लिफ्ट चलने का इंतजार करते मरीज और अन्य।
भिवानी। जिला मुख्यालय के नागरिक अस्पताल में पांच लिफ्ट होने के बावजूद वार्डों में दाखिल मरीजों तक पहुंचने के लिए मरीजों के तीमारदार सीढ़ियां नाप रहे हैं। वहां लगीं पांच में से केवल दो लिफ्ट ही चालू हालत में हैं, लेकिन इन्हें चलाने वाला कोई ऑपरेटर तक नहीं है। ऐसे में ये लिफ्ट भी ज्यादातर इस्तेमाल में नहीं आ पा रहीं हैं। इनकी हालत भी अब खस्ता हो चुकी है, जिन्हें मरम्मत के सहारे ही चलाया जा रहा है।
नागरिक अस्पताल की ओपीडी और आपात विभाग में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर की स्थिति भी ठीक नहीं है। ऐसे में जरूरत पड़ने पर मरीजों को व्हीलचेयर तक नहीं मिलती। तीमारदार मरीज को गोद में उठाकर ही अस्पताल के अंदर बेड या उपचार कक्ष तक पहुंचा रहे हैं।
जिला नागरिक अस्पताल के आपातकालीन विभाग के गेट पर सात व्हीलचेयर और सात स्ट्रेचर दिए गए हैं, जबकि ओपीडी में पांच व्हीलचेयर और पांच स्ट्रेचर उपलब्ध हैं, लेकिन शनिवार को आपातकालीन विभाग के गेट पर स्ट्रेचर और व्हीलचेयर गायब मिली। यही हाल ओपीडी का भी मिला, जबकि वार्डों में दस व्हीलचेयर मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है। स्वास्थ्य संसाधनों की कमी की वजह से मरीजों को समय पर उपचार कक्ष तक पहुंचाने और वार्डों में दाखिल मरीजों तक पहुंचने में भी तीमारदारों को सीढ़ियां चढ़नी पड़ रहीं हैं।
चार दशक से अधिक पुरानी हो चुकी है अस्पताल की लिफ्ट
जिला नागरिक अस्पताल की लिफ्ट करीब चार दशक पुरानी है। अब ये सिस्टम इतना पुराना हो चुका है कि इन्हें रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है। लिफ्ट को ठीक कराते हैं तो थोड़े समय बाद ही ये फिर से खराब हो जाती हैं, जबकि तीन लिफ्ट तो विभाग ने स्थायी तौर पर अनुपयोगी घोषित कर दी हैं। ऐसे में नागरिक अस्पताल के पांचवीं मंजिल तक मरीजों तक जाने में ही तीमारदार सीढ़ियों पर चढ़ते-चढ़ते हांफ जाते हैं।
आपातकालीन विभाग की व्हीलचेयर और स्ट्रेचर भी रहते हैं गायब
आपातकालीन विभाग के गेट पर व्हीलचेयर और स्ट्रेचर अधिकतर समय गायब ही रहते हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि जब कोई गंभीर मरीज आपात विभाग में दाखिल होने आता है तो उसे इस पर बैठाकर अंदर तक लाया जाता है, इसके बाद उसकी हालत थोड़ी ठीक होने पर उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है। परिजन उसे वार्ड तक ले जाने में इसी व्हीलचेयर या स्ट्रेचर का प्रयोग करते हैं, लेकिन मरीज को वहां ले जाने के बाद वापस इस सामान को नहीं लौटाते, जबकि इस कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बाकायदा कर्मचारी भी तैनात किए हैं, लेकिन ये कर्मचारी भी वार्ड में भेजे सामान को समय पर वापस नहीं ला पाते, ऐसे में कभी भी आपात स्थिति में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर मरीजों को मुहैया नहीं हो पाता।
जिला नागरिक अस्पताल की ओपीडी और आपात विभाग के अलावा प्रत्येक वार्ड में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर पर्याप्त मात्रा में मुहैया कराए गए हैं। ओपीडी और आपात विभाग में तो कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। गेट पर ही चौबीसों घंटे व्हीलचेयर और स्ट्रेचर रखा जाना अनिवार्य है, ताकि किसी भी गंभीर और आपात स्थिति में मरीज को तुरंत माइनर ओपीडी तक पहुंचाया जा सके। -बलवान, प्रधान चिकित्सा अधिकारी, भिवानी।
Bhiwani News: नागरिक अस्पताल में लिफ्ट खराब, सीढ़ियां नाप रहे तीमारदार