Ambala News: मंगल पांडे के बिना इंकलाब का शंखनाद नहीं होता


ख़बर सुनें

अंबाला। एमके साहित्य अकादमी पंचकूला व ब्रह्माकुमारीज दयाल बाग छावनी के संयुक्त तत्वावधान में विराट कवि सम्मेलन हुआ। साथ ही सात राज्यों से चुने गए कलमकारों की ताजपोशी और अवार्ड सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। सम्मेलन में देश के कवियों ने हास्य व्यंग रचनाओं से लोगों का मन मोह लिया। डॉ. प्रतिभा माही ने मंगल पांडे के बगैर इंकलाब का शंखनाद नहीं होता, नेहरू-जिन्ना न होते तो क्या देश आजाद नहीं होता, सरदार पटेल और सुभाष को सौंपी होती जिम्मेदारी, इस्लाम भले आबाद होता पर इस्लामाबाद नहीं होता पंक्तियां पेश की।
डॉ. कीर्ति काले ने छोड़ दिए मोतियों के हार स्वर्ण के मुकुट पर प्रतिष्ठा के परिमाण नहीं छोड़े थे, छोड़ी नहीं रीति रघुकुल की, टूटी आन भरत ने राम-पदत्राण नहीं छोड़े थे, छोड़ी जन्मभूमि पाए वन में मिले कष्ट पर रघुवंश के प्रमाण नहीं छोड़े थे, छोड़ा था भले ही राजपाट राम जी ने किंतु हाथों से धनुष और बाण नहीं छोड़े थे आदि पंक्तियां प्रस्तुत की। सागर सूद ने किसी भी शख्स को रोने नहीं दूंगा, बीज नफरत के लोगों को कहीं बोने नही दूंगा, मैं अपने मुल्क की मुस्कान को खोने नही दूंगा, तुझे लड़ना है तो सरहद पे जा बंदूक लेकर, मैं दुनिया में किसी भी शख्स को रोने नहीं दूंगा आदि पंक्तियों से दर्शकों को अचंभित कर दिया।
कवि सम्मेलन का उद्घाटन वरिष्ठ अधिकारियों व आमंत्रित कवियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंच का संचालन लायन दिनेश कुमार सूद ने किया। कार्यक्रम में हरियाणा कला परिषद चंडीगढ़ से अतिरिक्त निर्देशक नागेंद्र शर्मा मुख्यातिथि, दिगंबर जैन सभा अंबाला के अध्यक्ष वीके जैन व करनाल से आर्ट एंड कल्चर विंग को-ऑडिटर नेशनल ब्रह्माकुमारी प्रेम दीदी ने ताज पहनाकर अलंकृत किया।

अंबाला। एमके साहित्य अकादमी पंचकूला व ब्रह्माकुमारीज दयाल बाग छावनी के संयुक्त तत्वावधान में विराट कवि सम्मेलन हुआ। साथ ही सात राज्यों से चुने गए कलमकारों की ताजपोशी और अवार्ड सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। सम्मेलन में देश के कवियों ने हास्य व्यंग रचनाओं से लोगों का मन मोह लिया। डॉ. प्रतिभा माही ने मंगल पांडे के बगैर इंकलाब का शंखनाद नहीं होता, नेहरू-जिन्ना न होते तो क्या देश आजाद नहीं होता, सरदार पटेल और सुभाष को सौंपी होती जिम्मेदारी, इस्लाम भले आबाद होता पर इस्लामाबाद नहीं होता पंक्तियां पेश की।

डॉ. कीर्ति काले ने छोड़ दिए मोतियों के हार स्वर्ण के मुकुट पर प्रतिष्ठा के परिमाण नहीं छोड़े थे, छोड़ी नहीं रीति रघुकुल की, टूटी आन भरत ने राम-पदत्राण नहीं छोड़े थे, छोड़ी जन्मभूमि पाए वन में मिले कष्ट पर रघुवंश के प्रमाण नहीं छोड़े थे, छोड़ा था भले ही राजपाट राम जी ने किंतु हाथों से धनुष और बाण नहीं छोड़े थे आदि पंक्तियां प्रस्तुत की। सागर सूद ने किसी भी शख्स को रोने नहीं दूंगा, बीज नफरत के लोगों को कहीं बोने नही दूंगा, मैं अपने मुल्क की मुस्कान को खोने नही दूंगा, तुझे लड़ना है तो सरहद पे जा बंदूक लेकर, मैं दुनिया में किसी भी शख्स को रोने नहीं दूंगा आदि पंक्तियों से दर्शकों को अचंभित कर दिया।

कवि सम्मेलन का उद्घाटन वरिष्ठ अधिकारियों व आमंत्रित कवियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंच का संचालन लायन दिनेश कुमार सूद ने किया। कार्यक्रम में हरियाणा कला परिषद चंडीगढ़ से अतिरिक्त निर्देशक नागेंद्र शर्मा मुख्यातिथि, दिगंबर जैन सभा अंबाला के अध्यक्ष वीके जैन व करनाल से आर्ट एंड कल्चर विंग को-ऑडिटर नेशनल ब्रह्माकुमारी प्रेम दीदी ने ताज पहनाकर अलंकृत किया।

.


What do you think?

Weather: राजस्थान में कड़ाके की सर्दी और पाकिस्तानी हवाओं का क्या है कनेक्शन?, गिरने की बजाय बढ़ा तापमान

Ambala News: घुड़सवारी शो में कैडेटों के हैरतअंगेज करतब देखकर दर्शक रह गए दंग