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गांव नौरंगाबाद में स्थित पुरातत्व संग्रहालय की जमीन का मुख्य गेट।
अशोक भारद्वाज
भिवानी। रविवार को पुरातत्व विभाग की टीम ने गांव नौरंगाबाद के ऐतिहासिक स्थल का निरीक्षण किया। जहां पर लोगों द्वारा बनाए गए अवैध कब्जों को तोड़ने के आदेश दिए गए। विभाग द्वारा साल 2010 में अवैध कब्जा खाली करने के लिए विभाग द्वारा नोटिस दिए जा चुके थे। इसके बाद लोगों द्वारा खाली किए गए मकानों पर कार्रवाई करते हुए मकानों को तोड़ने के आदेश दिए गए हैं।
दरअसल, सन 1980 के आसपास पुरातत्व विभाग ने गांव नौरंगाबाद में नर कंकाल मिलने के बाद गांव की लगभग 80 एकड़ जमीन को अधिग्रहीत किया था। विभाग ने अधिग्रहीत की गई जमीन के बदले ग्राम पंचायत को कोई फंड नहीं जारी किया था। उसी समय तत्कालीन सरपंच मनोहर लाल शर्मा ने पुरातत्व विभाग को तारबंदी करके ग्राम पंचायत की जमीन को सौंपा गया था। जिसके बाद गांव के कुछ लोगों ने विभाग द्वारा अधिग्रहीत की गई जमीन पर तीन अवैध तरीके से मकान बना लिए थे। जिसके बाद यहां पर खोदाई के लिए पुरातत्व विभाग ने बनाए गए अवैध मकानों को खाली करने के निर्देश दिए थे। निर्देशों के साथ ही विभाग द्वारा साल 2010 में अवैध कब्जे धारियों को नोटिस जारी करते पुलिस बल के साथ मकानों को खाली करवाया गया। अब खाली मकानों पर कार्रवाई करने के लिए रविवार को चंडीगढ़ से पुरातत्व विभाग की टीम पहुंची। जिन्होंने निरीक्षण करते हुए खाली मकानों को तोड़ने के आदेश दिए है। संवाद
ग्रामीणों के झगड़े को खत्म करने के लिए तत्कालीन सरपंच ने विभाग को सौंपी थी जमीन
गांव नौरंगाबाद में खाली पड़ी जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जे करने शुरू कर दिए थे। कब्जों को लेकर ग्रामीणों में झगड़े भी होने शुरू हो गए थे। तब 1980 के आसपास गांव के सरपंच मनोहर लाल ने अपनी सूझबूझ से बीच का रास्ता निकालने व ग्रामीणों में भाईचारे को बनाए रखने के लिए यह जमीन पुरातत्व विभाग को सौंपी। जिसके बाद विभाग द्वारा ग्राम पंचायत को कोई शुल्क नहीं दिया गया।
सरपंच ने बचाए थे ग्रामीणों के मकान
1980 में जब विभाग ने जमीन अधिग्रहीत की तो गांव के काफी लोगों के मकान उसके अंदर आ गए थे। तब ग्रामीणों के मकानों को बचाते हुए सरपंच मनोहर लाल ने अपने हिसाब से विभाग को गांव की जमीन पर कब्जा दिलवाया था। उस समय उन्होंने किसी भी ग्रामीण का मकान नहीं तोड़ने दिया था।
खोदाई के दौरान मिल चुका है यह सामान
ग्रामीण संदीप शर्मा दास ने बताया कि गांव में पुरातत्व विभाग की खोदाई के दौरान ऐतिहासिक काल के तांबे के रुपये, नर कंकाल, पशुओं के कंकाल, मिट्टी के बर्तन, 18 इंच की दीवारों के मकान, कई सिक्के, मुहरें, टेराकोटा मुहरें, मिट्टी की ईंटों से बनी किलेबंद बस्ती, पक्की ईंटों की संरचनाएं मिल चुकी है। खोदाई के दौरान मिले सिक्कों, मुहरों और सिक्का-ढांचे से पता चलता है कि यहां यौधेय, इंडो-ग्रीक, कुषाण, और गुप्त काल के राजाओं का शासन था।
रविवार को गांव में पुरातत्व विभाग की टीम द्वारा ऐतिहासिक स्थल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने ऐतिहासिक स्थल पर बनाए गए तीन अवैध मकानों को तोड़ने के आदेश दिए। विभाग द्वारा कब्जा धारियों को कब्जा छोड़ने के लिए 2010 में नोटिस दिए जा चुके थे। – इंद्र फौजी, सरपंच प्रतिनिधि, नौरंगाबाद।
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Bhiwani News: नौरंगाबाद के ऐतिहासिक स्थल पर तोड़े जाएंगे बनाए गए अवैध मकान