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संजय वर्मा
भिवानी। अब जिले के 86 गांवों में पंचायती कार्यों पर आचार संहिता का ब्रेक लग गया है। पहले अलॉट हो चुके 52 गांवों में विकास कार्य जारी रहेंगे। ग्राम पंचायतों को 21 लाख तक के कार्य बिना ई-टेंडरिंग कराने की अनुमति तो मिली, मगर टेंडर से पहले ही चुनावी घोषणा हो गई। इसकी वजह से अब ग्राम पंचायतों के नए मसौदों पर भी अधिकारी कोई विचार नहीं करेंगे।
इन कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों को अब दो माह का इंतजार करना पड़ेगा। इतना ही नहीं जिले में शिवधाम, फिरनी के काम भी अटक गए हैं वहीं करीब 32 गांवों में फिरनी पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम चल रहा है। गांवों के जोहड़ों के सुंदरीकरण का काम भी अब धीमी गति से ही आगे बढ़ रहा है।
विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की रफ्तार रुक गई है। हालांकि जिन गांवों में सड़क, नाली और अन्य छोटे विकास कार्य पहले ही अलॉट हो चुके हैं, उनका काम अब भी निरंतर जारी रहेगा। मगर गांवों में बड़े विकास कार्यों पर अब संकट आ गया है।
जिले के 130 गांवों में 155 शिवधाम निर्माण के लिए सरकार ने 12.65 करोड़ का बजट दिया था। इसी तरह जिले के 59 गांवों में 123 ग्रामीण चौपाल के लिए भी करीब सात करोड़ 26 लाख का बजट ग्राम पंचायतों को मिला था। इसी तरह जिले के 92 गांवों में 51.89 लाख के बजट से फिरनी भी पक्की की जानी थी। इसका बजट भी ग्राम पंचायतों के खाता में भेजा जा रहा था कि एन वक्त पर आचार संहिता का पेंच फंस गया। हालांकि अब ग्राम पंचायतें अपने फंड से किसी भी विकास कार्य का कोई भी प्रस्ताव पास नहीं कर पाएंगी और अधिकारी भी उस पर कोई विचार नहीं करेंगे।
अधिकारियों के पास लगे ग्राम पंचायतों के विकास मसौदों के ढेर
विधानसभा चुनाव के लिए अभी अधिकारियों को भी यह आभास नहीं था कि इतनी जल्दी चुनावी शेड्यूल की घोषणा हो जाएगी। हालांकि जिलेभर की ग्राम पंचायतों की तरफ से खंड एवं विकास पंचायत अधिकारियों के समक्ष विकास मसौदे भेजे जा चुके थे, जिन्हें मंजूरी का इंतजार था, लेकिन अब ये मामला चुनावी आचार संहिता के फेर में उलझ गया है। ऐसे में अब अधिकारी भी इन मसौदों पर कोई ध्यान नहीं देंगे, क्योंकि उनका फोक्स अब चुनाव कराने में हो गया है, जबकि इन विकास कार्यों के नहीं होने से ग्रामीण अभी और परेशानी झेलेंगे।
विकास कार्यों का बजट भी अब अटका
जिले में कई गांवों की ग्राम पंचायतों के खाता में अभी विकास कार्यों का भी पैसा नहीं पहुंचा है। कुछ कार्य ऐसे थे जिन्हें पंचायती राज विभाग पहले खुद करा रहा था, मगर ग्राम पंचायतों की शक्तियों में इजाफा किए जाने के बाद मुख्यालय से ही ये बजट संबंधित ग्राम पंचायतों के खातों में भेजा जाना था, मगर अब न बजट आया न कोई सूचना। ऐसे में इन गांवों में विकास मसौदे कब तक सिरे चढ़ेंगे और कब इनके लिए बजट मिलेगा, इस पर भी संशय बना है।
विधानसभा चुनावों को लेकर आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में पंचायती राज विभाग किसी भी गांव में विकास कार्यों को लेकर कोई भी प्रक्रिया नहीं चलाएगा। जिन गांवों में पहले से विकास कार्य अलॉट हो चुके हैं और काम जारी है, उनका काम निरंतर चलता रहेगा। – संभव जैन, कार्यकारी अभियंता, पंचायती राज तकनीकी विंग, भिवानी।
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Bhiwani News: अब जिले के 86 गांवों में पंचायती कार्यों पर लगा आचार संहिता का ब्रेक, पहले आवंटित 52 गांवों में चलते रहेंगे काम