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दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम।
भिवानी। दो नए सब स्टेशन का पांच साल से शहरवासी इंतजार कर रहे हैं लेकिन अभी तक जगह मिली है न मंजूरी। ऐसे में शहर की अधिकांश बाहरी कॉलोनियों के अंदर लोग बिजली की लो वोल्टेज और कट झेलने पर मजबूर हैं।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने लोहारू रोड और रोहतक रोड क्षेत्र में घनी आबादी बढ़ने की वजह से नए पावर सब स्टेशनों की जरूरत महसूस हो रही है। ऐसे में निगम ने नगर परिषद भिवानी को भी करीब छह बार भूमि मुहैया कराने का प्रस्ताव भेजा, लेकिन नगर परिषद ने इस पर अब तक कोई विचार न हीं किया है।
दादरी रोड पर शहर का दायरा काफी बढ़ गया है। जबकि ढाणा रोड और कोंट रोड तक का हिस्सा भी इसी दायरे में आता है। फिलहाल गांव हालुवास के पावर सब स्टेशन से इस इलाके को बिजली आपूर्ति मिल रही है। इसी तरह रोहतक रोड पर भी हुन्नामल प्याऊ और डिफेंस कॉलोनी का हिस्सा गांव निनान तक पहुंच गया है। ऐसे में इस दायरे के लिए भी निगम को अब अलग से 33 केवी पावर सब स्टेशन की जरूरत महसूस हो रही है।
पावर सब स्टेशन नहीं होने का एक खामियाजा यह भी है कि इन इलाकों तक बिजली पहुंचाने के लिए भी लंबी लाइनें हैं, इन लाइनों में जरा सा फाल्ट होने पर ही पूरे इलाके की बिजली गुल हो जाती है। ऐसे में अगर अलग से इन हिस्सों के लिए नए पावर सब स्टेशन बनते हैं तो लोगों को भी गुणवत्ता परक बिजली मिलेगी और कट भी नहीं झेलने पड़ेंगे।
शहर की अधिकांश बाहरी कॉलोनियों के अंदर बिजली की कोई सुविधा नहीं है। गलियों के अंदर तार लटक रहे हैं, क्योंकि यहां खंभे भी काफी दूरी पर लगे हैं। जबकि अधिकांश समय तो लाइनों में फाल्ट ही रहता है। निगम के शिकायत केंद्र पर भी फोन घनघनाते रहते हैं, यहां ठीक करने भी कोई नहीं आता। अगर बिजली निगम इन इलाकों के लिए ढांचागत सुविधाओं में विस्तार करता है तो इसका आबादी को फायदा होगा। – सूरज।
कोंट रोड और ढाणा रोड पर आबादी काफी बढ़ गई है। यहां बिजली की लाइनें भी काफी पुरानी हैं, वहीं सब स्टेशन की लंबी लाइन में भी बारिश व तेज हवा के दौरान कई बार फाल्ट आ जाते हैं। इससे पूरे इलाके में अंधेरा छा जाता है। काफी साल पहले यहां पिलर बॉक्स लगाए गए थे, वे बॉक्स भी अब टूट चुके हैं। बिजली व्यवस्था सुचारु बनाने के लिए नए सब स्टेशन भी इस क्षेत्र में बनाए जाने जरूरी हैं। – रिंकू।
रोहतक रोड पर औद्योगिक क्षेत्र में पावर सब स्टेशन बने हैं। इन पावर सब स्टेशनों से दोनों औद्योगिक सेक्टरों की औद्योगिक इकाइयां जुड़ी हैं, जबकि आबादी के इलाके को भी यहीं से आपूर्ति दी जा रही है। इसमें काफी बार दिक्कतें आने से बिजली गुल हो जाती है। आबादी के लिए अलग से पावर सब स्टेशन बनाया जाए तो इस तरह के फाल्ट से छुटकारा मिलेगा। वहीं गुणवत्ता परक बिजली आपूर्ति भी इलाके में मिलने लगेगी। – सूबे सिंह।
बिजली निगम ने पॉश इलाके में तो बिजली की चौबीसों घंटे सुविधा दी है। लेकिन शहर की बाहरी और अनधिकृत कॉलोनियों में सिर्फ नाम की बिजली सुविधा है। यहां गांवों से भी ज्यादा बिजली कट लोगों को झेलने पड़ते हैं। अगर शहर के बाहरी दायरे के लिए अलग-अलग बिजली सब स्टेशन बनाए जाएं तो यहां के लोगों को बेहतर बिजली सुविधा मिल सकती है। – रानी।
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Bhiwani News: दो नए सब स्टेशन का पांच साल तक शहरवासी करते रहे इंतजार, नहीं मिली नगर परिषद से भूमि