भिवानी। देश को सैकड़ों पदक दिलाने वाले भिवानी बॉक्सिंग क्लब में जाने के लिए सड़क तक नहीं है। शाम होते ही यहां अंधेरा छा जाता है, जिसके कारण देश का नाम चमकाने वाले मुक्केबाज अंधरे में अभ्यास करने को मजबूर हैं। हाल ही में क्लब की मुक्केबाज नीतू घनघस ने महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। क्लब ने देश को 290 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं।
हालत ऐसे हैं कि बारिश के दिनों में यहां अभ्यास करने आ रहे खिलाड़ियों और कोच को हाथ में जूते लेकर गंदे पानी के गड्ढे पार करने पड़ रहे हैं। क्लब के सामने कच्चा रास्ता होने के कारण यहां गंदा पानी जमा रहा है जिसके कारण आने-जाने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां पर अभ्यास कर रहे कोच और खिलाड़ियों को सरकार से सड़क बनाने की गुहार लगाई है, ताकि वे आराम से अभ्यास कर सकें।
भिवानी बॉक्सिंग क्लब में महिला और पुरुष मुक्केबाजों को द्रोणाचार्य अवॉर्डी जगदीश सिंह अभ्यास करवाते हैं, जिसके मार्गदर्शन में रोजाना 100 से अधिक मुक्केबाज सुबह और शाम रिंग में पसीना बहा रहे हैं। कोच जगदीश सिंह ने बताया कि अब तक क्लब में अभ्यास करते हुए मुक्केबाजों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 290 पदक जीते हैं, जबकि विश्व स्तर पर 20 पदक मुक्केबाजों ने जीतकर देश का नाम रोशन किया है। देश का पहला ओलंपिक पदक विजेता बॉक्सर विजेंद्र सिंह बेनीवाल ने भी उनके मार्गदर्शन में अभ्यास किया था। क्लब ने देश को पांच अर्जुन अवॉर्डी दिए हैं, जिसमें मुक्केबाज बिजेंद्र, अखिल, दिनेश मिताथल, विकास यादव, कविता चहल शामिल है। इनके अलावा छह भीम अवॉर्डी भी हैं, जिसमें विजेंद्र, दिलबाग, दिनेश, सोनिया, सुनील शामिल है। कोच जगदीश सिंह ने बताया कि यहां न तो आने-जाने के लिए सड़क है और न ही सीवर की व्यवस्था है। कई साल पहले एक स्ट्रीट लाइट लगाई थी, जोकि दो साल से बंद पड़ी है। शाम होते ही यहां अंधेरा छा जाता है, ऐसे में देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी अंधेरे में रहने को मजबूर है। उन्होंने प्रशासन और सरकार से सड़क, सीवर बनवाने, पार्क और स्ट्रीट लाइन ठीक करवाने की मांग की है।
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