भिवानी। भिवानी में टिकट वितरण में भाजपा ने दिग्गजों पर दाव खेला है। तोशाम में श्रुति चौधरी को टिकट देकर बंसीलाल परिवार पर विश्वास जताया है। भिवानी में फिर से घनश्याम सर्राफ और लोहारू में वित्तमंत्री जयप्रकाश दलाल पुराने चेहरों को ही चुनावी मैदान में उतारा है।
अब कांग्रेस भी भाजपा के टिकट वितरण के बाद इन प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देने के लिए दिग्गज चेहरों के नामों की घोषणा कर सकता है। भिवानी जिले के तोशाम, भिवानी को सुरक्षित सीट समझा जा रहा है। बवानीखेड़ा में इस बार राज्यमंत्री बिशंबर वाल्मीकि का पत्ता कट गया है। उनकी जगह कपूर सिंह वाल्मीकि ने ली है। तोशाम में किरण चौधरी के राज्यसभा में जाने के बाद पहले से ही श्रुति के नामों के कयास लग रहे थे, जिस पर भाजपा ने अब मुहर लगा दी है।
बंसीलाल परिवार तोशाम में बढ़ा सकता है बीजेपी की साख
भाजपा की ओर से जारी सूची में तोशाम से श्रुति चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है। जैसा की किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने और उसके बाद राज्यसभा में जाने पर प्रबल संभावना थी कि श्रुति तोशाम से उम्मीदवार होंगी। श्रुति पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस से संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस से अनिरुद्ध चौधरी उम्मीदवार हो सकते हैं। इस स्थिति में पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के पौत्र व पौत्री आमने सामने होंगे। इन हालात में इस बार तोशाम से रोचक मुकाबला होगा। अनिरुद्ध को टिकट मिलता है तो वे भी पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। जाट वोट भी इस चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। बंसीलाल परिवार में विरासत की राजनीति के नाम पर परिवार सदस्यों के बीच ही रोचक मुकाबला रहने की उम्मीद है।
चौथी बार भिवानी में कमल खिलाने के लिए फिर सर्राफ पर दाव
भिवानी से तीसरी बार के विधायक घनश्याम सर्राफ को भाजपा ने विश्वास जताया है। घनश्याम सर्राफ लगातार भिवानी से तीन बार बीजेपी से विधायक रहे हैं अब चौथी बार भी चुनावी मैदान में उतर मैदान में दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। घनश्याम सर्राफ को टिकट देने की पीछे कयास यह भी है कि वे भाजपा के यहां मजबूत उम्मीदवार हैं। जबकि जातीय समीकरणों के हिसाब से भी उनका यहां से चौथी बार जीत दर्ज करना तय माना जा रहा है।
कांग्रेस भी यहां से अब पूर्व विधायक डॉ. शिवशंकर भारद्वाज या फिर अन्य किसी दिग्गज पर दाव खेल सकती है। हालांकि इस बार घनश्याम सर्राफ के लिए चौथी बार विधानसभा का सफर तय करना काफी चुनौती भरा रहेगा, क्योंकि पिछले पांच सालों में विधानसभा में लोग मूलभूत सुविधाओं को लेकर काफी बार सड़क पर उतर चुके हैं, जिससे मौजूदा विधायक को भी विरोध का सामना करना पड़ेगा। हालांकि बेदाग छवि के बदौलत घनश्याम लोगों के बीच फिर से पहुंचेगा। जिले में 8,75,902 मतदाता हैं।
भाजपा ने लोहारू विधानसभा से जेपी दलाल को फिर दिया टिकट, चौथी बार लड़ेंगे लोहारू विधानसभा चुनाव
लोहारू। प्रदेश के वित्त मंत्री जेपी दलाल लोहारू विधानसभा क्षेत्र से लगातार चौथी बार विधायक का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान लोहारू से विधायक चुनकर मनोहर लाल सरकार में कृषि मंत्री और नायब सैनी सरकार में वित्त मंत्री रहने वाले जयप्रकाश दलाल लोहारू विधानसभा से चौथी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। करीब 15 वर्षों से भी अधिक समय से लोहारू विधानसभा के लोगों से जुड़ाव रखने और लोहारू विधानसभा क्षेत्र को कर्मभूमि बनाने वाले जेपी दलाल पिछले पांच वर्षों में लोहारू में विकास को गति देने नाम पर एक बार फिर जनता के बीच जाएंगे। वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में लोहारू विधानसभा से भाग्य आजमाने वाले जेपी दलाल अपना पहला चुनाव महज 623 वोटों से हारे थे। जेपी दलाल ने 30,264 वोट हासिल किए थे। इसके बाद वर्ष 2014 के चुनाव में जेपी दलाल ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन वे दूसरा चुनाव महज 2ए095 वोटों के अंतर से हार गए। इस चुनाव में जेपी दलाल को 38,598 वोट हासिल हुए थे। वर्ष 2019 के चुनावों में जेपी दलाल ने लोहारू हलके में भाजपा का कमल खिलाते हुए 17,677 वोटों से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में जेपी दलाल को 61,365 वोट और कांग्रेस के उम्मीदवार सोमवीर सिंह को 43,688 वोट हासिल हुए थे। भाजपा ने तीसरी बार जेपी दलाल को उम्मीदवार बनाया है तथा जेपी दलाल ने पांच वर्षों के दौरान कैबिनेट मंत्री के पद पर रहते लोहारू इलाके मेें कथित रूप से विकास कार्यों को नई गति दी। जो इनकी मजबूती का आधार माना जा रहा है। हालांकि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नही की है। कांग्रेस उम्मीदवार के नाम की घोषणा के बाद ही हलके में चुनाव दंगल जम पाएगा।
बवानीखेड़ा में नए चेहरे कपूर वाल्मीकि पर खेला दाव
बवानीखेड़ा। कस्बे की वार्ड दो के कपूर वाल्मीकि (46) को भारतीय जनता पार्टी ने बवानीखेड़ा सुरक्षित विधानसभा सीट से टिकट दी है। कपूर वाल्मीकि के परिवार में दो भाई व दो बहन है। उनके पिता महाबीर ने बलियाली स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सेवादार की नौकरी करते थे। कपूर वाल्मीकि 12वीं तक पढ़े लिखे हैं। वे तीन बार नगर पालिका पार्षद और अध्यक्ष रह चुके हैं। इन्होंने अपनी राजनीति इनेलो से शुरू की थी। उसके बाद उन्होंने इनेलो को अलविदा कह भारतीय जनता पार्टी में अपना विश्वास जताया।
44 साल के राजेश भारद्वाज पर जताया जजपा ने भरोसा
जजपा ने भी बुधवार को तोशाम हल्के में अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी। गांव पाथरवाली के सरपंच राजेश भारद्वाज को जजपा ने तोशाम विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा है। पांच मार्च 1980 को जन्मे राजेश भारद्वाज जजपा के पूर्व युवा जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। तोशाम क्षेत्र से उनका ये पहला विधानसभा चुनाव है। जजपा ने नए चेहरे पर दाव खेला है।
Bhiwani News: भिवानी में भाजपा ने खेला दिग्गजों पर दाव, तोशाम में बंसीलाल परिवार पर भरोसा