{“_id”:”67b61719023df326820e4409″,”slug”:”after-construction-of-four-new-tanks-and-five-mld-plants-in-jalghar-the-city-will-get-supply-for-32-days-bhiwani-news-c-125-1-shsr1009-130230-2025-02-19″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Bhiwani News: जलघर में चार नए टैंक और पांच एमएलडी संयंत्र निर्माण के बाद 32 दिन शहर को मिलेगी आपूर्ति”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
महम रोड पर स्थित जलघर का टैंक।
भिवानी। अब पुराना जलघर में चार नए आरसीसी पैटर्न के बड़े टैंक और पांच एमएलडी क्षमता के नहरी पानी ट्रीटमेंट के लिए नया प्लांट लगने के बाद पूरे शहर को 32 दिन तक निर्बाध रूप से पेयजल आपूर्ति संभव हो पाएगी। शहर की पेयजल ढांचागत संरचना के सुदृढ़ीकरण कार्य की परियोजना पर अब एस्टीमेट तैयार किए जा रहे हैं। हालांकि पुराना जलघर में बने पानी के टैंकों की भंडारण क्षमता के लिहाज से फिलहाल 22 दिन ही नियमित आपूर्ति का काम चल सकता है, वो भी पूरा नहरी पानी मिलने और जलघर के टैंक लबालब होने की सूरत में ही संभव है।
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अमृत द्वितीय चरण के कार्य के तहत जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की पेयजल परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद अलग-अलग कार्यों के अनुमानित एस्टीमेट तैयार किए जा रहे हैं। इन्हीं में है पुराना जलघर के पुराने टैंकों को तोड़कर उनकी जगह चार आरसीसी पैटर्न के नए टैंक निर्माण का मसौदा भी शामिल है। चार नए टैंक निर्माण से जलघर की पानी भंडारण क्षमता करीब दोगुना हो जाएगी।
नहरी पानी के शेड्यूल के अनुसार पुराना जलघर को प्रत्येक माह 16 दिन नहरी पानी मिलता है, जबकि 24 दिन नहर बंद रहती हैं। ये भी तब संभव है जब पुराना जलघर को जूई फीडर और निगाना फीडर से भी पानी की आपूर्ति होती है। प्रत्येक ग्रुप में आठ दिन ही नहरी पानी मिलता है। पांच एमएलडी संयंत्र निर्माण के साथ साथ मित्तथल हेड पर पंपिंग स्टेशन की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।
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इसकी क्षमता करीब 30 फीसदी तक बढ़ाई जाएगी, जिसके लिए पुरानी मोटरों की रिपेयरिंग व कुछ नई मशीनरी का भी काम होगा। यानी जलघर तक की करीब 11 किमी लंबी पाइप लाइन के जरिए ट्रिटमेंट प्लांट तक नहरी पानी उच्च दबाव से भेजा जाएगा। जिसे यहां शुद्ध किए जाने के बाद ही शहरी बूस्टरों तक आपूर्ति होगा।
बूस्टिंग सिस्टम में भी बड़ा बदलाव
शहरी दायरे के बूस्टिंग सिस्टम में भी जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इसी के चलते 31 जोन भी बनाए गए हैं, जिनका पूरा डिजाइन तैयार किया जा रहा है। किस बूस्टर से कौन सा इलाका जुड़ेगा और किस नए इलाके को नजदीकी बूस्टर में शामिल किया जाएगा। इसके एस्टीमेट भी तैयार किए जा रहे हैं। सबसे अहम बात तो यह है कि शहर के अंदर बूस्टरों को करीब 30 फीसदी क्षमता बढ़ाकर पेयजल आपूर्ति को सुदृढ़ बनाया जाएगा। जबकि शहर के अंदर केवल तीन नए बूस्टर ही बन पाएंगे। ये बूस्टर भी जलघर परिसरों के अंदर बनेंगे। क्योंकि नगर परिषद ने बूस्टर और सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए जगह मुहैया नहीं कराई है। शहर में काफी जगह ऐसी संकरी हैं, जहां ये चीजें संभव भी नहीं है।
नहरी पानी के शेड्यूल के हिसाब से जलघर के अंदर चार नए आरसीसी पैटर्न के टैंक बनाए जाने हैं। इसी तरह नहरी पानी ट्रीटमेंट के लिए प्लांट भी बनाया जाना है। इन कार्यों के बाद शहर को लगातार 32 दिन तक पानी की आपूर्ति संभव हो पाएगी। हालांकि टैंकों को लगातार 16 दिन नहरी पानी मिलने और 24 दिन नहर बंद रहने के हिसाब से डिजाइन किया जाएगा। इस अवधि के दौरान अधिकतम नहरी पानी का भंडारण भी संभव हो, इसके लिए पंपिंग क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।
-ताजदीन, कनिष्ठ अभियंता, शहरी पेयजल शाखा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, भिवानी।
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Bhiwani News: जलघर में चार नए टैंक और पांच एमएलडी संयंत्र निर्माण के बाद 32 दिन शहर को मिलेगी आपूर्ति