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भिवानी के महाक्ष कौशिक।
भिवानी। आज दुनियाभर में विश्व अंगदान दिवस मनाया जा रहा है। अंगदान करना महादान मना गया है और इसके लिए लोगों को जागरूक करने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है। अगर जीते जी कुछ न कर सके तो मरणोपरांत मानवता के लिए कुछ ऐसा कर जाओ कि आप काे दुनिया सदा सदा के लिए याद रखे। इसी सोच के साथ अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रही हैं डॉ. कामना कौशिक। जो शत प्रतिशत दिव्यांग हैं। उन्होंने सामाजिक सेवाओं से प्रेरित होकर साल 2023 अक्तूबर में दिल्ली भिवानी गौरव संस्था के जरिये अपना देह दान फॉर्म भरा। फिर अगस्त 2024 में अपने बेटे महाक्ष का नाम भी देह दान फॉर्म में भरवा दिया है। मां और बेटे ने मरणोपरांत मानवता की सेवा करने की ठानी और अपना देह दान कर दिया। डॉ. कामना अन्य लोगाें को भी देह दान करने के लिए प्रेरित करती रहती हैं।
हिंदी की प्राध्यापिका हैं डॉ कामना
46 वर्षीय डॉ. कामना कौशिक वैश्य महाविद्यालय में साल 2008 से हिंदी की प्राध्यापिका हैं। जब वह बीएससी की विद्यार्थी थीं, तब एक स्वयंसेवक थी। उस समय से उन्होंने यह ठान लिया था कि अपना देह दान करेंगी। यह बात जब अपने माता-पिता के समक्ष रखी तो उन्होंने यह कह कर मना कर दिया कि अभी तुम बच्ची हो। फिर उनकी शादी हो गई। शादी के बाद अपने पति कमल भारद्वाज के आगे यह बात रखी तो उन्होंने ने हामी भर दी। कामना कौशिक ने सोचा कि अपने साथ साथ परिवार के अन्य सदस्य का भी देह दान फॉर्म में नाम दर्ज करवा दूं। मगर उनके परिवार में केवल उनका बेटा महाक्ष ही देह दान करने के लिए राजी हुआ। वह 18 वर्ष का है और हाल ही में 12 वीं कक्षा पास की है। कामना जब अपने बेटे का लाइसेंस बनवाने के लिए गई थीं तो उस फॉर्म में देह दान करने का विकल्प था। जिसे उन्होंने भर दिया। इसके अलावा कामना कौशिक वैश्य महाविद्यालय में एमए हिंदी की पढ़ाई कर रही छात्रा छवि को भी देह कान करने के लिए प्रेरित किया। वो भी तैयार हैं और बहुत जल्द देह दान फॉर्म भरेंगी।
जीवन की सार्थकता तभी है जब मानव कल्याण के लिए हम अपना जीवन समर्पित करें। इसलिए आवश्यक है कि हम जीवित रहते हुए भी सामाजिक सेवा में योगदान करें और मरणोपरांत भी अपनी देह दान कर दूसरों के जीवन की सरसता को बनाए रखने में योगदान दें। – डॉ. कामना कौशिक, प्राध्यापिका, वैश्य महाविद्यालय, भिवानी।
स्वास्थ्य विभाग लोगों को नेत्रदान और देह दान के प्रति जागरूक कर रहा है। भिवानी में नेत्रदान के लिए किशनलाल राजकीय नेत्र अस्पताल में केंद्र बना हुआ है, जहां नेत्रदान किया जा सकता है। देहदान के लिए रोहतक पीजीआई की टीम ही आती है। इसके लिए भी आम जनता में जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर जागरूकता की मुहिम चला रहा है। -डॉ. रघुवीर शांडिल्य, सिविल सर्जन, भिवानी।
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Bhiwani News: ये हैं देह दानी, जिन्होंने मानवता की सेवा की ठानी