in

Ambala News: तहसीलदार, पंचायत अफसर व पुलिस पराली जाने से रोक रहे, प्रदेश में 280 मामले आ चुके Latest Haryana News

[ad_1]

अंबाला सिटी। प्रदेश में धान कटाई ने जोर पकड़ लिया है। कटाई के साथ ही खेतों में फसल अवशेष जलाने के मामले भी बढ़ रहे हैं। अवशेष जलाने से रोकने के लिए प्रशासन की ओर से तहसीलदार, पंचायत अफसर व संबंधित क्षेत्र के एसएचओ की ड्यूटी भी लगाई गई है। प्रदेश की बात करें तो सबसे ज्यादा मामले करनाल और कुरुक्षेत्र में आ रहे हैं, जबकि कैथल तीसरे नंबर पर है। इन केस को रोकने के लिए जिला से गांव स्तर पर टीम का गठन किया गया है। दरअसल, बीती 15 सितंबर से फसल अवशेष जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। 2 अक्तूबर के बाद से मामलों की संख्या ज्यादा बढ़ गई है। यह समस्या हर वर्ष देखने को मिलती है।

Trending Videos

प्रशासन ने जिला से गांव स्तर पर टीम का किया गठन

अंबाला जिला प्रशासन ने फसल अवशेष में आगजनी को लेकर जिला से गांव स्तर पर टीम का गठन किया है। इनमें जिला स्तर की टीमों में जिला राजस्व अधिकारी, उपनिदेशक कृषि एवं कल्याण विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी और कृषि विभाग से संबंधित जिला स्तर के अधिकारी शामिल किए गए हैं। खंड स्तर टीम में विभिन्न विभागों से अधिकारियों को नोडल अधिकारी की सहायता के नियुक्त किया गया है। खंड स्तर की टीमों में खंड विकास अधिकारी, पंचायत विभाग के अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खंड कृषि विकास अधिकारी व अन्य कृषि विभाग से संबंधित अधिकारियों को शामिल किया गया है। गांव स्तर की टीमों में पटवारी, ग्राम सचिव, कृषि विकास अधिकारी व गांव के सरपंच, पंच, नंबरदार को शामिल किया गया है।

इन जिलों में आए पराली जलाने के मामले

जिला केस

अंबाला 27

फरीदाबाद 14

फतेहाबाद 14

हिसार 05

जींद 24

कैथल 35

करनाल 43

कुरुक्षेत्र 46

पलवल 16

पंचकूला 03

पानीपत 11

रोहतक 03

सिरसा 06

सोनीपत 19

यमुनानगर 14

नोट: यह आंकड़े 11 अक्तूबर तक के हैं।

वर्जन

इस बार बारिश की वजह से खेत गीले पड़े हैं। इस वजह से पराली की गांठ भी नहीं बनती। फसल अवशेष को जलाना किसानों की मजबूरी भी बन गया है, क्योंकि अगर वह पराली को खेत में मिलाएगा तो इसके लिए उसको करीब 15 दिन का समय लगेगा और खर्च भी ज्यादा होगा। इस वजह से किसान की आलू व सरसों की फसल भी लेट होगी। सरकार ने अभी तक पराली को लेकर कोई ठोस प्रबंधन नहीं किया है। इसको लेकर सरकार को कदम उठाना चाहिए।

गुरमीत सिंह माजरी, जिला प्रधान, भाकियू शहीद भगत सिंह।

वर्जन

हरसेक सेटलाइट के माध्यम से जिले में 10 अक्तूबर तक फसल अवशेष के 18 मामले सामने आए थे। इनमें से 11 किसानों के चालान किए गए हैं। छह लोकेशन ऐसी मिली थी, जहां आग लगी नहीं पाई गई। विभाग की टीम फील्ड में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। जिला प्रशासन की ओर से खंड स्तर पर कमेटी भी बनाई गई है। इनमें बीडीपीओ, तहसीलदार, कृषि विभाग, केविके व पुलिस की टीम चेकिंग के लिए जा रहे हैं।

दीनदयाल शर्मा, तकनीकी सहायक, कृषि विभाग।

[ad_2]

Source link

Charkhi Dadri News: मंडी में बाजरे की आवक ने पकड़ा जोर एजेंसी अब एकसाथ खरीदेगी दो ढेरियां Latest Haryana News

Ambala News: जान जोखिम में डाल अधूरे पुल से निकल रहे लोग Latest Haryana News