[ad_1]
डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर पर दौड़ती मालगाड़ी। रेलवे
– फोटो : डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर पर दौड़ती मालगाड़ी। रेलवे
अंबाला। लुधियाना के साहनेवाल से बिहार के सोननगर तक डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के 1337 किमी रेल सेक्शन पर तीन गति शक्ति टर्मिनल तैयार किए जाएंगे। दो गति शक्ति कार्गाे टर्मिनल पंजाब के शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक और लुधियाना के नजदीक चावापायल में बनाए जाएंगे। इन पर लगभग 40 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेलवे ने इस योजना के तहत कार्रवाई आरंभ कर दी है। गति शक्ति कार्गाे टर्मिनल के स्वरूप को लेकर खाका भी तैयार हो गया है। विभागीय अधिकारी से प्राप्त जानकारी अनुसार शंभु में 10 करोड़ और चावापायल में बनने वाले गति शक्ति कार्गाे टर्मिनल पर 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसी प्रकार प्रस्तावित योजना के तहत हरियाणा में पहला गति शक्ति कार्गाे टर्मिनल जगाधरी में बनाया जाएगा। इस योजना को लेकर भी रेलवे ने मंथन शुरु कर दिया है।
–
गति शक्ति कार्गाे टर्मिनल
गति शक्ति कार्गाे टर्मिनल के तैयार होने से व्यापारियों को इसका सीधा फायदा होगा। उनका सामान एक से दूसरी तक जल्द और सुरक्षित पहुंच सकेगा। व्यापारी अगर पूरी मालगाड़ी का लोड देंगे तो उनके लिए सीधी मालगाड़ी भी चलाई जा सकेगी। इसके अलावा कंटेनर और अन्य सामान को मंगवाने और भेजने का भी उचित प्रबंध होगा। यह सभी प्रक्रिया ऑनलाइन तरीके से भी हो सकेगी और व्यापारी मालगाड़ी की जानकारी अपने मोबाइल पर भी प्राप्त कर सकेगा।
–
80 किमी की गति से दौड़ रही मालगाड़ियां
डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर पर मालगाड़ियों का संचालन तीव्र गति से किया जा रहा है। 24 से 48 डिब्बों से लैस मालगाड़ी पहले जहां 30 से 35 की गति से दौड़ा करती थी, अब यह गति दोगुनी हो गई है यानी अब 80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से मालगाड़ियां इस कॉरिडोर पर दौड़ रही हैं। इसी प्रकार शुरुआती दौर में पहले कॉरिडोर पर जहां 15 से 20 मालगाड़ियां दौड़ती थी, इनकी संख्या भी अब 60 से 70 के बीच पहुंच गई है।
–
दो बार दौड़ चुकी है शेषनाग मालगाड़ी
रेलवे लगातार शेषनाग मालगाड़ियों का संचालन कर रही है। इसमें एक साथ 178 डिब्बों को जोड़ा जाता है और तीन इंजनों की मदद से मालगाड़ी को चलाया जाता है। इस प्रकार की दो मालगाड़ियों का संचालन भी अंबाला मंडल के अधीन डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर पर हो चुका है। इस प्रकार मालगाड़ियों के संचालन से समय और पैसे की बचत हो रही है और सामान भी सुरक्षित गंतव्य तक पहुंच रहा है।
–
5500 करोड़ हुए खर्च
अंबाला मंडल के अधीन डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर का निर्माण साहनेवाल से सहारनपुर के पिलखनी तक किया गया है। इस पर 5500 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। लगभग 170 किमी सेक्शन पर मालगाड़ियों का संचालन 24 घंटे किया जा रहा है। रेल सेक्शन की निगरानी के लिए विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस सेक्शन पर रात के समय रेल इंजनों में औचक निरीक्षण भी किए जा रहे हैं।
–
गति शक्ति कार्गाे टर्मिनल डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर की अहम कड़ी होंगे। इनके बनने से व्यापरियों को काफी फायदा होगा और उनका सामान जल्द व सुरक्षित गंतव्य तक पहुंच सकेगा। पंजाब के शंभू और चावापायल में टर्मिनल निर्माण को लेकर कार्यवाही शुरु हो गई है। इसका नक्शा तैयार कर लिया गया है और जल्द ही मुख्यालय स्तर पर निविदा की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। इसके अलावा हरियाणा के जगाधरी में भी टर्मिनल का निर्माण प्रस्तावित योजना में शामिल है।
पंकज गुप्ता, महाप्रबंधक, डीएफसीसीआईएल, अंबाला
[ad_2]
Source link