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भिवानी। जिला नागरिक अस्पताल स्थित आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक ओपीडी में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में प्रतिदिन 150 मरीज आयुर्वेदिक व योग पद्धति से इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं 80 मरीज रोजाना होम्योपैथिक चिकित्सक से दवा लेने आते हैं।
इससे साफ जाहिर होता है की मरीजों का रुझान होम्योपैथिक की मीठी गोलियों व आयुर्वेदिक के देसी नुस्खों से तैयार दवाओं की तरफ बढ़ रहा है। होम्योपैथिक ओपीडी में त्वचा संबंधी, शरीर दर्द, खांसी जुकाम के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। वहीं आयुर्वेदिक व योग में शुगर, शरीर दर्द, वात- विकार के मरीज जांच करवाने के लिए पहुंच रहे हैं।
होम्योपैथिक ओपीडी में मौजूद चिकित्सक डॉ. संदीप ने बताया कि लोगों का रुझान होम्योपैथिक की तरफ बढ़ रहा है। फिलहाल 70 से 80 मरीज रोजाना अस्पताल में जांच करवाने के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि लोगों में मीठी गोली की काफी चर्चा है। लेकिन मीठी गोली सिर्फ मरीजों को दवा देने का माध्यम है। जिस मीठी गोली को मरीज दवा समझते हैं। वह शुगर ऑफ मिल्क की बनी गोली होती है। लेकिन होम्योपैथिक में दवा डाइल्यूट रूप में होती है।
दवा को मरीज के शरीर तक पहुंचाने के लिए मीठी गोलियों को माध्यम बनाया जाता है। शुगर ऑफ मिल्क की गोलियों को डाइल्यूट दवा में भीगों कर मरीजों को देने के लिए तैयार किया जाता है। इससे मरीजों का इलाज किया जाता है।
योग ओपीडी में मौजूद डॉ. निशा ने बताया कि लोगों में योग व आयुर्वेदिक दवा पद्धति के प्रति रूचि बढ़ रही है। रोजाना 135 मरीज जांच करवाने के लिए अस्पताल में पहुंच रहे हैं। सभी मरीजों का इलाज योग के आसनों व आयुर्वेदिक दवाओं के माध्यम से किया जाता है। फिलहाल ओपीडी में शरीर दर्द, शुगर व वात विकार के मरीज पहुंच रहे हैं।
दिसंबर के महीने में वात-विकार के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। आयुर्वेदिक में जिसका मतलब है वायु का बढ़ना। अपनी आम भाषा में बात करें तो खांसी जुकाम के मरीज जांच करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। जरूरत के अनुसार कुछ मरीजों को घरेलू नुस्खे भी बताए जाते हैं।
सर्दी के मौसम में मेथी से होगा शुगर नियंत्रण
योग स्पेशलिस्ट डॉ. निशा ने बताया कि सर्दी के मौसम में शुगर के मरीजों के लिए मेथी दाना रामबाण है। अगर सर्दी के मौसम में कोई व्यक्ति मेथी दाने को रात को भिगो कर निर्धारक मात्रा में सुबह उठ कर खा लेता है तो शुगर व शरीर के किसी भी प्रकार के दर्द से छुटकारा पा सकता है। वहीं गर्मी के मौसम में अगर शुगर के मरीज जामुन की गुठली को सुखाकर उसका चूर्ण बना कर खा लेते हैं तो शुगर जैसी बीमारी ऐसे लोगों के आसपास भी नहीं मिलेगी।
तिल के तेल में छिपा है दर्द निवारक गुण
होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ. संदीप ने बताया कि सर्दी के मौसम में शरीर दर्द के मरीजों में भी बढ़ोतरी होती है। बुजुर्ग लोगों को सर्दी के मौसम में चलने वाली ठंडी हवा सबसे ज्यादा चपेट में लेती है। ऐसे मरीजों के लिए अगर तिल के तेल को लौंग के साथ गर्म कर दर्द निवारक तेल तैयार किया जा सकता है। इस तेल की मसाज करने से किसी भी प्रकार के शरीर दर्द को नियंत्रण किया जा सकता है। तिल के लड्डू बना कर खाना भी सर्दी में फायदेमंद रहता है। तिल पौष्टिक गुणों से भरपूर रहता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को तिल निर्धारित मात्रा में जरूर खाना चाहिए।
अदरक, शहद, गिलोय से करें खांसी जुकाम ठीक
योग स्पेशलिस्ट डॉ. निशा ने बताया कि सर्दी के मौसम में रसोई घर में मौजूद अदरक व आंगन में मौजूद तुलसी कई बीमारियों का इलाज छिपा कर बैठी है। सर्दी के मौसम में सबसे ज्यादा खांसी जुकाम परेशान करती है। लेकिन अदरख, तुलसी, शहद व गिलोय जैसी जड़ी बूटियों का काढ़ा बना कर चाय की तरह पी कर सर्दी में फैलने वाले वायरल बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। तुलसी व अदरक आयुर्वेदिक होने के कारण छोटे बच्चों को भी आसानी से दिया जा सकता है। ये सभी आयुर्वेदिक औषधि जैसे गुणों से भरपूर होती है।
नारियल व नीम के तेल से करें त्वचा संबंधी रोगों को दूर
होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ. संदीप ने बताया कि सर्दी के मौसम में लोगों के रहन सहन की वजह से त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इसमें शरीर पर एलर्जी हो जाती है। लोगों को एक ही गर्म कपड़े लंबे समय तक पहनने से, सफाई नहीं होने से, पानी कम पीने से शरीर को विभिन्न भागों पर एलर्जी शुरू हो जाती है। इसके लिए नीम व नारियल का तेल फायदेमंद रहता है। त्वचा रोग संबंधी मरीजों को प्रतिदिन स्नान कर नारियल व नीम के तेल की मसाज करनी चाहिए। जहां एलर्जी होती है, ऐसी जगह पर नीम का तेल लगा कर ठीक किया जा सकता है। गर्म पानी में नीम की पत्ती उबाल कर नहाने से भी एलर्जी को ठीक किया जाता है। अगर नीम की पत्ती की चटनी बना कर खा सकते हैं तो एलर्जी व शुगर दोनों बीमारी के लिए फायदेमंद हो सकती है।
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Bhiwani News: मीठी गोली व देसी नुस्खों से इलाज करवाने के प्रति बढ़ रहा मरीजों का रुझान