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पशु चिकित्सालय में घायल बंदर को दिखाता ठेकेदार का कारिंदा।
भिवानी। शहर के हांसी रोड स्थित वेट पॉलीक्लिनिक में कुत्ता, बंदर और बिल्ली के घायल होने पर उपचार के लिए जरूरी दवाओं का टोटा है। शहरभर से बंदर पकड़ने का काम नगर परिषद ने ठेकेदार को दिया है। शुक्रवार को शहर से पकड़े गए घायल बंदर को लेकर ठेकेदार के कारिंदे वेट पॉलीक्लिनिक पहुंचे तो पशु चिकित्सकों ने यहां उपचार के लिए जरूरी दवाइयां बाहर से लाने की सलाह दे डाली।
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जब ठेकेदार ने इसकी शिकायत पशुपालन विभाग के उप निदेशक से की तो ठेकेदार के साथ ही दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया गया। वहीं पशुपालन विभाग के उप निदेशक ने दुर्व्यवहार के आरोपों को सिरे से नकार दिया और कुत्ता, बिल्ली व बंदर के उपचार की दवाएं नहीं होने का हवाला दिया।
दरअसल, नगर परिषद ने शहर के अंदर से बंदर पकड़ने का ठेका दिया हुआ है। ठेकेदार को शहर से प्रति बंदर पकड़ने पर 1800 रुपये का भुगतान मिल रहा है। लेकिन इसके लिए घायल बंदरों का उपचार कराना और बंदरों को जंगल में छोड़ने से पहले उनका मेडिकल कराना अनिवार्य किया है।
इसी को लेकर शुक्रवार को बंदर पकड़ने वाला ठेकेदार राकेश कुमार अपनी टीम के साथ एक घायल बंदर को लेकर वेट पॉलीक्लिनिक पहुंचा था, जहां पशु चिकित्सकों ने बताया कि सिरिंज, रिबल और बैंडेज भी नहीं है। इस पर उसने इसकी शिकायत पशु पालन विभाग के उप निदेशक डॉ. रवींद्र सहरावत से की तो उन्होंने अपने कक्ष से बाहर जाने के लिए कहा। इस पर ठेकेदार ने उप निदेशक पर दुर्व्यवहार और घायल बंदर के उपचार की दवाइयां बाहर से लाने का दबाव बनाने का भी आरोप लगाया।
शुक्रवार को शहर से पकड़े 45 बंदर, छोड़ने से पहले मेडिकल कराया
बंदर पकड़ने वाले ठेकेदार राकेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार को शहर भर से 45 बंदर पकड़े गए हैं। जिनका मेडिकल कराने के बाद उन्हें दूर दराज के जंगलों में छोड़ा जाएगा। घायल बंदरों का उपचार कराया जा रहा है। शहर भर से करीब पांच हजार बंदर पकड़े जाएंगे। इसके लिए संभावित जगहों पर पिंजरे लगाए गए हैं।
वेट पॉलीक्लिनिक में पशुओं के उपचार की उचित व्यवस्था है, लेकिन कुत्ता, बिल्ली और बंदर के घायल होने से संबंधित कुछ दवाओं का अभाव है। ये दवाएं जब हमारे स्टॉक में ही नहीं है तो ऐसे में बाहर से लाने के लिए अनुरोध किया जाता है। जिन दवाओं की कमी हैं उनकी डिमांड भी समय-समय पर मुख्यालय भेजी जाती है। किसी के साथ भी कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया है। जो दवाएं नहीं थीं, इस संबंध में बताया था।
– डॉ. रवींद्र सहरावत, उप निदेशक, पशुपालन विभाग, भिवानी।
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Bhiwani News: वेट पॉलीक्लीनिक में नहीं कुत्ता, बंदर और बिल्ली के घायल होने पर उपचार की जरूरी दवाइयां