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मांगों को लेकर उपायुक्त महाबीर कौशिक से मिलने जाते संघर्ष समिति के पदाधिकारी।
भिवानी। महम गेट पर चौखानी इस्टेट स्थित गली नंबर एक के फर्जी पीआईडी को रद्द करवाने व आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए पीड़ित मुरारीलाल सैनी का परिवार पिछले करीब 9 माह से संघर्षरत्त रहा। भिवानी संघर्ष समिति ने भी इस मामले के लिए प्रदर्शन किया। इस मामले में बनवाई गई फर्जी पीआईडी भिवानी नगर परिषद की ओर से रद्द कर दी गई है।
इसके बाद अब पीड़ित परिवार भिवानी संघर्ष समिति व अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वीरवार को उपायुक्त महाबीर कौशिक से मिले। इस मामले में रजिस्ट्री रद्द करवाने, गली में डाले गए सामान उठाने व फर्जी पीआईडी बनाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग का ज्ञापन सौंपा।
इस बारे में पीड़ित मुकेश सैनी, पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति, सैनी विचार मंच के संस्थापक सदस्य सुरेश सैनी, भिवानी सैन जागृति एवं जनकल्याण मंच से रणबीर भाटी ने बताया कि कुछ भू-माफियाओं द्वारा नगर परिषद के कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी कागजात तैयार करके महम गेट पर चौखानी इस्टेट स्थित गली नंबर-1 पर अवैध रूप से कब्जा किए जाने के प्रयास किए जा रहे थे।
उन्होंने बताया कि यह गली पिछले करीब 25 वर्षों से पक्की बनी हुई थी, जिसमें सीवरेज व पेयजल लाइन भी डली हुई है। यही नहीं यह गली नगर परिषद के नक्शों में पास की गई है। इसके बावजूद भी भू-माफिया ने अवैध रूप से नगर परिषद से फर्जी पीआईडी बनवाई गई तथा इस पीआईडी की गूगल पर कोई लोकेशन तक नहीं है।
उन्होंने बताया कि आरोपी फर्जी पीआईडी के आधार पर गली को अपनी निजी फायदे के लिए बंद करना चाहता था। जिसके खिलाफ गली निवासी मुकेश सैनी के परिवार ने आवाज उठाई तथा पिछले करीब 9 माह से संघर्ष कर रहा था। जिस संघर्ष का परिणाम अब उन्हें मिला है तथा शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय हरियाणा चंडीगढ़ से फर्जी पीआईडी रद्द करने के आदेश पारित हुए है। इसके अलावा फर्जी पीआईडी बनाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई के आदेश किए गए है।
उन्होंने बताया कि उपायुक्त को मांगपत्र सौंपते हुए पीड़ित परिवार व अन्य सामाजिक संगठनों ने इस मामले में रजिस्ट्री रद्द करवाने, गली में डाले गए सामान उठाने व फर्जी पीआईडी बनाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है। इस अवसर पर चिरंजीलाल सैनी, सतीश शर्मा, इंजीनियर सुरेश सैनी, ओमकार सैनी, दिनेश, ओमप्रकाश, विजय, श्रीराम भी साथ रहे।
नगर परिषद में 300 करोड़ का सामने आ चुका है घोटाला
भिवानी नगर परिषद में करीब तीन वर्षों पहले भी 300 करोड़ रुपये के करीब का घोटाला हुआ था। इसमें नगर परिषद के कई बड़े अधिकारी व कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई थी। इस मामले में बहुत से आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। इसकी अब भी सीबीआई जांच जारी है। इसके बाद अब एक बार फिर से नगर परिषद की ओर से फर्जी पीआईडी बनाने का मामला सामने आना प्रदेश सरकार के जीरो टोलरेंस के नारे पर तमाचा मारने का काम कर रहा है।
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Bhiwani News: नगर परिषद ने महम रोड चौखानी इस्टेट में बनवाई फर्जी पीआईडी की रद्द