जितेंद्र सक्सेना
मुलाना। अंबाला जिले के अंतर्गत आरक्षित सीट मुलाना में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। यहां मौजूदा सांसद वरुण चौधरी की पत्नी और पूर्व मंत्री फूलचंद की पुत्रवधू पूजा चौधरी कांग्रेस की टिकट पर मैदान में हैं। लिहाजा दोनों नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।
दूसरी ओर, भाजपा से पूर्व विधायक व हरियाणा में तैनात आईएएस सुशील सारवान की माता संतोष सारवान पर भाजपा ने फिर भरोसा जताया है। संतोष वर्ष 2014 में मोदी लहर में पहली बार मुलाना से विधायक बनी थी मगर वर्ष 2019 में भाजपा ने संतोष का टिकट काट दिया और इनेलो से पूर्व विधायक रहे राजबीर सिंह को चुनाव लड़वाया था। राजबीर कड़े मुकाबले में कांग्रेस के वरुण चौधरी से हार गए थे।
वरुण चार बार के विधायक व पूर्व मंत्री चौधरी फूलचंद के बेटे हैं। इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने वरुण का इस्तीफा दिलवाकर उन्हें अंबाला की आरक्षित लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़वा दिया और वरुण चुनाव जीतकर अंबाला के सांसद बन गए। अब विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने मुलाना सीट पर वरुण की पत्नी और फूलचंद की पुत्रवधू पूजा को टिकट थमाई है। अब पति और ससुर पूजा को जितवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। वहीं संतोष सारवान भी इसी सीट से दूसरी बार अपनी जीत दर्ज करवाने के लिए अपनी टीम के साथ जुटी हैंं।
भाजपा और कांग्रेस की टक्कर में इनेलो-बसपा गठबंधन भी समीकरण बिगाड़ सकता है। यहां गठबंधन के प्रकाश भारती चुनाव लड़ रहे हैं। देखा जाए तो इस सीट पर इनेलो दो बार अपना विधायक बना चुकी है और यहां इनेलो को 47.5 प्रतिशत वोट भी प्राप्त हो चुके हैं। बसपा प्रत्याशी प्रकाश भारती को यहां वर्ष 2009 के चुनाव में 21.67 प्रतिशत हासिल हुए थे। ये बसपा का वोट बैंक था। इस बार तो बसपा के साथ इनेलो भी है और इनेलो का यहां अपना अच्छा काडर है। लिहाजा ये गठबंधन भी भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देगा। इनके अलावा यहां आम आदमी पार्टी से गुरतेज सिंह, जजपा से डॉ. रविंद्र धीन समेत अन्य निर्दलीय भी चुनाव लड़ रहे हैं।
ये हैं क्षेत्र के मुद्दे
उल्लेखनीय है कि मुलाना एक एजुकेशन हब के साथ-साथ ऐतिहासिक क्षेत्र हैं। यहां माता बाला सुंदरी मंदिर की बहुत मान्यता है। इसके अलावा यहां प्राइवेट विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज भी है। यहां के लोग टूटी सड़कें, बेसहारा पशुओं और हाईवे पर लगी लाइटों के बंद होने की समस्या से परेशान हैं। इसके अलावा मारकंडा और नकटी नदी में बारिश के दौरान क्षेत्र के गांव हेमामाजरा, जफरपुर और सरदाहेड़ी गांव के आसपास के क्षेत्र में पानी भरने की समस्या का कई वर्ष बाद भी समाधान नहीं हुआ है।
धीन गांव के प्रिंस सैनी के मुताबिक साहा में चौक के आसपास और दोसड़का गांव से बराड़ा की ओर जाने वाली सड़क पर बने गड्ढों की समस्या का अभी तक समाधान नहीं किया गया है। परमजीत सिंह ओबराय ने बताया कि वैसे तो धीन गांव और मुलाना में विकास के कार्य कराए गए हैं लेकिन जानकारी न होने के कारण ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। सतनाम सिंह का कहना है कि पुल के नीचे से श्मशान घाट को जाने वाले रास्ते का निर्माण अभी तक नहीं कराया गया है। इसके अलावा दोसड़का और साहा के प्रमुख चौक पर क्यू शेल्टर नहीं है। भगवान सिंह बताते हैं कि वैसे तो मुलाना शिक्षा का हब है पर यहां रोजगार के साधनों की उपलब्धता न होने के कारण बेरोजगार युवाओं की संख्या काफी है। रमेश कुमार का कहना है कि अंबाला-यमुनानगर मार्ग पर बेसहारा पशु सड़कों पर बैठे रहते हैं। इनके कारण कई हादसे भी हो चुके हैं लेकिन पशुओं की इस समस्या का आज तक समाधान नहीं हुआ। रवि के अनुसार हाईवे पर लगाई गई लाइटें अक्सर खराब रहती हैं। जिससे रात में इस मार्ग से आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।
अब तक ये बने विधायक
इस सीट पर 1967 में आरपीआई से आर. प्रसाद, 1968 में कांग्रेस के राम प्रकाश, 1972 में कांग्रेस से फूल चंद और 1977 में जनता पार्टी से शेर सिंह विधायक चुने गए थे। वर्ष 1982 में फूल चंद ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। वर्ष 1987 में भाजपा से सूरजभान, 1991 में कांग्रेस से फूलचंद मुलाना, 1996 में समता पार्टी से रिसाल सिंह और 2000 में इनेलो से रिसाल सिंह, 2005 में कांग्रेस से दोबारा फूल चंद मुलाना, 2009 में इनेलो से राजबीर सिंह, 2014 भाजपा से संतोष चौहान सारवान और 2019 में कांग्रेस से फूलचंद के बेटे वरुण चौधरी यहां से जीतकर विधायक बने।
मतदाताओं पर एक नजर
मुलाना एससी बहुल क्षेत्र है और इस क्षेत्र में एससी मतदाताओं की संख्या करीब 78431 है। यहीं वोटर यहां निर्णायक रहते हैं। मुलाना सीट पर कुल दो लाख 25 हजार 332 मतदाता हैं। इनमें से एक लाख 18 हजार 700 पुरुष और एक लाख चार हजार 922 महिला और तीन थर्ड जेंडर मतदाता हैं।
तीन विधानसभा चुनाव के परिणाम
वर्ष प्रत्याशी पार्टी कुल वोट जीत का अंतर
2009 राजबीर सिंह इनेलो 47185 2937 2014 संतोष सारवान भाजपा 49970 5649
2019 वरुण मुलाना कांग्रेस 67051 1688