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भिवानी के तकनीकी शिक्षण संस्थान टीआईटी में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ करते राष्ट्रीय टेक्सटाइल
भिवानी। टीआईटीएस भिवानी में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि रहे राष्ट्रीय टेक्सटाइल मिशन भारत सरकार के निदेशक अशोक मल्होत्रा ने बताया कि टेक्सटाइल के लिए केंद्र सरकार ने दस हजार करोड़ की योजना मंजूर की है। संस्थान के निदेशक प्रो. बेहेरा ने जर्मनी के निडरहाइन विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि के साथ अनुबंध किया। इसके तहत विद्यार्थी शोध और शैक्षिक लाभ पर सहयोग कर सकेंगे।
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निदेशक मल्होत्रा ने संतुलित और पर्यावरण के अनुकूल विकास में तकनीकी टेक्सटाइल्स का योगदान बताया गया। उन्होंने कहा कि उद्योग के सतत विकास के लिए भारत सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में भारत बड़े निर्यातक के रूप में उभरेगा।
उन्होंने कहा कि भारत तकनीकी टेक्सटाइल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, लेकिन इसके समग्र उत्पादन में विश्वस्तर पर शीघ्र ही भारत अपना स्थान सुनिश्चित कर लेगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र के लिए बड़ी योजना मंजूर की है। इससे तकनीकी टेक्सटाइल के उत्पादन और प्रमाणन की सारी व्यवस्था भारत में ही संभव हो जाएगी और विदेशों से न के बराबर सहायता ली जाएगी।
उन्होंने छात्रों को सरकार की ओर से चलाई जा रही विशेष योजनाओं की जानकारी दी। बताया कि इसमें स्टार्टअप को वरीयता दी जा रही है। कार्यक्रम में टीआईटीएस के निदेशक प्रो. बीके बेहेरा ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रो. बेहेरा ने टेक्सटाइल्स के क्षेत्र में सतत विकास और तकनीकी टेक्सटाइल्स का महत्व समझाया।
कार्यक्रम में जर्मनी के निडरहाइन विश्वविद्यालय के प्रो. जोस्ट सेबास्टियन गोटरट, प्रो. बास्टियन क्वाटेलबॉम, प्रो. मोनिका आइगनस्टेटर और प्रो. अलेक्जेंडर विल्हेम बूसगन ने विभिन्न तकनीकी सत्रों में व्याख्यान प्रस्तुत किए। इन विशेषज्ञों ने तकनीकी टेक्सटाइल्स के विकास और उसके पर्यावरणीय प्रभाव बताए। उन्होंने शोध, नवाचार और व्यावसायिक दृष्टिकोण से तकनीकी टेक्सटाइल्स की भूमिका बताई।
वक्ताओं ने कहा कि टेक्सटाइल्स के क्षेत्र में भविष्य में स्मार्ट और फंक्शनल टेक्सटाइल्स का उपयोग बढ़ेगा, जो विशेषकर स्वास्थ्य, सुरक्षा और ऊर्जा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में सहायक होंगे। चेक यूनिवर्सिटी ऑफ लाइफ साइंसेज से आए प्रो. राजेश मिश्रा और आईआईटी दिल्ली के प्रो. जावेद शेख ने भी सत्रों का संचालन कर व्याख्यान दिया।
इन विशेषज्ञों ने उद्योग, अकादमिक और अनुसंधान क्षेत्र में तकनीकी टेक्सटाइल्स का महत्व बता इसके सतत उपयोग की संभावना बताई। कार्यक्रम में विभिन्न उद्योग के प्रमुख प्रतिनिधि, विश्वविद्यालयों के शोधकर्ता और विभिन्न शिक्षा संस्थानों के छात्र मौजूद थे।
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Bhiwani News: टीआईटीएस का निडरहाइन विवि के साथ अनुबंध