{“_id”:”67647c6d0afd011d6d04c177″,”slug”:”door-to-door-garbage-collection-scheme-eclipsed-ambala-news-c-36-1-amb1001-134633-2024-12-20″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Ambala News: डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रित करने की योजना पर ग्रहण”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
अंबाला छावनी के हिल रोड पर प्राइवेट सफाई कर्मचारियों द्वारा फैंके गए कचरे में मुंह मारते बेसहार
अंबाला। नगर परिषद की डोर-टू-डोर योजना पर ग्रहण लगता जा रहा है। गली-मोहल्लों से कचरा एकत्रित करने वाले कर्मचारियों की संख्या धीरे-धीरे कम होने लगी है। इस कारण लोगों को प्राइवेट कर्मचारियों की मदद लेनी पड़ रही है। उन्हें प्रतिमाह के हिसाब से 200 से 500 रुपये का भुगतान भी किया जा रहा है यानी जितना बड़ा घर, उतना अधिक खर्च।
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यह समस्या अंबाला छावनी के कई क्षेत्रों में है। अंबाला की सबसे प्रमुख कॉलोनियां हाउसिंग बोर्ड, सुभाष कॉलोनी, गोबिंद नगर, राम नगर, राजा पार्क सहित दर्जनों ऐसे क्षेत्र हैं। जहां आजतक डोर-टू-डोर कर्मचारी कूड़ा लेने के लिए नहीं पहुंचे। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज भी इन क्षेत्रों में प्राइवेट कर्मचारी रोजाना सुबह अपनी रेहड़ी लेकर पहुंचते हैं। इसी रेहड़ी पर कचरे को लादकर वो अलग-अलग स्थानाें पर फैंकते हैं।
अधिकारियों के पास भी पहुंची थी शिकायत
डोर-टू-डोर कचरा एकत्रित करने की सुविधा आजतक पूरी तरह से धरातल पर नहीं उतर पाई है। आज भी लोग या तो खुद घर से निकले कचरे को सड़क किनारे फैंकने पर मजबूर हैं, या फिर प्राइवेट कर्मचारियों के सहारे। ऐसी कई शिकायतें पूर्व में भी नप अधिकारियों के संज्ञान में आई थी। अधिकारियों ने इसके लिए एक प्रक्रिया बनाने के निर्देश भी दिए थे। इसके तहत जब भी संबंधित क्षेत्र में कचरा लेने जाएं तो मौके की जीपीएस आधारित फोटो जरुर खींचें। बावजूद इसके हालात नहीं सुधरे।
वाहनों में लगाए जीपीएस
डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रीकरण को लेकर नगर परिषद ने एक नई प्रक्रिया आरंभ की है। इसके तहत कूड़ा एकत्रित करने वाली ट्रॉलियों व अन्य वाहनों पर जीपीएस आधारित सिस्टम लगाया गया है। इसकी मदद से कचरा उठाने वाले वाहन की लोकेशन मिल जाती है जोकि शिकायत के समय काफी मददगार साबित हो रही है।
सुपरवाइजरों पर भी नजर
अंबाला छावनी को गंदगी मुक्त करने के लिए नप अधिकारी लगातार प्रयासरत हैं। अब सफाई व्यवस्था में जुड़े सुपरवाइजरों को भी सुबह हाजिरी के समय व्हाट्सएप पर फोटो भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्राें की विभागीय अधिकारियों द्वारा निगरानी भी की जा रही है। इसमें सुपरवाइजर की कार्यशैली को भी परखा जा रहा है और स्थानीय लोगों से भी फीडबैक लिया जा रहा है।
अंबाला छावनी के सभी 32 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रित करने का कार्य किया जा रहा है। अगर किसी गली में कर्मचारी नहीं आ रहे तो इसकी जानकारी नप कार्यालय में दे सकते हैं। रोजाना फीडबैक भी लिया जा रहा है।