[ad_1]
कैथल। जिले की एकमात्र 1977 में अस्तित्व में आई आरक्षित क्षेत्र गुहला विधानसभा सीट अधिकतर चुनाव में ताऊ देवीलाल का गढ़ रहा है। यहां पर सबसे अधिक बार ताऊ देवीलाल की लोकदल और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के समय में सबसे अधिक बार उनकी पार्टी का ही विधायक बना है।
जबकि वर्ष 2014 में पहली बार भाजपा का इस क्षेत्र में विधायक बना है। इसके साथ ही इनेलो से नेता बनने के बाद ही दूसरी पार्टियों से कई नेता विधायक बने हैं। इसमें सबसे अधिक दिल्लू राम बाजीगर सबसे अधिक बार क्षेत्र के विधायक बने हैं। प्रदेश में इनेलो जहां 2004 से सत्ता से दूर हैं। कैथल में भी इनेलो के हाथ 15 साल से खाली हैं।
इनेलो का गढ़ माने जाने वाली गुहला की आरक्षित सीट से वर्ष 2009 में इनेलो से फूल सिंह खेड़ी हलके से विधायक बने थे। इसके बाद से इनेलो अपना गढ़ माने जाने आरक्षित सीट गुहला में कोई करिश्मा नहीं दिखा पाई है।
शुरुआत में अधिकतर नेता इनेलो पार्टी के रहे कार्यकर्ता-
1977 में अस्तित्व में आई गुहला विधानसभा सीट पर शुरुआत में अधिकतर नेता इनेलो के कार्यकर्ता रहे हैं। इसमें हल्के के पहले विधायक बनने वाले ईश्वर सिंह का शुरुआत में ताऊ देवीलाल का समर्थन था। इसके बाद दिल्लूराम और बूटा सिंह भी लोकदल के कार्यकर्ता भी रहे। वहीं, 2000 से लेकर 2005 तक अमर सिंह ढांडे भी लोकदल के नेता रहे हैं।
गुहला में 1977 से लेकर 2019 तक यह बने विधायक-
वर्ष विधायक बने पार्टी
1977 ईश्वर सिंह जनता पार्टी
1982 दिल्लू राम लोकदल
1987 बूटा सिंह लोकदल
1991 अमर सिंह ढांडे झारखंड पार्टी
1996 दिल्लू राम कांग्रेस
2000 अमर सिंह ढांडे इनेलो
2005 दिल्लू राम कांग्रेस
2009 फूल सिंह खेड़ी इनेलो
2014 कुलवंत राम बाजीगर भाजपा
2019 ईश्वर सिंह जजपा
[ad_2]
Source link