भिवानी। अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के कक्षा छठी से दसवीं तक के पाठ्यक्रम में देश के साथ-साथ हरियाणा का गौरवशाली इतिहास में भी बच्चे पढ़कर उससे प्रेरित होंगे। इसी नए शिक्षा सत्र से बोर्ड ने 12वीं की कक्षा में त्रिभाषा फार्मूला भी लागू कर दिया है। जिसमें एक वैकल्पिक भाषा के साथ विद्यार्थी दो अनिवार्य रूप से भाषाओं का ज्ञान प्राप्त करेंगे।
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हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि अब बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं के केंद्र केवल सरकारी विद्यालयों में ही बनाए जाएंगे। इसमें केवल सरकारी अध्यापक ही परीक्षा में पर्यवेक्षक की ड्यूटी देंगे। इनके अंदर सीसीटीवी कैमरे भी लगाने अनिवार्य होंगे।
उन्होंने कहा कि बोर्ड छात्र अपनी पसंद के हिसाब से संस्कृत, पंजाबी और उर्दू भाषा में से एक भाषाई विषय का चयन कर सकेगा। जबकि हिंदी और अंग्रेजी अनिवार्य विषय के रूप में रहेंगी। इस तरह से एक विद्यार्थी तीन भाषाओं का ज्ञान हासिल करेगा। बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र लीक होने के मामलों में भी अब कड़ा संज्ञान लिया जा सकेगा, क्योंकि सरकारी अध्यापकों पर कार्रवाई के लिए जरूरी औपचारिकताएं की जा सकेंगी।
बोर्ड चेयरमैन ने यह भी स्पष्ट किया कि मई के दूसरे सप्ताह में पहले बारहवीं कक्षा के नतीजे घोषित होंगे और फिर दसवीं के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे। जिससे विद्यार्थी 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए आगे समय रहते दाखिला ले सकेंगे। बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में करीब आठ लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे। नई शिक्षा नीति 2020 लागू करने की दिशा में बोर्ड तेजी से काम कर रहा है।
इसी के चलते बोर्ड ने छठी से दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम पुस्तकों में भी बदलाव किया है। जिसमें छठी से दसवीं तक के पाठ्यक्रम में अब देश के साथ-साथ हरियाणा के गौरवशाली इतिहास से भी विद्यार्थी रूबरू होंगे। बोर्ड विद्यार्थियों के इंटरनल असेसमेंट की प्रक्रिया भी शुरू कर रहा है। जिससे विद्यार्थियों पर परीक्षा का फोबिया कम होगा। संवाद
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Bhiwani News: अब बोर्ड की छठी से दसवीं तक के पाठ्यक्रम में विद्यार्थी पढ़ेंगे हरियाणा व देश का गौरवशाली इतिहास