भिवानी। अब शहर के बावड़ीगेट क्षेत्र में करीब 26 करोड़ के इंटर मीडिएट पंपिंग स्टेशन (आईपीएस) पर ब्रेक लग गया है। इसकी वजह नगर परिषद की ओर से जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को आईपीएस निर्माण के लिए जगह देने से इन्कार माना जा रहा है।
दरअसल, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने शहरी दायरे में 133 करोड़ से पेयजल और करीब 82 करोड़ से नई सीवर लाइन डालने का मसौदा मुख्यालय को भेजा था। मुख्यालय ने इस पर आपत्ति दर्ज कर वापस भेज दिया। इसके बाद इस मसौदे से अब करीब 26 करोड़ का आईपीएस गायब हो गया है।
अब शहरी दायरे में सीवर सिस्टम के नवीनीकरण का 57 करोड़ का संशोधित मसौदा फिर से मुख्यालय भेजा है। इतना ही नहीं संशोधित मसौदे के हिसाब से अब शहरी दायरे में पहले से बने बूस्टिंग स्टेशनों पर ही नए बूस्टर निर्माण कराए जाएंगे, जिनसे आसपास का नया इलाका भी जुड़ेगा।
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने नवंबर में भिवानी शहर के अंदर सीवर सिस्टम और पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने का काम अमृत द्वितीय चरण में कराने का खाका तैयार कर इसे मुख्यालय भेज दिया था। मुख्यालय में चीफ इंजीनियर के साथ भी इस मसौदे पर विस्तृत चर्चा हो चुकी थी।
इसके बाद जनवरी में शहरी दायरे के सीवर सिस्टम सुदृढ़ीकरण कार्य मसौदे में कुछ आपत्ति लगाकर इसे वापस भेज दिया। इन आपत्तियों को दूर कराने के लिए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग अधिकारियों को काफी माथापच्ची भी करनी पड़ी। लेकिन शहर के बावड़ीगेट पर इंटर मीडिएट पंपिंग स्टेशन निर्माण का मामले में भूमि को लेकर पेंच फंस गया।
इस पर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने नगर परिषद अधिकारियों से बात की तो उन्होंने भूमि देने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन के प्रपोजल को ही जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने अपने एजेंडे से हटाना पड़ा। इसके बाद 82 करोड़ से घटकर अब संशोधित मसौदा केवल 56 करोड़ का ही मुख्यालय भेजा गया है। संवाद
आठ किलोमीटर दायरे की लंबी सीवर लाइन के बीच प्रस्तावित था आईपीएस
देवसर चुंगी के मुख्य डिस्पोजल तक शहर की सरकुलर रोड और आसपास के इलाके से करीब आठ किलोमीटर लंबी मुख्य सीवर लाइन गुजरती है। इस 24 इंची मुख्य सीवर लाइन में घनी आबादी के गंदे पानी की निकासी का भी बहुत ज्यादा दबाव बढ़ गया है। इसी के चलते बावड़ीगेट पर इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन निर्माण की ड्राइंग तैयार इस इसका अनुमानित एस्टीमेट तैयार कराया गया था। आईपीएस के जरिये आधी सीवर लाइन का दबाव देवसर चुंगी मुख्य डिस्पोजल की बजाए ढाणा रोड के डिस्पोजल पर डायवर्ट किया जाना था। इससे लंबी लाइन के अंदर गंदे पानी की निकासी कम समय में हो जाती। बावड़ीगेट पर नगर परिषद की पुराना शौचालय की जगह भी खाली पड़ी है। जहां ये आईपीएस बनाया जाना प्रस्तावित किया था।
शहरी सीवरेज संशोधित मसौदे में अब ये काम हैं शामिल
शहर में 56 करोड़ के संशोधित मसौदे में 25 किलोमीटर दायरे में नई सीवर लाइन और पुरानी सीवर लाइन बदलना शामिल है। इसी तरह दादरी रोड के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का नवीनीकरण होगा। देवसर चुंगी के मुख्य डिस्पोजल के अंदर नया टैंक बनेगा और पंपिंग सिस्टम भी नया लगाया जाएगा। शहर के अंदर 121 पुराने ईंटों से 60 साल पुराने सीवर मैनहोल की जगह आरसीसी के नए मैनहोल बनाए जाएंगे। जबकि नए मसौदे में पूरे शहर के अंदर 1200 नए सीवरमैन होल भी निर्माण कराए जाएंगे।
नगर परिषद शहर में सीवरेज और पेयजल आपूर्ति के सिस्टम में सुधार कराना चाहती है। इसके लिए नगर परिषद की तरफ से प्रस्ताव भी जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को दिए गए थे। लेकिन अधिकारी मनमर्जी से एस्टीमेट तैयार कर रहे हैं। शहरी दायरे के बूस्टिंग स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन अधिकारी इसे भी शामिल नहीं कर रहे हैं। नगर परिषद ने भूमि देने से मना नहीं किया है। जहां जरूरत है, वहां जगह भी मुहैया कराई जाएगी। इस तरह से तो शहरवासियों की पानी और सीवर समस्याएं खत्म नहीं होंगी।
– भवानी प्रताप सिंह, चेयरपर्सन प्रतिनिधि, नगर परिषद, भिवानी।
शहरी दायरे के पेयजल मसौदे में थोड़ा बहुत बदलाव किया गया है। क्योंकि पहले भेजे गए मसौदे पर आपत्ति लगाकर वापस भेजा गया था। शहर के अंदर पहले से बने बूस्टिंग स्टेशनों की खाली जगह पर ही नए बूस्टर निर्माण किए जाएंगे। इससे आसपास के इलाके को जोड़ा जाएगा। जिन बूस्टरों से लंबा इलाका जुड़ा है, उन्हें हटाकर दूसरे नए बूस्टरों के सहारे पेयजल आपूर्ति कराई जाएगी।
-सूर्यकांत, कार्यकारी अभियंता, शहरी सीवरेज शाखा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, भिवानी।
शहरी दायरे के सीवर सिस्टम सुदृढ़ीकरण कार्य के मसौदे पर मुख्यालय ने आपत्ति लगाई थी। इसके बाद इसे संशोधित कर दोबारा भेजा गया है। नए मसौदे में बावड़ीगेट के इंटरमीडिएट पंपिंग सिस्टम के एस्टीमेट को हटा दिया है। अब वहां आईपीएस नहीं बन पाएगा, क्योंकि नगर परिषद ने भूमि देने से इन्कार कर दिया है। जबकि पहले मसौदे में इसके एस्टीमेट को शामिल कर मुख्यालय भेजा गया था। मैन डिस्पोजल के नवीनीकरण का काम शामिल है।
– आशीष कुमार, कनिष्ठ अभियंता, शहरी सीवरेज शाखा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, भिवानी।