Bhiwani: अब नगर परिषद के सदन में होगी पति-पत्नी, पिता-पुत्र, ससुर-बहु की जुगलबंदी


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इस बार शहर की सरकार यानी नगर परिषद का सदन खास होगा। इसमें पति-पत्नी भी होंगे, पिता-पुत्र भी होंगे और ससुर-बहु भी। बुधवार को घोषित हुए परिणामों के बाद पांच परिवार ऐसे हैं, जिनके दो-दो सदस्य नगर परिषद सदन के सदस्य बने हैं। यानी पार्षद चुने गए हैं। अब ये सदन में न केवल अपनी राय रखेंगे बल्कि नई योजनाओं का खाका भी खिंचेंगे। 

पत्नी प्रीति के साथ भवानी प्रताप : भवानी प्रताप ने भले ही अपनी पत्नी प्रीति को चेयरपर्सन पद पर बड़ी जीत दर्ज करवाई हो मगर वह स्वयं भी वार्ड सात से पार्षद बने हैं। उन्हें वार्ड सात में 1807 वोटों से जीत मिली है। अब वे नप सदन में पत्नी के साथ नजर आएंगे।

कर्मबीर अपनी पत्नी के साथ करेंगे शिरकत : वार्ड 11 से कर्मबीर यादव पार्षद बने हैं जबकि वार्ड 12 से उनकी पत्नी कविता यादव पार्षद बनी है। कविता यादव पिछली दफा वार्ड 11 से पार्षद थी। कमाल की बात ये है कि उनके विपक्ष में खड़े प्रत्याशी भी उन्हीं के परिवार से थे। 

पुत्रवधू के साथ बैठेंगे बिल्लु बादशाह : लगातार आठवीं बार जीत दर्ज कर पार्षद बनें गोविंद बिल्लु बादशाह इस बार नप के सदन में पुत्रवधू के साथ नजर आएंगे। वह स्वयं वार्ड 27 से पार्षद बनें तो उनके पुत्र अंकित की पत्नी संजू शर्मा वार्ड 24 से जीती। वह रोमांचक मुकाबले में महज पांच वोट से जीती। 

प्रदीप कौशिक ने अपने पुत्र अंकुर के साथ की वापसी : 1991 में नगर परिषद के वाइस चेयरमैन रहे प्रदीप कौशिक ने उसके बाद भी दो दफा चुनाव लड़ा मगर जीत दर्ज नहीं कर पाए। इस बार वह स्वयं वार्ड 20 से जीते तो उनका बेटा अंकुर कौशिक वार्ड पांच से जीता। ऐसे में अब पिता-पुत्र दोनों नप के सदन में बैठेंगे। उन्होंने कहा कि एक और एक 11 की तरह वे शहर के विकास में योगदान देंगे।

सुदामा तंवर और रेणु तंवर होंगे सदन का हिस्सा : सुदामा तंवर ने लंबे समय बाद नगर परिषद सदन में वापसी की है। वे स्वयं वार्ड 29 से जीते हैं। इस बार उनके भतीजे संदीप की पत्नी रेणु तंवर ने वार्ड छह से जीत दर्ज की है। खास बात यह भी है कि रेणु तंवर ने जिस प्रतिद्वंदी उम्मीदवार नरेंद्र को हराया है, उसने सुदामा तंवर को दो दफा हराया। यानी सुदामा तंवर उससे नहीं जीत पाए मगर भतीजे की पत्नी ने हरा दिया।

पार्षद प्रत्याशियों के दिलों की धड़कने भी होती रही ऊपर-नीचे
मतगणना के दौरान चेयरपर्सन के साथ-साथ पार्षदों की दिलों की धड़कने भी ऊपर-नीचे होती रही। कुछ पार्षद पदों के चुनाव तो इतने रोमांचक रहे कि जीत का अंतर नाममात्र का रहा। वार्ड 24 में पार्षद संजू तो महज पांच वोटों से जीती। इसी तरह कुछ अन्य वार्डों में भी काफी रोमांचक मुकाबला रहा। रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम संदीप कुमार अग्रवाल ने विजेता पार्षदों को मतगणना हॉल में ही दोपहर बाद तीन बजे सर्टिफिकेट दिए।

