{“_id”:”676b51eb3231629d620f9703″,”slug”:”salary-of-170-stuck-in-dfcil-corridor-ambala-news-c-36-1-amb1001-134880-2024-12-25″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Ambala News: डीफसीसीआईएल कॉरीडोर में अटक रहा 170 का वेतन”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
अंबाला छावनी के रेलवे कॉलोनी स्थित डीएफसीसीआईएल का कार्यालय। फाइल फोटो – फोटो : वृंदावन में देवरहा बाबा की जलसमाधि के दौरान मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी व अन्य। फाइल फोटो
अंबाला। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) में काम करने वाले विद्युत विभाग के लगभग 170 कर्मचारियों पर आर्थिक संकट छा गया है। यह संकट वेतन में देरी की वजह से है। ठेकेदार के सुपरवाइजर मनमर्जी करते हुए इसे दूसरे महीने के अंतिम दिनों में दे रहे हैं। इस कारण कार्य में जुटे कर्मचारियों को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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ऐसी ही एक शिकायत डीएफसीसीआईएल के मुख्य महाप्रबंधक के पास पहुंची है। इस शिकायत के संज्ञान में आने के बाद महाप्रबंधक ने एक विशेष कमेटी का गठन किया है। कमेटी एक सप्ताह के अंदर इस मामले से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट महाप्रबंधक के समक्ष प्रस्तुत करेगी ताकि तथ्यों के आधार पर लापरवाही बरतने वाले संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई हो सके। वहीं अगर कोई विभागीय कर्मी भी इसमें दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
एक साल से परेशानी
महाप्रबंधक को दी शिकायत में कर्मचारियों ने बताया कि वो पिछले लगभग तीन सालाें से डीएफसीसीआईएल परियोजना से जुड़े हुए हैं। पूरी निष्ठा व लग्न के साथ वो अपना काम कर रहे हैं। लगभग एक डेढ़ साल से उन्हें सैलरी को लेकर दिक्कत झेलनी पड़ रही है। जबसे नई कंपनी ने ठेका संभाला है, तभी से ऐसे हालात बने हैं। जबकि कॉरिडोर से जुड़े अन्य विभागों के कर्मचारियों को समय पर सैलरी मिल रही है। इस संबंध में दर्जनों पत्र लिखे गए, लेकिन समस्या का आजतक समाधान नहीं हो पाया।
सुपरवाइजर पर शोषण के आरोप
दो माह बाद सैलरी मिलने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे प्राइवेट कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ठेकेदार के सुपरवाइजर द्वारा सैलरी को लेकर गोलमाल किया जा रहा है। न तो उन्हें सैलरी स्लिप दी जा रही है और न ही पूरी सैलरी। आरटीआई के माध्यम से जुटाई जानकारी के तहत टेक्नीशियन की सैलरी 953 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से निर्धारित है, लेकिन उन्हें मात्र 17 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा हेल्पर की सैलरी 17 हजार रुपये हैं, लेकिन उन्हें 11 हजार 100 रुपये दिए जा रहे हैं।
वर्जन
मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। तथ्यों के आधार पर प्राप्त शिकायत का समाधान किया जाएगा। इस मामले में अगर किसी की लापरवाही पाई गई तो उसके खिलाफ भी नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
पंकज गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक, डीएफसीसीआईएल अंबाला।