अंबाला। छावनी की प्रतिष्ठित श्री दिगंबर जैन सभा के प्रधान अशोक जैन ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने संस्था के महामंत्री विवेक जैन को एक पत्र से इस बारे में सूचित किया।
त्यागपत्र देते हुए प्रधान अशोक जैन ने बताया कि 24 नवंबर 2024 को सभी सदस्यों ने मुझ पर विश्वास जताते हुए प्रधान पद का दायित्व सौंपा था। इस दायित्व को पूरा करने के लिए उन्होंने हर संभव प्रयास किए लेकिन कुछ अपरिहार्य परिस्थितियों के चलते ये त्यागपत्र देना पड़ रहा है। इस त्यागपत्र में प्रधान अशोक जैन ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है।
भले ही सभा के प्रधान ने त्यागपत्र दे दिया हो, मगर पदाधिकारियों ने मनमर्जी से भर्ती करने, वित्तीय नियमों की अनदेखी करने के जो आरोप लगाए हैं। उनकी जांच को लेकर क्या स्थिति रहेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं किया है और न ही ऑडिट या जांच के लिए कोई निर्देश दिए हैं। रातोंरात जिन पुराने पदाधिकारियों को बिना सूचित करे कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उन पर आगामी क्या फैसला होगा, इस पर भी संशय बरकरार है।

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अनियमितताओं की जांच के लिए सहमत
श्री दिगंबर जैन सभा में कुछ ही समय पहले अचानक से प्रधान ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए कार्यकारिणी में बदलाव कर दिया था और नए पदाधिकारियों को शपथ दिलाते हुए पद का दायित्व दे दिया था। इसके बाद से ही प्रधान पर कुछ पदाधिकारियों की ओर से अनियमितताओं के आरोप लगाए जा रहे थे। त्यागपत्र में आरोपों का खंडन करते हुए प्रधान ने इस मामले में पदाधिकारियों को निष्पक्ष रूप से जांच कराने के लिए कहा है और इस जांच में अपनी सहमति भी दर्ज कराई है।
सभा की प्रतिष्ठा बचाने का दिया तर्क
प्रधान अशोक जैन ने त्यागपत्र में श्री दिगंबर जैन सभा की प्रतिष्ठा बचाने का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा है कि पिछले कुछ दिनों से सभा की प्रतिष्ठा चौक-चौराहों तक धूमिल हो रही है। इससे सभा की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। ऐसा किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसलिए वे हाथ जोड़कर तुरंत प्रभाव से सभा के प्रधान पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। अंत में उन्होंने सभा के महामंत्री विवेक जैन से चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का निवेदन भी किया है।