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अंबाला सिटी। तापमान में गिरावट के बाद से ही डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अभी तक जिले में डेंगू के छह मामले सामने आ चुके हैं। इसमें चार मरीज ठीक हो चुकी है जबकि दो अभी भी अंबाला शहर नागरिक अस्पताल में उपचाराधीन है।
उधर, स्वास्थ्य विभाग ने आईएमए व अन्य निजी अस्पतालाें को डेंगू के मरीज को उपचार देने के लिए गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के अनुसार ही निजी अस्पतालों को मरीजों का उपचार करना होगा।
सभी नागरिक अस्पतालाें नारायणगढ़, मुलाना, अंबाला छावनी और अंबाला सिटी में फीवर वार्ड भी बनाए गए हैं, जहां पर बुखार के मरीजों को ही रखा जाएगा। विभाग ने जिला परिषद, नगर निगम और नगर परिषद को भी फिर से पत्र लिखकर मच्छरों की दवा लेने के लिए कहा है।
सभी तालाबों और अन्य पानी वाली जगहों के लिए भी गंबूजिया मछली उपलब्ध हैं। विभाग की ओर से लगभग 800 कर्मचारियों की टीमें लगातार घरों में जाकर लारवा की जांच कर रही है।
एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट ही होगी मान्य
जिला महामारी नियंत्रक डॉ. सुनील हरि ने बताया कि डेंगू की जांच के लिए सिर्फ एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट ही मान्य होगी। इसके अलावा अन्य किसी टेस्ट की रिपोर्ट को मान्य नहीं किया जाएगा।
निजी अस्पताल टेस्ट के लिए 600 रुपए से अधिक शुल्क नहीं ले सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास एलाइजा टेस्ट करने के लिए प्रर्याप्त मात्रा में किट उपलब्ध एक समय में किट से 90 टेस्ट किए जा सकते हैं।
प्रत्येक वर्ष 10 हजार से 12 हजार टेस्ट करता है। विभाग ने अपने सभी 40 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्राें और 107 उप केंद्रों में फीवर क्लीनिक स्थापित किए हैं। यहां पर बुखार के मरीजों की प्राथमिक जांच होगी।
उन्होंने बताया कि अक्सर ही बुखार होने पर मरीज अपना उपचार खुद ही करवा लेते हैं और अनावश्यक टीके और ग्लूकोज लगवा लेते हैं। लेकिन बुखार में बिना परामर्श के यह करना खतरनाक हो सकता है।
जलाशयों के पास खतरा अधिक, घर से बाहर निकलते समय पहले पूरे कपड़े
डॉ. सुनील हरि ने बताया कि जिला अंबाला के कालाअंब, शहजादपुर, टांगरी नदी का क्षेत्र सहित अन्य जलाशयों वाली जगहों पर डेंगू के मच्छर का खतरा सबसे अधिक होता है। इसलिए जब भी घर से बाहर निकलें तो पूरे कपड़े पहन कर ही निकले। इन दिनों तापमान में गिरावट होती है। ऐसे मौसम में डेंगू का मच्छर बहुत जल्दी पनपता है। इसलिए घरों व आस-पास के क्षेत्रों में साफ-सफाई रखें।
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