[ad_1]

राजीव गांधी राजकीय महिला महाविद्यालय।
भिवानी। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से सभी विद्यार्थियों के लिए एबीसी यानि एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट आईडी कार्ड बनवाना अनिवार्य किया गया है। विद्यार्थियों के लिए एबीसी आईडी कार्ड इसी सत्र से शुरू किए जाएंगे। इसके बिना कोई भी विद्यार्थी परीक्षा भी नहीं दे सकता है।
स्नातक विषय के विद्यार्थियों को विभाग की अधिकारिक वेबसाइट के जरिये एबीसी आईडी के लिए आवेदन करना होगा। विद्यार्थियों का यह एक तरह का डिजिटल अकाउंट होगा, जिसमें उनके क्रेडिट देखे जाएंगे और छात्रों का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
दरअसल, नई शिक्षा नीति के अनुसार एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एक ऐसा डिजिटल खाता है, जिसमें छात्रों द्वारा अपनी पढ़ाई के दौरान अर्जित किए गए क्रेडिट्स को संग्रहित किया जाएगा। इस प्रणाली के तहत छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों से अर्जित क्रेडिट्स को एक निश्चित अवधि तक अपने अकाउंट में जमा कर सकते हैं और इन क्रेडिट्स का उपयोग भविष्य में अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कर सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर यदि कोई छात्र किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देता है तो वह बाद में उसी या किसी अन्य मान्यता प्राप्त संस्थान में दाखिला लेकर पहले अर्जित किए गए क्रेडिट्स का उपयोग कर सकता है। अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनके शैक्षिक अनुभव में अधिक स्वतंत्रता और लचीलापन प्रदान करना है। इससे वे अपनी पढ़ाई को अधिक सहजता और कुशलता से पूरा कर सकें।
सात साल तक स्टोर होंगे विद्यार्थियों के क्रेडिट
अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के माध्यम से नए सत्र के विद्यार्थियों के हर विषय में क्रेडिट दिए जाएंगे। जिसे सभी विद्यार्थियों को अर्जित करना अनिवार्य होगा। पोर्टल पर तीन मेजर विषय में चार-चार क्रेडिट्स दिए गए हैं, जबकि माइनर विषयों में किसी में तीन, किसी में दो तो किसी विषय में एक क्रेडिट दिया गया है। अगर कोई विद्यार्थी किसी कारण से पढ़ाई बीच में छोड़ देता है और बाद में किसी अन्य कॉलेज में दाखिला लेना चाहता है तो उनके पास 52 क्रेडिट होने जरूरी है। विद्यार्थियों के यह क्रेडिट कम से कम सात साल तक स्टोर किए जाएंगे। केवल मान्यता प्राप्त संस्थान ही क्रेडिट अपलोड कर सकते हैं।
एबीसी आईडी कार्ड विद्यार्थियों का एक डिजिटल अकाउंट है। जहां पर उनके क्रेडिट स्टोर किए जाएंगे। हर विषय में अलग-अलग क्रेडिट दिए गए हैं, जो विद्यार्थियों को अर्जित करने होंगे। इससे छात्र अलग-अलग समय पर कोर्स में शामिल हो सकते हैं या निकल सकते हैं।
– प्रदीप सिलवाल, नोडल अधिकारी, एमएनएस महाविद्यालय।
अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनके शैक्षिक अनुभव में अधिक स्वतंत्रता और लचीलापन प्रदान करना है। जिससे वे अपनी पढ़ाई को अधिक सहजता और कुशलता से पूरा कर सकें।
– अनीता शर्मा, नोडल अधिकारी, राजीव गांधी राजकीय महिला महाविद्यालय

[ad_2]
Bhiwani News: इसी सत्र से लागू होंगे विद्यार्थियों के लिए एबीसी आईडी कार्ड