[ad_1]
अपने आंसू पोछते राज्यमंत्री बिसंबर।
भिवानी। विधानसभा चुनावों में भाजपा की पहली प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद अब साइड इफेक्ट्स सामने आने लगे हैं। बवानीखेड़ा से राज्यमंत्री बिशंबर वाल्मीकि की टिकट कटने पर आंसू टपके तो तोशाम से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक शशीरंजन परमार भी रो पड़े। जिले की इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों से भाजपा ने इस बार नए चेहरों को मौका दिया है।
भाजपा ने तोशाम से पूर्व मुख्यमंत्री की पौती श्रुति चौधरी चुनावी मैदान में उतारी हैं तो बवानीखेड़ा से नया चेहरा कपूर सिंह वाल्मीकि को विधायक का टिकट दिया है। ऐसे में अब बड़े नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी सामने आने लगी है। टिकट कटने के बाद दोनों ही नेताओं ने शुक्रवार को अपने-अपने आवास पर कार्यकर्ता बैठक बुलाई है।
टिकट कटने पर बिशंबर के टपके आंसू, धामाण खाप आज लेगी फैसला
बवानीखेड़ा से भाजपा को लगातार दो बार जीत दिलाने वाले राज्यमंत्री बिशंबर वाल्मीकि की टिकट कटने के बाद वीरवार को वे अपने पैतृक गांव खरक पहुंचे। अपने खरक स्थित आवास पर पहुंचने पर कार्यकर्ताओं के मायूस चेहरे देखकर वे अपने आंसू नहीं रोक पाए और रोने लगे। इस दौरान उन्होंने बवानीखेड़ा से भाजपा उम्मीदवार कपूर वाल्मीकि पर आरोप लगाते हुए कहा कि हत्या और भष्ट्राचार के मामले में आरोपी रहे हैं, भाजपा हाईकमान को टिकट देने से पहले जानकारी लेनी चाहिए थी। बिशंबर के निवास पर एकत्रित हुए सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने अपने विचार रखें। कार्यकर्ताओं ने कहा बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि ऐसा भाजपा कार्यकर्ता है जो तीसरी बार हजारों वोट से अपनी जीत दर्ज करता। भाजपा हाईकमान ने बिशंबर के साथ विश्वासघात कर दिया, जिसका खामियाजा पार्टी को विधानसभा चुनाव में जरूर भुगतना पड़ेगा। शुक्रवार को सुबह 11 बजे गांव खरक के दादी सती जाबदे मंदिर में बिशंबर के चुनाव लड़ने का फैसला धामाणा खाप करेंगी।
टिकट कटने पर चौ बंसीलाल के गढ़ तोशाम में किरण के मुकाबले 56 हजार वोट लेने वाले पूर्व विधायक रो पड़े
पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के गढ़ में चार बार कांग्रेस से विधायक रही किरण चौधरी के मुकाबले में पिछली बार चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक शशीरंजन परमार अपनी टिकट कटने पर रो पड़े। किरण के सामने चुनाव में तोशाम से पूर्व विधायक शशीरंजन परमार ने 56 हजार वोट हासिल किए थे। पूर्व विधायक शशीरंजन परमार ने शुक्रवार को अपने आवास पर कार्यकर्ता बैठक बुलाई है। इसमें वह श्रुति चौधरी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते हैं। शशीरंजन परमार ने लोकदल से अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत मुंढाल हल्का से की थी और मुंढाल से विधायक बने थे। इसके बाद ये हलका तोड़ दिया। इसके बाद वे कांग्रेस में गए लेकिन वहां से 2019 के विधानसभा चुनावों में वे भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में तोशाम विधानसभा से शशीरंजन परमार ने किरण चौधरी के मुकाबले में चुनाव लड़ा था और यहां से भाजपा के खाते में 56 हजार वोट डाले गए थे। एक साक्षात्कार में पूर्व विधायक शशीरंजन परमार अपने टिकट कटने का दर्द बयां करते हुए रो पड़े। उनके आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। वे इस बार तोशाम से अपनी जीत पक्की मान रहे थे, क्योंकि हार के बावजूद लगातार पांच सालों तक तोशाम की जनता से सीधे जुड़े रहे। किरण चौधरी के भाजपा में आने और फिर राज्य सभा में जाने के बाद से ही शशीरंजन परमार को तोशाम से उनका पत्ता कटने का आभास हो गया था। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने भी मंच पर ये बात कह दी थी कि नए आने के बाद पुरानों को मत भूल जाना। इसका अर्थ यही था कि उन्हें तोशाम से प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ाना मत भूलना। मगर राजनीति में सब कुछ जायज है, अब टिकट कटी है तो पूर्व विधायक भी विरोधी सुर मुखर कर रहे हैं। इसी को लेकर शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे उन्होंने अपने आवास पर कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें वे कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
[ad_2]
Bhiwani News: बवानीखेड़ा से टिकट कटने पर राज्यमंत्री बिशंबर वाल्मीकि के टपके आंसू, तोशाम से टिकट नहीं मिलने पर रो पड़े पूर्व विधायक