रोहतक के लाढ़ौत गांव में बुधवार सुबह एएसआई संदीप के शव को जैसे ही पांचों बहनों और दोनों बेटियों ने देखा तो उनकी चीत्कार निकल गई। बहनें शव से लिपट गईं। उनका विलाप सुनकर पूरा माहौल गमगीन हो गया। बेटियां तो रोते-रोते बेहोश हो गईं। परिजनों ने उन्हें संभाला और ढांढस बंधाया।
परिजनों को भी समझ नहीं आ रहा था कि बेटियों को कैसे चुप कराएं। सभी एक-दूसरे से लिपटकर रोए तो आंसू पोंछते हुए बेटियों को संभालते भी रहे। लाढ़ौत पहुंचे सीएम परिजनों से मिले तो बहन सोनू रोते हुए उनसे बोलीं, हमारे भाई का बताओ ऐसा क्या कसूर था। हाथ जोड़े खड़ी बहनों की ओर सीएम ने बड़ी ही आत्मीयता से हाथ बढ़ाया और उन्हें सांत्वना दी।
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पिता का शव देखने के बाद बदहवास बेटी रुपक
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
वहीं बेटी रूपक ने कहा-मेरे पापा को लेकर आओ। यूं छोड़कर क्यों चले गए। परिवार की महिलाओं ने जब तक उसे संभाला, वह बेहोश हो गई।
एएसआई संदीप की मां इंद्रावती और पत्नी संतोष सहित सभी महिलाओं को बुधवार देर शाम लाढ़ौत गांव से उनके पैतृक गांव जींद के जुलाना भेज दिया गया। जुलाना स्थित पुश्तैनी घर में रहने वाले चचेरे भाई जोगेंद्र अत्री ने बताया कि जुलाना में ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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बेटे का शव देखने के बाद बदहवास हालत में मां
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
छोटी दिवाली को उजड़ा था सुहाग, अब दिवाली से पहले बेटा गया
संदीप की मां इंद्रावती रोते हुए जुलाना में अपने घर पहुंचीं। उनको बेटे संदीप की मौत पर गहरा सदमा लगा है। उनकी आंखों से आंसू नहीं सूख रहे हैं। इंद्रावती ने 20 वर्ष पहले अपने पति को छोटी दीपावली के दिन खो दिया था। दीपावली के एक सप्ताह पहले भी फिर पुरानी यादें ताजा हो गईं। अब उसके बुढ़ापे का सहारा बेटा संदीप भी इस दुनिया को छोड़कर चला गया।
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एएसआई भाई का शव देखने के बाद बदहवास बहन
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
खुद के बजाय धरने पर बैठे 5-7 लोगों को गोली मार देता तो अच्छा होता : भाई
एडीजीपी वाई पूरण कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर खुदकुशी करने वाले एएसआई संदीप लाठर के भाई शीशपाल लाठर का पूरे प्रकरण पर गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि अच्छा होता संदीप खुद के बजाय धरने पर बैठे 5-7 लोगों को गोली मार देता।
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