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शहर में पड़े कूड़े में मुंह मारते बेसहारा पशु।
भिवानी। भिवानी को स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में राष्ट्रीय स्तर पर 302वां और स्टेट रैंकिंग में 16वां स्थान मिला है। जबकि 2022 के स्वच्छता सर्वेक्षण में स्टेट रैंकिंग 18वां पायदान पर रहा था। राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता रैंकिंग में भिवानी 61 रैंक पिछड़ गया था। लेकिन अब भिवानी को स्वच्छ शहरों की श्रेणी में लाने के लिए सुंदरीकरण के साथ स्वच्छता की दिशा में भी कदम उठाया जा रहा है। भिवानी में नगर परिषद सफाई पर ही सालाना करीब 16 करोड़ का बजट खर्च कर रहा है। नगर परिषद के पास 269 सफाई कर्मचारी हैं, लेकिन अधिकांश दायरे में ठेके पर ही सफाई व्यवस्था चल रही है।
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भिवानी करीब पौने चार लाख आबादी का शहर है। जिसमें नगर परिषद के 31 वार्ड शामिल हैं। 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान सफाई को लेकर कुछ व्यवस्थाएं प्रक्रिया में थी, लेकिन अब शहर के 31 वार्डों में घर-घर कूड़ा उठान कार्य में डेढ़ सौ ऑटो टिप्पर लगे हैं। वहीं भिवानी में ठोस कचरा अपशिष्ठ प्रबंधन प्लांट भी लगाया जा रहा है। जिसका 60 फीसदी काम भी पूरा हो चुका है। हालांकि अब भी घरों से सूखा और गीला कचरा अलग-अलग नहीं हो पा रहा है। नगर परिषद और एनजीओ की टीमें स्वच्छता का पाठ पढ़ाने के लिए अभियान चला रही हैं। होटल और रेस्टोरेंटों व बड़े संस्थानों के अंदर ही कचरा निस्तारण की व्यवस्था भी कराई जा रही है।
शहर की स्वच्छता की रैंकिंग में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की कार्य प्रणाली का भी अहम योगदान है। शहर के अंदर सीवर और पेयजल व्यवस्था के भी नगर परिषद की स्वच्छता रैंकिंग में अंक मिलते हैं। अगर शहर के अंदर ठप सीवर और दूषित पेयजल आपूर्ति है तो उसके अंक भी प्रभावित होते हैं। भिवानी शहर में 45 साल पुरानी पानी की लाइनें हैं, जिनकी लीकेज की वजह से अधिकांश हिस्सों में गंदे पानी की आपूर्ति की शिकायतें बनी रहती हैं। इसके अलावा कई हिस्सों में सीवर मैनहोल भी ठप पड़े हैं। इन सबका शहर की स्वच्छता रैंकिंग पर बुरा असर पड़ेगा।
ये है 2017 से अब तक भिवानी शहर की स्वच्छता रैंकिंग
साल- राष्ट्रीय स्वच्छता रैंकिंग
2017- 345
2018- 238
2019- 232
2020- 166
2021- 244
2022- 241
2023- 302
ओडीएफ प्लस हो चुका है भिवानी शहर
खुले में शौच मुक्त शहरों की श्रेणी में भिवानी शहर भी शामिल है। भिवानी को ओडीएफ प्लस का रैंक मिल चुका है। भिवानी नगर परिषद को यह खिताब सार्वजनिक टॉयलेट के रखरखाव के साथ उनके प्रबंधन और सुलभ सुविधा के हिसाब से मिला है। नगर परिषद अब शहर में डीलक्स शौचालय व पुराने सार्वजनिक शौचालयों का नवीनीकरण करा रहा है। जिसके जरिए शहर को ओडीएफ प्लस-प्लस का दर्जा दिलाने की कवायद भी चल रही है।
लोगों को सूखा और गीता कचरा अलग-अलग करने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा शहर के होटल, रेस्टोरेंट व बड़े बैंक्वेट हालों के अंदर ही कचरा निस्तारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। घर-घर कूड़ा उठान कराने के साथ-साथ लोगों को भी स्वच्छता का महत्व समझाया जा रहा है। इस बार के स्वच्छता रैंकिंग में कई नए मानक शामिल किए गए हैं, जिसकी बदौलत भिवानी शहर स्वच्छता रैंकिंग में ऊपर आएगा।
-सन्नी शर्मा, कोऑर्डिनेटर, स्वच्छ भारत मिशन, नगर परिषद भिवानी।
भिवानी शहर को स्वच्छ और सुंदर शहर बनाने की दिशा में नगर परिषद प्रभावी कदम उठा रहा है। शहर के सभी सार्वजनिक शौचालयों का नवीनीकरण किया गया है। वहीं चौक-चौराहों के सुंदरीकरण का काम भी चल रहा है। मुख्य रास्तों के सुंदरीकरण का काम भी किया जा रहा है। शहर से काफी कचरा प्वाइंट भी बंद कराए गए हैं। घर-घर कूड़ा उठान के साथ-साथ ठोस कचरा निस्तारण की दिशा में भी तेजी से सुधार हुआ है। इस साल के स्वच्छता सर्वेक्षण में भिवानी शहर सबसे सुंदर और स्वच्छ शहरों में शुमार होगा।
-भवानी प्रताप सिंह, चेयरपर्सन प्रतिनिधि नगर परिषद भिवानी।
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Bhiwani News: नगर परिषद का सफाई पर सालाना 16 करोड़ का बजट, स्वच्छता में फिसड्डी