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इस बार शहर की सरकार यानी नगर परिषद का सदन खास होगा। इसमें पति-पत्नी भी होंगे, पिता-पुत्र भी होंगे और ससुर-बहु भी। बुधवार को घोषित हुए परिणामों के बाद पांच परिवार ऐसे हैं, जिनके दो-दो सदस्य नगर परिषद सदन के सदस्य बने हैं। यानी पार्षद चुने गए हैं। अब ये सदन में न केवल अपनी राय रखेंगे बल्कि नई योजनाओं का खाका भी खिंचेंगे। 

पत्नी प्रीति के साथ भवानी प्रताप : भवानी प्रताप ने भले ही अपनी पत्नी प्रीति को चेयरपर्सन पद पर बड़ी जीत दर्ज करवाई हो मगर वह स्वयं भी वार्ड सात से पार्षद बने हैं। उन्हें वार्ड सात में 1807 वोटों से जीत मिली है। अब वे नप सदन में पत्नी के साथ नजर आएंगे।

कर्मबीर अपनी पत्नी के साथ करेंगे शिरकत : वार्ड 11 से कर्मबीर यादव पार्षद बने हैं जबकि वार्ड 12 से उनकी पत्नी कविता यादव पार्षद बनी है। कविता यादव पिछली दफा वार्ड 11 से पार्षद थी। कमाल की बात ये है कि उनके विपक्ष में खड़े प्रत्याशी भी उन्हीं के परिवार से थे। 

पुत्रवधू के साथ बैठेंगे बिल्लु बादशाह : लगातार आठवीं बार जीत दर्ज कर पार्षद बनें गोविंद बिल्लु बादशाह इस बार नप के सदन में पुत्रवधू के साथ नजर आएंगे। वह स्वयं वार्ड 27 से पार्षद बनें तो उनके पुत्र अंकित की पत्नी संजू शर्मा वार्ड 24 से जीती। वह रोमांचक मुकाबले में महज पांच वोट से जीती। 

प्रदीप कौशिक ने अपने पुत्र अंकुर के साथ की वापसी : 1991 में नगर परिषद के वाइस चेयरमैन रहे प्रदीप कौशिक ने उसके बाद भी दो दफा चुनाव लड़ा मगर जीत दर्ज नहीं कर पाए। इस बार वह स्वयं वार्ड 20 से जीते तो उनका बेटा अंकुर कौशिक वार्ड पांच से जीता। ऐसे में अब पिता-पुत्र दोनों नप के सदन में बैठेंगे। उन्होंने कहा कि एक और एक 11 की तरह वे शहर के विकास में योगदान देंगे।

सुदामा तंवर और रेणु तंवर होंगे सदन का हिस्सा : सुदामा तंवर ने लंबे समय बाद नगर परिषद सदन में वापसी की है। वे स्वयं वार्ड 29 से जीते हैं। इस बार उनके भतीजे संदीप की पत्नी रेणु तंवर ने वार्ड छह से जीत दर्ज की है। खास बात यह भी है कि रेणु तंवर ने जिस प्रतिद्वंदी उम्मीदवार नरेंद्र को हराया है, उसने सुदामा तंवर को दो दफा हराया। यानी सुदामा तंवर उससे नहीं जीत पाए मगर भतीजे की पत्नी ने हरा दिया।

पार्षद प्रत्याशियों के दिलों की धड़कने भी होती रही ऊपर-नीचे

मतगणना के दौरान चेयरपर्सन के साथ-साथ पार्षदों की दिलों की धड़कने भी ऊपर-नीचे होती रही। कुछ पार्षद पदों के चुनाव तो इतने रोमांचक रहे कि जीत का अंतर नाममात्र का रहा। वार्ड 24 में पार्षद संजू तो महज पांच वोटों से जीती। इसी तरह कुछ अन्य वार्डों में भी काफी रोमांचक मुकाबला रहा। रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम संदीप कुमार अग्रवाल ने विजेता पार्षदों को मतगणना हॉल में ही दोपहर बाद तीन बजे सर्टिफिकेट दिए।

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