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शहर में स्थित खंड विकास अधिकारी कार्यालय।
भिवानी। जिले की 312 ग्राम पंचायतों को सीधे खाता में मिलने वाले पैसे से विकास कार्य कराने के डोंगल तो मिले हैं, लेकिन तिमाही बजट का इंतजार है। केंद्र और राज्य सरकार की हर तीन माह में ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए ग्रांट दी जाती है, लेकिन पिछले तीन माह से किसी भी ग्राम पंचायत के खाता में कोई ग्रांट नहीं आई है।
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अब मार्च में फिर से तिमाही ग्रांट से नए विकास कार्य कराने का समयावधि भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में गांवों के अंदर विकास कार्य भी अटके पड़े हैं। वहीं विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारी भी नगरपालिका चुनाव की ड्यूटी में उलझे हुए हैं।
भिवानी जिले में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय से छह खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी आते हैं। इन सभी से जिले की 312 ग्राम पंचायतें जुड़ी हैं। ग्राम पंचायतों को केंद्र सरकार की विकास योजनाओं के साथ राज्य सरकार की ग्रांट भी हर तिमाही सीधे ग्राम पंचायत के खाता में दी जाती है। ऑनलाइन ही ये ग्रांट पंचायती विकास कार्याें के लिए ग्राम पंचायतों को मिलती है।
इसके लिए ही प्रत्येक ग्राम पंचायत के नाम एक डोंगल अलॉट किया हुआ है। इसी डोंगल से ग्राम पंचायत और ग्राम सचिव की मदद से खंड एवं विकास पंचायत अधिकारी कार्यालय से विकास कार्यों का पैसा का हिसाब किताब रखा जाता है। अब दुविधा यह है कि इस तिमाही की ग्रांट का इंतजार बना है, लेकिन किसी भी ग्राम पंचायत के खाता में कोई पैसा नहीं आया है। संवाद
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ग्राम पंचायतों में ये अटके हैं काम
जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण, पानी निकासी की व्यवस्था, गलियों के निर्माण के काम चल रहे हैं। इसके अलावा भी जोहड़ों के सुंदरीकरण, मिट्टी छंटाई के काम कराए जा रहे हैं। इसी तरह कई मरम्मत कार्य भी ग्राम पंचायतें करा रही हैं। लेकिन तिमाही बजट की वजह से इस तरह के ग्राम पंचायतों में विकास के काम अटके हुए हैं। कई विकास कार्यों की पहली ग्रांट आ चुकी है तो उसकी दूसरी किस्त नहीं आने से भी काम रुके हुए हैं।
ग्राम पंचायतों को 21 लाख रुपये तक के विकास कार्य अपने स्तर पर कराने की छूट है। ग्राम पंचायतों को वर्ष 2010-11 की जनगणना में गांव की जनसंख्या के आधार पर विकास कार्यों के लिए ग्रांट मिलती है। फिलहाल गांव में अब डेढ़ गुना ज्यादा आबादी बढ़ गई है। ऐसे में गांव के विकास के लिए बजट बहुत थोड़ा मिल रहा है। सरकार की तरफ से इस तिमाही की ग्रांट भी अब तक नहीं आई है। जबकि अगले माह मार्च में तो दूसरी तिमाही ग्रांट ग्राम पंचायतों के खाता में आ जानी चाहिए थी। इस लिहाज से पिछले छह माह से ग्राम पंचायतों को बजट के नाम पर एक पैसा नहीं मिला है। इस स्थिति में गांव में कैसे विकास कार्य संभव हो पाएंगे।
– आशीष बैनीवाल, जिला प्रधान, सरपंच एसोसिएशन, भिवानी।
ग्राम पंचायतों को अपने स्तर पर काम कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से हर तिमाही ग्रांट जारी की जाती है। लेकिन अभी तक पिछली ग्रांट नहीं आई है। मार्च में फिर से तिमाही नई ग्रांट आनी होती है। ग्रांट आने के बाद ही ग्राम पंचायतों में विकास के काम कराए जा सकते हैं।
-प्रवीण बजाज, एसडीओ, तकनीकी विंग पंचायती राज विभाग, भिवानी।
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Bhiwani News: जिले की 312 ग्राम पंचायतों को डोंगल तो मिले विकास कार्यों के लिए तिमाही बजट का इंतजार