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अंबाला। अंबाला रेल मंडल में कार्यरत लगभग 14 हजार कर्मचारियों सहित परिजनों की समस्या अभी तक बरकरार है, उन्हें रेलवे के सबसे बड़े अस्पताल जोकि अंबाला छावनी की रेलवे कॉलोनी में स्थित है, में मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही। ऐसे में उनकी परेशानी कम होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है।
यह समस्या रेलवे अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ की कमी की वजह से है, मात्र एक विशेषज्ञ की मदद से उन्हें उपचार की सुविधा मिल रही है, लेकिन इसके लिए कर्मचारियों और परिजनों को घंटों लंबा इंतजार करना पड़ता है। पहले भी रेलवे प्रशासन से इस समस्या के समाधान को लेकर लोगों ने गुहार लगाई थी और उन्हें उम्मीद थी कि समस्या का समाधान हो जाएगा जोकि आजतक नहीं हुआ। रेलवे अस्पताल आए सतपाल शर्मा, मदन, राकेश कुमार, गीता देवी और रुपा देवी ने बताया कि यह समस्या प्रत्येक बुधवार को है।
पहले तो सुबह 7 बजे अस्पताल पहुंचकर लंबी लाइन में लगते हैं और फिर जब नंबर आता है तो नेत्र चिकित्सक से जांच के लिए घंटों उनके कमरे के बाहर बैठे रहते हैं। उन्होंने बताया कि मात्र एक घंटे में ही सुबह 9 बजे ओपीडी की संख्या 35 से 40 तक पहुंच जाती है। सबसे बड़ी परेशानी दूर-दराज क्षेत्रों से आए लोगों को झेलनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि समस्या के समाधान को लेकर पहले भी कई बार रेलवे प्रशासन को जानकारी दी गई थी कि नेत्र विशेषज्ञ की ओपीडी सप्ताह में एक दिन नहीं बल्कि तीन दिन तक हो ताकि उन्हें बिना किसी परेशानी के उपचार की सुविधा उपलब्ध हो सके। लेकिन आश्वासन के सहारे ही काम चल रहा है जबकि समस्या आज भी त्यों की त्यों बनी हुई है।
वर्जन
मामला मेरे संज्ञान में आया है। इसे लेकर कार्रवाई चल रही है ताकि रेलवे कर्मचारियों और परिजनों की समस्या का उचित समाधान हो सके।
एमएस भाटिया, डीआरएम अंबाला।
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