[ad_1]
अंबाला सिटी। 15वीं हरियाणा विधानसभा आम चुनाव 2024 के लिए प्रदेश में नामांकन शुरू हो चुके हैं। विधायक और सांसद का चुनाव निर्वाचित होने के बाद ही नहीं, बल्कि इन पदों का चुनाव लड़ रहे हर उम्मीदवार को भी नामांकन फॉर्म दाखिल करते समय संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) के समक्ष शपथ लेना अनिवार्य होता है।
अगर नामांकन भरने वाला कोई उम्मीदवार, बेशक किसी कारण से, ईश्वर की शपथ नहीं लेना चाहता, तो वह इसके स्थान पर सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान भी कर सकता है। बहरहाल, ऐसी शपथ या प्रतिज्ञान हर प्रत्याशी को आरओ के सामने खड़ा होकर लेनी पड़ती है। हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताते हैं कि वर्ष 1963 में भारतीय संसद द्वारा देश के संविधान में किये गये 16वें संवैधानिक संशोधन मार्फत ऐसी शपथ या प्रतिज्ञान का प्रावधान किया गया था। संविधान का अनुच्छेद 173 (ए) प्रदेश विधानमंडल ( विधानसभा) की सदस्यता के लिए मूलभूत योग्यताएं निर्धारित करता है जिसके सबसे प्रथम भाग में उल्लेख है कि कोई व्यक्ति विधानसभा की किसी स्थान ( सीट) की भरने के लिए चुने जाने के लिए तभी योग्य होगा, जब वह भारत देश का नागरिक हो और निर्वाचन आयोग द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेता है (या प्रतिज्ञान करता है) और उस पर अपने हस्ताक्षर करता है।
[ad_2]
Source link