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रैन बसेरे की खस्ता हालत को लेकर अमर उजाला में प्रकाशित समाचार। फाइल फोटो
अंबाला। छावनी बस स्टैंड पर 76 लाख की लागत से बने रैन बसेरे के हालात सुधरेंगे। इसकी खामियों को दूर किया जाएगा। अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद नगर परिषद के अधिकारी हरकत में आए हैं और उन्होंने अव्यवस्थाओं को व्यवस्थाओं में परिवर्तित करने के लिए लगभग सवा लाख रुपये की निविदा जारी कर दी है।
प्राप्त जानकारी अनुसार रैन बसेरे की व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर कुछ दिन पहले नगर परिषद के अधिकारियों ने मौके का दौरा भी किया था और हालात देखे थे कि किस प्रकार समस्याओं के कारण यहां लोग ठहरने के लिए नहीं आ रहे।
ये है अव्यवस्थाओं की तस्वीर
लगभग छह साल पहले कैंट बस अड्डे के बाहर रैन बसेरे में गंदगी का आलम है। छत से सोलर पैनल उतर गए हैं जोकि अब खस्ता हालत में हैं। वहीं आरओ खराब हो चुका है, कुर्सियां टूट चुकी हैं और सीसीटीवी खराब हैं। टूटे खिड़की और दरवाजे रैन बसेरे की हालात बयां कर रहे हैं।
छह साल पहले बनाया था रैन बसेरा
छावनी बस अड्डे के बाहर बने रैन बसेरे का शुभारंभ 22 नवंबर 2018 को पूर्व खेल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने किया था, जिससे कि जरूरतमंदों और गरीबों सहित बेसहारा लोगों को रात गुजारने की सुविधा मिल सके। इस रैन बसेरे में लगभग 176 यात्रियों के रात गुजारने की सुविधा की गई थी। इसमें महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग हाल बनाए गए थे।
वर्जन
रैन बसेरे की खामियों में सुधार के लिए सवा लाख रुपये की अनुमानित लागत तैयार की गई है। इसकी निविदा जारी कर दी है, जल्द ही काम शुरु करवा दिया जाएगा, जिससे कि इसे आमजन और जरूरतमंदों के लिए पहले की तरह शुरु किया जा सके।
रविंद्र कुहाड़, कार्यकारी अधिकारी, नप सदर।
रैन बसेरे की खस्ता हालत को लेकर अमर उजाला में प्रकाशित समाचार। फाइल फोटो
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