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Bhiwani News: अब जलसंकट से निजात दिलाने के लिए 16 लाख के बजट से पुराने जलघर में लगाए जाएंगे छह ट्यूबवेल Latest Haryana News

Bhiwani News: अब जलसंकट से निजात दिलाने के लिए 16 लाख के बजट से पुराने जलघर में लगाए जाएंगे छह ट्यूबवेल Latest Haryana News

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महम रोड पर ​स्थित जलघर का टैंक।

भिवानी। अब जल संकट से निजात दिलाने के लिए शहर के पुराने जलघर टैंकों के आसपास 16 लाख रुपये के बजट से छह नए ट्यूबवेल लगाए जाएंगे। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग पुराने शहर की करीब 75 हजार की आबादी की पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए नए ट्यूबवेल लगाएगा।

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इनका पानी नहरी पानी किल्लत के दौरान जलघर टैंकों में डालकर इसे घरों तक सप्लाई में दिया जाएगा। हर बार गर्मी के मौसम में पुराने शहर पेयजल संकट झेलता है। वहीं टैंकों को अतिरिक्त पानी की आपूर्ति भी नए ट्यूबवेलों से मिलेगी। इतना ही नहीं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग नहरी पानी के लिए मित्ताथल हेड पर पंपिंग स्टेशन की क्षमता भी 30 फीसदी तक बढ़ाएगा। इस पर आठ लाख रुपये का बजट खर्च आएगा। मार्च तक ये दोनों काम पूरे होंगे।

महम रोड स्थित शहर का पुराने जलघर करीब 15 एमएलडी क्षमता का है। जिसके अंदर दो बड़े नए वाटर टैंक भी बने हैं, जबकि चार पुराने टैंक हैं। हर बार गर्मी की शुरुआत से पहले ही करीब आधा शहर पेयजल संकट से घिर जाता है।

हालांकि नहरी पानी के शेड्यूल के हिसाब से आठ दिन पानी मिलता है। जबकि पुराने जलघर को लगातार 16 दिन तक नहरी पानी की आपूर्ति के बावजूद पर्याप्त भंडारण टैंकों के अंदर नहीं हो पाता। इसकी एक वजह नहर पर लगे पंपिंग मशीनें काफी पुरानी होना और दूसरा नए टैंक काफी ऊंचाई पर बनाए जाना। इन दोनों ही समस्याओं से उबरने के लिए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने छह नए ट्यूबवेल लगाने की योजना बनाई है। संवाद

पुराने जलघर टैंकों के आसपास 11 बोरवेल पहले ही हो चुके हैं कंडम

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करीब दस साल पहले शहर को जल संकट से उबारने के लिए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने जलघर टैंकों के आसपास ही करीब 11 बोरवेल कराए थे। काफी सालों तक ये बोरवेल शहर की लड़खड़ाती पेयजल आपूर्ति के लिए सहारा बनते आ रहे थे, लेकिन इसके बाद इनके पानी का स्वाद बिगड़ गया। इसके बाद विभाग ने इन सभी बोरवेल को कंडम घोषित कर बंद कर दिया। अब नए छह ट्यूबवेल जलघर टैंकों के ईदगिर्द ही बनेंगे। जो मात्र 20 से 30 फीट की गहराई तक ही होंगे। इनके पानी की टेस्टिंग भी की जा चुकी है।

चौबीस घंटे में छह ट्यूबवेल आधे शहर में केवल डेढ़ घंटे की पेयजल आपूर्ति में होंगे कारगर

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के नए छह ट्यूबवेलों को चौबीस घंटे चलाने के बाद एक दिन में केवल डेढ़ घंटे पेयजल आपूर्ति का काम चल जाएगा। यानी ये ट्यूबवेल पानी की राशनिंग के दौरान उस सूरत में भी काम करेंगे जब नहरी पानी देरी से पहुंचेगा। ऐसे में इन ट्यूबवेलों के सहारे ही शहरी पेयजल आपूर्ति का दारोमदार रहेगा।

मित्ताथल हेड पंपिंग रिपेयरिंग के बाद तीन लाख 60 हजार लीटर प्रति घंटा बढ़ेगी पानी की क्षमता

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग मित्ताथल हेड जहां से पुराने जलघर को नहरी पानी की आपूर्ति मिलती है, वहां पर 2014 में पंपिंग स्टेशन रिपेयर किया था। अब करीब 11 साल बाद आठ लाख के बजट से 240 बीएचपी क्षमता के पंपिंग स्टेशन की रिपेयरिंग कराई जाएगी। इसके बाद इसकी करीब 30 फीसदी क्षमता बढ़ जाएगी। इस पंपिंग सिस्टम से तीन लाख 60 हजार लीटर पानी प्रति घंटा उठान किया जा सकेगा। फिलहाल नए पंपिंग स्टेशन के मुकाबले पुराने पंपिंग स्टेशन की क्षमता 30 से 40 फीसदी तक घट गई है। इसकी वजह से भी जलघर टैंकों तक पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

शहरी दायरे के जलघर टैंकों के आसपास छह नए ट्यूबवेल लगाए जाने का काम मार्च से पहले कराया जाएगा, ताकी गर्मी के मौसम में नहरी पानी की कमी के चलते टैंकों तक अतिरिक्त पानी की आपूर्ति की जा सके। इसके अलावा मित्ताथल हेड के पंपिंग स्टेशन की रिपेयरिंग का काम भी मार्च से पहले कराएंगे, जिसके लिए टेंडर लगाए गए हैं। ट्यूबवेल लगाने के लिए पानी की टेस्टिंग भी हो चुकी है।

-ताजदीन, कनिष्ठ अभियंता, शहरी पेयजल शाखा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, भिवानी।

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