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राजकीय कन्या स्कूल का मुख्य द्वार।
ढिगावा मंडी(भिवानी)। जिले के विद्यार्थियों को संस्कार युक्त बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी प्राइमरी स्कूलों में संस्कार अध्यापक नियुक्त किए जाएंगे। नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ संस्कृति व गौरव का ज्ञान करवाया जाएगा। वहीं नैतिक संस्कारों की शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नए सत्र से संस्कार अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए जल्दी ही विज्ञापन जारी होगा।
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जानकारी देते हुए केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़ ने कहा कि देश में नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ अपनी संस्कृति एवं गौरव का भी ज्ञान करवाया जाएगा। बच्चों को नैतिक संस्कारों की शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। इसके लिए प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में संस्कार अध्यापक भी नियुक्त होंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की परियोजनाओं के तहत चयनित अध्यापक का कार्य विद्यार्थियों में जहां संस्कार विकसित करना होगा, वही वो नैतिक शिक्षा के भी ध्वजवाहक का भी कार्य करेंगे।
ये अध्यापक स्कूल एजुकेशन और साक्षरता मिशन भारत सरकार के विशेष प्रोजेक्ट के तहत मिनिस्ट्री आफ कल्चर अफेयर भारत सरकार व देश की एक नामी संस्थान के तत्वावधान में सभी प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए सिलेबस भी तैयार किया जा रहा है। ये अध्यापक अंशकालिक होंगे और ये हर रोज दो घंटे ही विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे।
ये रहेगी शैक्षणिक योग्यता
केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़ के अनुसार इन पदों के लिए न्यूनतम योग्यता 12 वीं कक्षा पास रखी गई है। इसके साथ ही आवेदक की आयु प्रदेश में नियुक्ति नियमों के अनुरूप 18 से 42 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। हालांकि एससी, एसटी व भूतपूर्व सैनिकों या उनके आश्रितों, स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को इसमें तीन वर्ष की छूट रहेगी। इसके अलावा इसके 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे।
ये रहेगा वेतनमान
निदेशक नरेश सेलपाड़ ने बताया कि चयनित प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त संस्कार अध्यापकों को महज दो घंटे ही अपनी सेवाएं देनी होगी। जिसके एवज में उन्हें औसतन 9240 रुपये वेतनमान दिया जाएगा। यदि एक गांव में एक स्कूल है तो उनकी ड्यूटी उसी स्कूल में होगी, यदि गांव में दो प्राइमरी स्कूल हैं तो अलग-अलग दिनों या एक-एक घंटा दोनों स्कूलों में सेवाएं देनी होगी। किसी बड़े गांव या कस्बे में दो से अधिक प्राइमरी स्कूल होने पर वहां एक से अधिक अध्यापकों की नियुक्तियां हो सकेंगी।
सात लोगों की बनेगी कमेटी
विद्याथिर्यों में भारतीय संस्कृति के प्रति रुचि पैदा करने के लिए सात सदस्यों की एक कमेटी भी बनेगी। इस कमेटी से जुड़ने के लिए 12वीं तक शिक्षित होने के अलावा समाजसेवा से जुड़ा होना अनिवार्य मापदंड बनाया गया है। हालांकि इनका कार्य निगरानी एवं सुझाव देने व कार्य विशेष की योजना को अमलीजामा पहनाना होगा। यह कमेटी पहले से स्कूल में कार्यरत एसएमसी कमेटी से अलग होगी। वैसे एसएमसी कमेटी के सदस्य भी इससे जुड़ सकते हैं, लेकिन उन्हें शिक्षा से संबंधित मापदंड पूरे करने होंगे, जबकि एसएमसी कमेटी में ऐसा कोई नियम नहीं था।
प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में संस्कार अध्यापक नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए जल्दी ही विज्ञापन जारी होगा। नए सत्र से नियुक्ति होने की संभावना है।
-नरेश सेलपाड़, निदेशक, केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड।
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Bhiwani News: प्रदेश में नए सत्र से संस्कार टीचर होंगे नियुक्त