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अंबाला। विधानसभा चुनाव शुरु होने से पहले ही कुछ मशीनों में तकनीकी खराबी आ गई। इसमें मुलाना में दो से तीन और अंबाला कैंट में तीन से चार मशीनों में खराबी आई, जैसे ही मामले की जानकारी विभागीय अधिकारियों को लगी तो उन्होंने तुरंत मौके पर दूसरी मशीनें भेजकर समस्या का समाधान कराया, लेकिन इस अदला-बदली के दौरान मतदान शुरू होने में 10 मिनट का समय लग गया।
प्राप्त जानकारी अनुसार अंबाला कैंट के चार बूथों पर यह समस्या सामने आई थी। बूथ नंबर 18 पर वीवीपैट मशीन को बदला गया तो बूथ नंबर 56 पर बीयू मशीन को बदला गया। इसी प्रकार बूथ नंबर 174 पर तीनों मशीनों और बूथ नंबर 191 पर वीवीपैट मशीन को बदला गया। इसी प्रकार रंगिया मंडी के बूथ नंबर 134 में कर्मचारी मशीनों को फिट नहीं कर पाए।
इस कारण मतदान में देरी हो गए। इसी बूथ पर पर्ची पर नाम की गलती के कारण 84 वर्षीय बुजुर्ग महिला को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसी प्रकार तोपखाना परेड में मतदाताओं के लिए उचित प्रबंध किए गए थे। उन्हें गर्मी से बचाने के लिए शामियाना लगाया गया था और पंखे लगाए गए थे, इससे मतदाताओं को काफी राहत मिली।
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सुबह छह बजे फील्ड में पहुंच गए थे अधिकारी
मतदान को लेकर महिला कर्मचारियों को शुक्रवार शाम को घर भेज दिया गया था जोकि मतदान के दिन शनिवार सुबह 6 बजे अपने-अपने केंद्रों पर पहुंच गई। वहीं जिन अधिकारियों के कंधों पर मतदान केंद्रों के बाहर व्यवस्थाएं दुुरुस्त रखवाने की जिम्मेदारी थी, वो भी उन्हें पूरी निष्ठा और लग्न से निभाई और जहां भी प्रत्याशियों से जुड़े टेंट लगे हुए थे, उन्हें निर्धारित दूरी पर करवाया, वहीं एसडी कॉलेज में मौजूद उपमंडल अधिकारी सतिंद्र सिवाच ने भी व्यवस्थाओं का जायजा लिया और संबंधित कर्मचारियों को समस्याओं का त्वरित समाधान करवाने के निर्देश दिए।
जोश में दिखे मतदाता
शनिवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया था। इस महापर्व का हिस्सा बनने के लिए सभी आतुर नजर आए। चाहे इसमें बुजुर्ग थे या फिर युवा, वहीं महिलाओं में भी पूरे उत्साह के साथ मतदान करके अपना फर्ज निभाया। हालांकि शुरुआती दौर में सुबह के समय मतदाताओं में रुझान कम नजर आया। शहरी क्षेत्रों में बने बूथ पर मतदाताओं की भीड़ काफी कम रही। एसडी कॉलेज के पास भारतीय पब्लिक स्कूल में भी कुछ ऐसे ही हालात नजर आए जबकि यहां तीन बूथ बनाए गए थे। जबकि डेहा बस्ती और रामबाग रोड के सरकारी स्कूलों में लंबी लाइनें नजर आई। यहां भी तीन से चार बूथ बनाए गए थे। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बाइक रेहड़ी पर पहुंचे राजिंद्र ने पहले मतदान किया और फिर वो परिवार के साथ काम पर चले गए। इस दौरान कुछ महिलाएं घूंघट में भी मतदान करने के लिए पहुंची।
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पहली बार बुजुर्ग महिला ने डाला वोट
सेक्टर 34 निवासी 61 वर्षीय कलावती ने बताया कि उसका आज तक वोट नहीं बना था। इस बार उसके दिव्यांग बेटे ने उसका वोट बनवाया था। इसलिए उसे उत्साह था कि बेटे ने जो काम किया है, उसे जरूर पूरा करना है। इसलिए वो आज वोट करने आई है।
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सेवानिवृत बुजुर्ग फौजी का देखा उत्साह
सेवानिवृत बुजुर्ग फौजी 90 वर्षीय गेंदाराम को देखकर सभी हैरान रह गए, जब उसका बेटा उसे गोदी में उठाकर वोट डलवाने के लिए मतदान केंद्र पर लाया। बुजुर्ग होने के बाद भी उनमें उत्साह की कमी नजर नहीं आई।
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हाथ पर स्याही देख हुई खुशी
सेक्टर 34 निवासी 21 वर्षीय राजेश ने बताया कि अभी कुछ समय पहले ही उसकी वोट बनी है और वो पहली बार मतदान करने के लिए आया है। वो दूसरों की उंगली पर स्याही देखता तो सोचता था कि एक दिन वो भी इस महापर्व का हिस्सा बनेगा जोकि आज पूरा हो गया।
पिंक बूथ पर नजर आया जोश
पिंक बूथ पर भी महिलाओं में काफी जोश नजर आया। मतदान करने के बाद उन्होंने सेल्फी ली और मोबाइल पर भी फोटो अपलोड की। इस दौरान कुछ युवतियां भी नजर आई, उन्होंने बताया कि वो मतदान की फोटो को सोशल मीडिया पर परिजनों, रिश्तेदारों के साथ साझा करेंगी ताकि वो एक याद की तरह नजर आए।
सुरक्षा के रहे पुख्ता प्रबंध
विधानसभा चुनावों के लिए मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। सुरक्षा के लिए अंबाला पुलिस व होमगार्ड के जवानों के अलावा अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी जोकि वाहनों को भी मतदान केंद्र से दूर खड़ा करने के निर्देश देते नजर आए। वहीं किसी भी मतदाता को बूथ पर मोबाइल नहीं ले जाने दिया गया। जिनके पास मोबाइल मिले थे, उन्हें सुरक्षा कर्मचारियों ने गेट पर ही अपने पास रख लिया था और मतदान के बाद वो लौटा दिया।
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बुजुर्ग दंपती ने किया मतदान
भारतीय पब्लिक स्कूल पहुंचे गोबिंद नगर निवासी 75 वर्षीय निर्मल सिंह ने बताया कि यह देश का सबसे बड़ा पर्व है और इसमें सभी को सहभागिता करनी चाहिए। उनकी पत्नी 72 वर्षीय निर्मल कौर ने बताया कि उनके लिए यह सौभाग्य की बात है कि वो देश के इस महापर्व का हिस्सा बन रहे हैं।
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