{“_id”:”67c5fda34e3c5d217409e82a”,”slug”:”shortage-of-hemophilia-vaccine-patients-coming-from-other-districts-ambala-news-c-36-1-ame1006-138548-2025-03-04″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Ambala News: हीमोफीलिया के टीके की किल्लत, दूसरे जिलों से पहुंच रहे मरीज”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
सीएमओ कार्यालय अंबाला। आर्काइव
अंबाला सिटी। दूसरे जिलों में हीमोफीलिया के टीके की किल्लत के चलते मरीज अंबाला में टीका लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। बीते दो माह से पानीपत और करनाल के मरीजों को टीका नहीं मिल रहा है। ऐसे में प्रत्येक माह आठ से 10 मरीज 60 से 100 किलोमीटर का सफर तय करके टीका लगाने के लिए अंबाला नागरिक अस्पताल पहुंच रहे हैं।
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यहां आने के बाद भी मरीजों को परेशानी होती है। इतना ही नहीं दूसरे जिलों के मरीजों को टीका लगाने के कारण स्वास्थ्य विभाग पर भी हजारों रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इस बीमारी के उपचार का टीका हजारों रुपए का होता है। जो मरीजों को निशुल्क ही लगाया जाता है। यहां से निर्देश हैं कि अंबाला में सिर्फ उक्त जिले के ही मरीजों को टीका लगाया जाएगा। अगर यही स्थिति रही तो अंबाला के मरीजों के लिए भी टीके की किल्लत हो जाएगी।
ये होता है हीमोफीलिया
यह एक आनुवंशिक रक्तस्राव बीमारी है। जिसमें रक्त ठीक से नहीं जमता। इस बीमारी कारण पर्याप्त रक्त-थक्का बनाने वाले प्रोटीन नहीं बन पाते। ऐसे में अगर किसी भी मरीज को चोट लग जाए तो उसका रक्तस्त्राव बंद नहीं होता। जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है। इसके उपचार के लिए मरीज को समय- समय पर टीका लगवाया जाता है। जिसमें अलग- अलग तरह के फैक्टर टीके लगाए जाते हैं। इससे ही मरीज को थोड़ी राहत मिलती है। कुल 24 तरह के फैक्टर होते हैं।
मरीजों का होता है पंजीकरण
प्रत्येक जिले में हीमोफीलिया मरीजों के लिए अलग से कार्ड बनाया जाता है। अंबाला में करीब 25 मरीज हैं जो इस बीमारी का उपचार करवा रहे हैं। मरीजों के कार्ड के आधार पर ही उनके फैक्टर लिखे हाेते हैं। उपचार के लिए जो टीका लगाया जाता है। उसकी कीमत भी 10 से 12 हजार रुपए तक की होती है। जो कार्ड धारक मरीजों को निशुल्क लगाया जाता है।
वर्जन
स्टेट की ओर से टीके खरीदने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जिला स्तर पर सभी को निर्देश दिए जा रहे हैं कि अंबाला के मरीजों को प्राथमिकता दी जाए। इसके अलावा किसी मरीज को अगर ब्लीडिंग होती है, तो उसे टीका लगवाया जा रहा है। कई दिनों से यह समस्या आ रही है।
-डॉ. नीतू सचदेवा, नोडल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, अंबाला।