भिवानी के गांव बिठन में घर वालों के साथ वोट डालने जाती 90 वर्षिय बुजुर्ग महिला भतेरी।
भिवानी। मतदान के दिन शनिवार को युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों में भी मतदान को लेकर गजब का उत्साह दिखा। वे अपने पोते-पोतियों के साथ मतदान करने पहुंचे। सभी ने अपने विवेक से अपने-अपने मनपसंद प्रत्याशी को वोट दिया।
मतदान करने के लिए स्वयं चलने में समर्थ न होते हुए भी बुजुर्ग अपने परिवार के सदस्यों के साथ मतदान केंद्रों पर पहुंचे। हालांकि चुनाव आयोग ने 85 से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों को घर पर वोट डालने की सुविधा दी गई थी। जिसके लिए आयोग द्वारा संबंधित बीएलओ को शपथपत्र देकर बुजुर्गों को घर पर वोट डालने की सुविधा दी गई थी। लेकिन फिर भी बुजुर्गों मतदान करने के लिए बूथों पर पहुंचे। जहां उन्होंने मतदान के लिए बूथों पर जाने को लेकर अलग-अलग अनुभव बताया।
मतदान करने के लिए पांच साल में एक बार दिन आता है। जहां अपने विवेक से अपने मनपसंद प्रत्याशी को वोट करते है। लेकिन सरकार की ओर से बुजुर्गों को घर पर मतदान करने की सुविधा दी गई थी। लेकिन बूथ पर मतदान करने का जो मजा है, वह मजा घर पर मतदान करने में कहां। क्योंकि बूथ पर जाने से अपनी उम्र के व्यक्ति मिलते हैं। जिनसे मिलकर मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा होती है। इसलिए वह अपनी पोती के साथ मतदान करने के लिए मतदान बूथ पर पहुंचा है। -पूर्व सरपंच श्योनंद रापड़िया, जूई खुर्द
बुजुर्गों को सरकार की ओर से घर पर मतदान करने की सुविधा दी गई है। लेकिन आज तक लगातार बूथों पर जाकर मतदान करते आए हैं। इससे उम्र के इस पड़ाव पर घर पर मतदान करने का मन नहीं करता है। क्योंकि बूथ पर जाने से अपनी उम्र के बुजुर्गों व युवाओं से चुनावी चर्चा करके मन को अच्छा लगता है। इसलिए मैं घर के बजाय बूथ पर ही मतदान करने के लिए अपनी बहु के साथ पहुंची हूं।- भतेरी।
बूथ पर मतदान करने का अपना एक अलग मजा है। यहां पर आकर लाइनों में लगकर मतदान करने से अलग ही अनुभूति मिलती है। क्योंकि मतदान करने का मौका पांच साल में एक बार मिलता है। जो बिना किसी लोभ लालच के करना चाहिए। मतदान को लेकर हमेशा योग्य व अनुभवी प्रत्याशी को चुनना चाहिए। इसीलिए में अपने पोते के साथ मतदान के लिए पहुंची हूं। – चक्रवर्ती गोयल।
मतदान के लिए बूथ पर आने से प्रत्याशियों के बारे में जानने का मौका मिलता है। अलग-अलग पार्टियों से सभी प्रत्याशियों की योग्यता व अनुभव के बारे में पता चलता है। हालांकि सरकार की ओर से बुजुर्गों को घर से मतदान करने की सुविधा दी गई है। लेकिन मतदान के लिए घर से बाहर बूथ पर जाने से नया अनुभव प्राप्त होता है। इसीलिए मैं दो-दो लाठियां लेकर मतदान करने के लिए पहुंचा हूं। – चंद्रभान।
Bhiwani News: बुजुर्गों में दिखा युवाओं जैसा जोश, पोते-पोतियों के साथ मतदान करने पहुंचे