्ष 1997 में श्रीकृष्ण प्रणामी संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण प्रवक्ता के रूप में अध्यापन कार्य शुरू किया। विद्यार्थियों को संस्कृत पढ़ाने के साथ वे समाजसेवा के कार्यों में भी सक्रिय रहे हैं।
समाजसेवा और उत्कृष्ट अध्यापक के रूप में निरंतर सेवाएं देने के कारण हरियाणा सरकार ने उन्हें राज्य शिक्षक पुरस्कार से भी सम्मानित किया। डाॅ. मुरलीधर पिछले 10 वर्षों से हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम निर्माण व पुस्तक संशोधन, प्रश्नपत्र प्रारूप निर्माण में विषय विशेषज्ञ के रूप में भी सेवाएं दे रहे हैं। वे महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक और हरियाणा संस्कृत अकादमी पंचकूला के विशेष सम्मानित सदस्य भी हैं।
गांडिवम् पत्रिका, अर्वाचीनम्, संभाषण संदेश, भारतोदयम्, परमधाम, मंगलवाणी, प्रणामी विश्व, प्रणाम पथिक आदि पत्रिकाओं में उनके संस्कृत शोध एवं आध्यात्मिक लेखों का प्रकाशन किया जा चुका है। डाॅ. मुरलीधर विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालयों में संस्कृत श्लोकोच्चारण, भाषण, नाटक, संस्कृत संभाषण शिविर, संस्कृत विद्वत सम्मेलन का संयोजन एवं संचालन भी कर चुके हैं।
महिलाओं से दुर्व्यवहार पर कविताएं लिख रहीं डॉ. रश्मि बजाज
महिलाओं की स्थिति एवं उनकी दशा से आहत होकर शिक्षक डॉ. रश्मि बजाज उन पर हजारों कविताएं लिख चुकी हैं। महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर कविता लिखकर उन्होंने लोगों को आईना दिखाया है। डॉ. रश्मि ने मात्र नौ वर्ष की आयु से ही कविताएं लिखना शुरू किया। वैश्य महाविद्यालय में लंबे समय तक पढ़ाने के बाद अब वह कई शोधार्थियों को पढ़ाकर उन्हें प्रशिक्षण भी दे रहीं हैं। उन्होंने राष्ट्रीयस्तर पर भी अपनी कलम की ताकत का लोहा मनवाया है। इसी कारण उन्हें प्रशासन, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं से कई सम्मान, पुरस्कारों से अलंकृत किया जा चुका है। रश्मि की सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
Bhiwani News: शिक्षक ने विद्यार्थी को प्रशिक्षण देकर बनाया स्वरोजगार के काबिल